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Gorakhapur News: छोटे कारोबारियों को झटका: अब नहीं मिलेगी छोटे उद्योगों वाली सुविधाएं, मंत्रायल ने दूर किया भ्रम
खुदरा और थोक कारोबारियों को एमएसएमई की सुविधाएं देने के दो महीने पूर्व लिये गए निर्णय को केन्द्र सरकार ने वापस ले लिया है। अब व्यापारियों को बैंक से ऋण की ही सुविधा मिलेगी।
Gorakhapur News: खुदरा और थोक कारोबारियों को एमएसएमई की सुविधाएं देने के दो महीने पूर्व लिये गए निर्णय को केन्द्र सरकार ने वापस ले लिया है। अब व्यापारियों को बैंक से ऋण की ही सुविधा मिलेगी। इसे लेकर मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज के डिप्टी डायरेक्टर अमित के तमारिया ने आदेश जारी कर दिया है।
एमएसएमई मंत्रालय की तरफ से बीते 2 जुलाई को जारी आदेश में खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया था। साथ ही उन्हें उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकृत होने की अनुमति दी थी। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया था कि इसका उपयोग 'प्राथमिकता क्षेत्र ऋण और उधार' तक सीमित है। लघु उद्योगों को दी जाने वाली वरीयता ऋण सुविधा का लाभ अब ब्यापारियों को भी उपलब्ध होगा। इस निर्णय को लेकर लघु उद्योग भारती समेत कई संगठनों ने विरोध किया था। वहीं व्यापारिक संगठनों की तरफ से इसका स्वागत किया गया है। अब 18 अगस्त को मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज के डिप्टी डायरेक्टर अमित के तमारिया द्वारा जारी आदेश में भ्रम की स्थिति को दूर किया गया है।
लघु उद्योग भारती ने किया था विरोध
लघु उद्योग भारती के गोरखपुर चैप्टर के अध्यक्ष दीपक कारीवाल ने बताया कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर लघु उद्योग भारती ने विरोध किया था। जिसके परिणाम स्वरूप केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय ने बीते 18 अगस्त को आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट किया है। जहां तक खुदरा और थोक व्यापारी का संबंध है, ये ट्रेड आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार के लाभ के ही पात्र होंगे।
अब ये सुविधा मिलेगी छोटे कारोबारियों को
खुदरा और थोक व्यापार इस मंत्रालय की योजनाओं/कार्यक्रमों का लाभ लेने के हकदार नहीं होंगे। इन्हें खरीद वरीयता नीति, MSEFCS में आपूर्तिकर्ता के रूप में मामले दर्ज करना या MSMES को उपलब्ध सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यह निर्णय स्वागत योग्य है। इस संबंध में लघु उद्योग भारती गोरखपुर के जिलाध्यक्ष दीपक कारीवाल ने कहा कि हम खुदरा और थोक व्यापारियों के विरोध में नही हैं परंतु उद्योगों को मिलने वाली सुविधाएं/लाभ उद्योगों तक ही सीमित रहना चाहिए। उनके हक का बंटवारा नही किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के इस निर्णय का हार्दिक स्वागत है।