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गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी ने कहा, 'पूरा उत्तर प्रदेश 10 मार्च से ही मना रहा है होली'

CM Yogi In Gorakhpur: होलिका दहन यात्रा का शुभारंभ करने के बाद CM योगी ने कहा कि आजादी के बाद गोरखपुर जिले की सभी 9 विधानसभा सीटों पर पहली बार भाजपा को जीत मिली।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Shreya
Published on: 17 March 2022 6:38 PM IST (Updated on: 17 March 2022 6:57 PM IST)
Gorakhpur: सीएम योगी बोले- ‘गोरखपुर संग पूरा उत्तर प्रदेश 10 मार्च से ही मना रहा होली’
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सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो- न्यूजट्रैक) 

CM Yogi In Gorakhpur: बुधवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने होलिका दहन यात्रा (Holika Dahan Yatra) में शिरकत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि होली (Holi 2022) तो आज आई है, यूपी संग गोरखपुर (Gorakhpur) की जनता 10 मार्च से ही होली (Happy Holi) के रंग में रंगी हुई है। चुनाव ने साबित कर दिया है कि सत्य की जीत होती है।

शाम 4 बजे पाण्डेय हाता चौराहे (Pandey Hata Chauraha) से होलिका दहन यात्रा का शुभारंभ करने के बाद CM योगी ने कहा कि आजादी के बाद गोरखपुर जिले की सभी 9 विधानसभा सीटों पर पहली बार भाजपा को जीत (BJP Victory) मिली। गोरखपुर मंडल की 28 सीटों में से 27 पर जीत मिली। इसके लिए गोरखपुर और आसपास के जिले के नागरिकों का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona Virus) में यूपी दुनिया में मॉडल बना। हमनें सेहत का ध्यान तो रखा ही लोग भूखे पेट नहीं सोएं इसका भी इंतजाम किया। इसके बाद योगी ने फूलों की होली (Phool Ki Holi) खेली। इस दौरान पूर्व विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल, भजन गायक नन्दू मिश्रा, विधायक विपिन सिंह भी शामिल हुए।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

19 को निकलेगी भगवान नरसिंह की शोभायात्रा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और श्री होलिकोत्सव समिति महानगर परंपरागत रूप से निकाली जाने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा (Narsingh Shobha Yatra) 19 मार्च को सुबह 8.30 बजे घंटाघर से निकलेगी। अबीर-गुलाल और रंगों के बीच शोभा यात्रा को घंटाघर में सीएम योगी आदित्यनाथ संबोधित करेंगे। उसके बाद ध्वज प्रणाम और प्रार्थना होगी। प्रांत संघ चालक सुभाष जी, गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान नरसिंह की महाआरती कर शोभायात्रा के रथ पर सवार होंगे। रंग गुलाल खेलते हुए शोभा यात्रा का प्रस्थान होगा। सामाजिक समरसता व पारस्परिक सदभाव को सुदृढ़ करते इस आयोजन के लिए इस बार लोगों में गजब का उत्साह है।

श्री होलिकोत्सव समिति महानगर के अध्यक्ष इंजीनियर अरुण प्रकाश मल्ल, समिति के मंत्री मनोज जालान कहते हैं कि भगवान नरसिंह की शोभायात्रा भाजपा की जीत के उल्लास की भी यात्रा होगी। शोभा यात्रा घंटाघर से निकल कर मदरसा चौक, लालडिग्गी, मिर्जापुर, घासी कटरा, जाफरा बाजार, चरण लाल चौक, आर्यनगर, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक होते हुए घंटाघर लौट कर विसर्जित हो जाएगी। शोभायात्रा में नशा कर शामिल होना प्रतिबंधित है। इसके अलावा नीला और काला रंग इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है।

