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Gorakhpur Hatyakand: पहली बार गोरखपुर में हुई हत्या का केस CBI को, साक्ष्य की सुरक्षा सवालों में

Gorakhpur Hatyakand: मनीष की हत्या का मामला गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने में दर्ज है। सीबीआई की टीम कभी भी गोरखपुर पहुंच सकती है।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaNewstrack Shreya
Published on: 2 Oct 2021 5:46 AM GMT (Updated on: 2 Oct 2021 5:50 AM GMT)
Gorakhpur Hatyakand: पहली बार गोरखपुर में हुई हत्या का केस CBI को, साक्ष्य की सुरक्षा सवालों में
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कॉन्सेप्ट फोटो- न्यूजट्रैक

Gorakhpur Hatyakand: सीबीआई (CBI) वैसे तो कई मामलों में गोरखपुर में जांच को आ चुकी है। लेकिन मनीष गुप्ता हत्याकांड (Manish Gupta Death Case) कई मामलों में अलग है। मनीष की हत्या (Manish Gupta Ki Hatya) का मामला गोरखपुर के रामगढ़ताल थाने (Ramgarh Taal Thana) में दर्ज है। सीबीआई की टीम (CBI Team) कभी भी गोरखपुर (Gorakhpur) पहुंच सकती है। वहीं, एसआईटी (SIT) भी कभी भी गोरखपुर में दस्तक दे सकती है। सीबीआई जांच (CBI Janch) से हत्यारोपी पुलिस ही नहीं साक्ष्य छुपाने और मुकदमा नहीं दर्ज कराने का दबाव डालने वाले आला अफसरों की भी मुश्किल बढ़ सकती है।

कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड (Madhumita Shukla Hatyakand) भी गोरखपुर से जुड़ा हुआ था, लेकिन यह मामला लखनऊ (Lucknow) में दर्ज था। मधुमिता हत्याकांड के आरोपित पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। वहीं सारा की मौत के मामले में अमर मणि के पुत्र विधायक अमन मणि के खिलाफ भी सीबीआई जांच हुई थी। लेकिन वह मामला भी गोरखपुर में नहीं दर्ज था। फिलहाल सवाल साक्ष्य को लेकर ही है।

परिवार पहले ही पुलिस पर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगा चुका है। होटल पहुंची मीनाक्षी ने पहले ही कहा था कि पति खून से सने हुए थे। उनके कमरे का खून साफ कर दिया गया है। पुलिस ने कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिटा दिया है। सीबीआई साक्ष्य मिटाने पर काम करती है, तो कई बड़े अफसर भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।

मनीष गुप्ता (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कभी भी गोरखपुर धमक सकती है सीबीआई और कानपुर एसआईटी

कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई से मौत के आरोप में इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मियों पर रामगढ़ताल थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया है। इन पुलिस कर्मियों में तीन नामजद तो तीन अज्ञात हैं। सीबीआई कभी भी गोरखपुर पहुंच सकती है। जांच की जद में होटल, पोस्टमार्टम हाउस से लेकर डीएम-एसएसपी का वायरल वीडियो भी होगा। मनीष गुप्ता के दोस्तों को भी बुलाया जा सकता है।

पुलिस का दावा है कि सभी सबूत सुरक्षित किए जा रहे हैं , जिससे सीबीआई को कोई दिक्कत न हो। वहीं एसआईटी कानपुर सबूतों को अपने कब्जे में लेने के साथ अपनी जांच करने कभी भी गोरखपुर आ सकती है। बता दें कि सीबीआई को जाने से पहले केस को एसआईटी लखनऊ को ट्रांसफर किया गया है। शुक्रवार की देर रात केस ट्रांसफर का आदेश गोरखपुर पुलिस को मिल गया है। इसी आदेश के साथ अब एसआईटी कानपुर ही आगे की कार्रवाई करेगी।

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