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Gorakhpur : लाखों लोग पहली डोज लेकर 'गायब', शादियों के सीजन में बनेंगे 'कोरोना बम'
Gorakhpur : कोरोना वैक्सीन की डोज नहीं लेने वाले शादियों में कोरोना के बड़े कैरियर बन सकते हैं।
Gorakhpur : यूरोप से लेकर एशिया के विभिन्न देशों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के लिए कम टीकाकरण और टीकाकरण प्रोटोकाल का पालन नहीं करने को जिम्मेदार बताया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में वैक्सीन की दूसरी डोज को लेकर तीन लाख से अधिक लोग बेपरवाह है।
हेल्थ विभाग के सिस्टम से गायब लोगों का मोबाइल नंबर या तो गलत बता रहा है, या फिर स्विच ऑफ। अब विभाग के लोग डोर-टू-डोर पहुंचने की तैयारी में है। वहीं सीएमओ ने चेतावनी जारी कि है कि वैक्सीन की डोज नहीं लेने वाले शादियों में कोरोना के बड़े कैरियर बन सकते हैं।
दोनों डोज लिये बिना पूर्ण प्रतिरक्षण नहीं
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि जिले में लक्ष्य के सापेक्ष करीब 70 फीसदी लोगों ने कोविड टीके की पहले डोज ले ली है। जिले में करीब तीन लाख लोग ऐसे हैं जो विभिन्न कारणों से टीके की पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज की समयावधि खत्म होने के बाद भी टीका नहीं लगवा रहे हैं ।
इन लोगों को कंट्रोल रूम से दूरभाष पर सम्पर्क कर दूसरे डोज़ के लिए प्रेरित किया जा रहा है। टीके की दोनों डोज लिये बिना पूर्ण प्रतिरक्षण नहीं मिल सकता है। गोरखपुर में 35.30 लाख लक्ष्य के सापेक्ष 23.92 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज, जबकि 10.31 लाख लोगों ने दोनों डोज लगवा लिया है । जनपद में अबतक 34 25 लाख डोज़ लगाए जा चुके हैं।
सीएमओ की अपील, शादियों में जाने से पहले ले लें दोनों डोज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने अपील की है कि जो लोग टीकाकरण केंद्र तक पहुँचने में सक्षम हैं वह कोविड का टीका बूथों पर पहुंचकर अवश्य लगवा लें । जिले में स्वास्थ्य केंद्रों व अलग-अलग स्थानों पर बने औसतन 200 बूथों पर रोजाना कोविड के टीके लगाए जा रहे हैं । बूथों पर भीड़ नियंत्रित है जिससे टीकाकरण में कोई असुविधा नहीं हो रही है।
डॉ. पांडेय ने कहा कि ऐसे समय में जबकि जिला कोविड मुक्त हो चुका है, संक्रमण को पुनः फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र कारगर हथियार है । जिला भले ही कोविड मुक्त है, लेकिन देश में अब भी कोविड के सक्रिय मामले मौजूद हैं । ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ-साथ कोविड टीकाकरण ही वह उपाय है जिसके जरिये संक्रमण को जिले में प्रवेश करने से रोका जा सकता है।
सीएमओ का कहना है कि अब हर घर टीकाकरण पर जोर है। टीम क्षेत्र में पहुँच भी रही है लेकिन लोगों को टीम के आने का इंतजार नहीं करना चाहिए। जो लोग आसानी से बूथ तक जा सकते हैं वह खुद से आगे बढ़कर अपना और अपने परिवार का कोविड टीकाकरण करवा लें। टीका लगवाने के बाद भी मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के नियम का पालन करना है ।
इन नियमों का पालन उन लोगों को भी करना है जिन्होंने कोविड टीके की दोनों डोज लगवा ली है। सीएमओ ने लोगों से अपील की है कि शादी समारोहों में कोविड नियमों को अवश्य याद रखें। शादियों में शिरकत करने से पहले वैक्सीन की दोनों डोज ले लें। शारीरिक दूरी के साथ अभिवादन करें और मास्क अवश्य लगाएं। जब तक संपूर्ण प्रतिरक्षण न हो जाए और कोविड का संक्रमण पूरे देश से समाप्त न हो जाए तब तक इन नियमों के प्रति सख्त रहना होगा।
बीमार लोगों के घर पहुंच रहे हेल्थ वर्कर
अशक्त लोगों को घर पर टीकाकरण की सुविधा भी दी जा रही है। बरेली में एक कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत 31 वर्षिय सुनील कुमार मार्ग दुर्घटना में घायल होने के बाद शारीरिक रूप से चलने फिरने में अक्षम हो गए हैं।
उनके पिता सूर्य बहादुर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सरदारनगर के प्रभारी डॉ. हरिओम पांडेय से अपनी परेशानी बताई कि उनके पुत्र को कोरोना रोधी टीका नहीं लगा है। प्रभारी ने आरबीएसके टीम के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी के माध्यम से उनके घर टीका लगवाया।