आयोजन की ये हैं तैयारियां

श्री होलिकोत्सव समिति महानगर के अध्यक्ष इंजीनियर अरुण प्रकाश मल्ल बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का ध्वज 20 फीट का होगा। बांसुरी की मधुर धुन के बीच ध्वज चढ़ाया और बिगुल की गूंज के साथ उतारा जाएगा। शोभायात्रा में तुरही व नगाड़ा शामिल होंगे जिनसे अतिथियों का स्वागत होगा। भगवान नरसिंह की महाआरती होने के बाद तुरही व नगाड़ा की आवाज भी गूंजेगी। इस बार शोभायात्रा में पांच ट्रालियां शामिल की जाएंगी, जिन पर रंग घोलकर रखा होगा। हर ट्राली पर 15-20 स्वयं सेवक होंगे जो पिचकारियों सें लोगों पर रंगों की बौछार करेंगे। शोभायात्रा लगभग 8 किलोमीटर घूमती है। 200 किलोग्राम अबीर-गुलाल उड़ा दिए जाते हैं। 2 क्विंटल गुलाब व गेंदा के फूलों की पंखुड़ियां होती हैं जिसके भी होली खेली जाती है।

1944 में नानाजी देशमुख ने संभाली यात्रा की बागडोर

भगवान नरसिंह की रंगभरी शोभायात्रा की शुरुआत कब हुई, इसकी जानकारी नहीं है। इस शोभायात्रा में गाली-गलौच, लोगों के कपड़े फाड़ देना, कीचड़ फेंकना, शराब पीकर शामिल होना, आम बात थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में 1939 में गोरखपुर आए नानाजी देशमुख को यह अच्छा नहीं लगा। स्वयं सेवकों की मदद से उन्होंने 1944 से शोभायात्रा की बागडोर अपने हाथ में ले ली। हालांकि व्यवस्थित शोभायात्रा का कैंट थाने में रिकार्ड 1948 से मिलता है। तभी से यह शोभायात्रा संघ के निर्देशन में निकाली जाती है। यात्रा के दौरान केवल लाल-पीले रंगों, फूलों व अबीर-गुलाल का प्रयोग किया जाता है। इसमें तीन डीजे शामिल होते हैं। भगवान नरसिंह का रथ सबसे पीछ़े होता है। उस रथ पर भी रंग घोल कर रखा रहता है। उसके पीछे नगर निगम का एक टैंकर चलता है जो जरूरत पड़ने पर पानी उपलब्ध कराता रहता है।

मामचंद (फोटो- न्यूजट्रैक)

सीएम योगी की दीवानगी में जयपुर से पैदल चले आए मामचंद

गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अटूट निष्ठा रखने वाले सिर्फ प्रदेश ही नहीं वरन देश के अन्य राज्यों में भी हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर के प्रति दीवानगी का आलम यह कि राजस्थान के जयपुर से मामचंद आनंद पैदल ही उनसे मिलने गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। मामचंद नाथपंथ और योगी आदित्यनाथ से बेहद प्रभावित हैं और पंथ में शामिल हो अध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए योगी का मार्गदर्शन चाहते हैं।

जयपुर के रहने वाले मामचंद आनंद पेशे से वाहन चालक हैं। वह तीन बच्चों के पिता हैं और अब गृहस्थ से सन्यास जीवन में आकर अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को समझना चाहते हैं। उनका कहना है कि शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथपंथ उन्हें खासा प्रभावित करता है। कारण, इस पंथ का ध्येय लोक कल्याण है और वर्तमान में गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में भी पंथ के ध्येय को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया वह जयपुर से पैदल इसलिए चल पड़े कि वह अपने नए साधना पथ के प्रति समर्पण दिखा सकें।

मामचंद को उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद उनके जीवन में नई दिशा दिखाई देगी। मामचंद को गोरखनाथ मंदिर में देखने वालों की अच्छी संख्या है। लोगों उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं। मामचंद सादगी के साथ मंदिर में रह रहे हैं।

हिन्दु धर्म के प्रति निष्ठा से गोरक्षपीठ खींच लाया

मामचंद बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ के हिन्दुत्व के प्रति आस्था और कार्यों से खिंचा चला आया। उनके भाषणों को लंबे समय से सुन रहा हूं। मुख्यमंत्री बनने में आ रही अड़चनों की खबरों को देखते कर परेशान था। लेकिन 10 मार्च को जैसे ही परिणाम सामने आया तभी कदम और तेज हो गए। योगी गोरखपुर में चार दिनों तक रहेंगे। उनसे मुलाकात की कोशिश करूंगा। मुख्यमंत्री का शपथ लेने से पहले एक बार मिलना चाहता हूं।

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