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Gorakhpur News: मुख्यमंत्री बोले, 2014 के पहले आत्महत्या को मजबूर थे किसान, पहली बार खेतीबाड़ी बना एजेंडा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को लेकर विपक्ष पर बोला तीखा हमला

Purnima Srivastava
Published on: 24 Oct 2021 3:40 PM GMT
Yogi Adityanath
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शासन की योजनाओं को राजनीति या वोट बैंक की राजनीति से जोड़ने की बजाय इसे भारतीय दृष्टिकोण दिया। इससे योजनाओं का लाभ गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं तक पहुंचा है। पीएम ने देश की कृषि प्रधान व्यवस्था को केंद्र व राज्य शासन का एजेंडा बनाया है। कोरोना संकट के दौरान आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था इसका प्रमाण है।

सीएम योगी रविवार शाम गोरखपुर स्थित योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में नाबार्ड की तरफ से आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी (rajya rn sangoshthee) एवं ग्रामीण समृद्धि सम्मान (Grameen Samridhi Samman) समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) और ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वावलंबन के लिए बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने 10 हजार एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा है। यूपी में भी एक हजार एफपीओ गठित किए जाने हैं। आजीविका मिशन की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री ने 2019 में बनी झांसी की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे 600 से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं और उन्होंने चार करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। एफपीओ और महिला समूहों को आगे बढ़ाने में नाबार्ड और अन्य बैंकर्स की बड़ी भूमिका हो सकती है।


2014 के पहले आत्महत्या को मजबूर थे किसान

सीएम योगी ने कहा कि 2014 के पहले कृषि और किसानों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। अन्नदाता किसान आत्महत्या करने को मजबूर थे, खेती-किसानी से पिंड छुड़ा रहे थे (Chief Minister Yogi Adityanath ka vipaksh par hamla)। आज पीएम मोदी के प्रयासों से किसानों को लागत का डेढ़-दो गुना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिल रहा है। अब कोई भी किसान आत्महत्या नहीं कर रहा है।

2017 के बाद यूपी खाद्यान्न उत्पादन में नम्बर वन

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी ने कृषि क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में नम्बर वन है। परेशान आलू उत्पादक किसानों को भी समर्थन मूल्य दिया गया। यूपी न केवल गन्ना उत्पादन में नम्बर वन हो गया है बल्कि रिकार्ड 1.45 लाख करोड़ रुपये गन्ना मूल्य भुगतान करने वाला प्रदेश भी है। 1.35 लाख करोड़ तो सीधे चीनी मिलों से भुगतान किया गया है, खांडसारी और एथेनॉल से हुई आय अतिरिक्त है। कोरोनाकाल में भी प्रदेश की सभी चीनी मिलें चलाई गईं। 2017 के पहले किसानों से सीधे क्रय नहीं होता था जबकि आज सीधे अनाज क्रय के बाद एमएसपी धनराशि उनके खातों में भेज दी जाती है। सीएम ने बताया कि गेहूं खरीद में रिकार्ड बनाने के बाद अब धान खरीद के लिए 5000 क्रय केंद्र खोले जा रहे हैं।


रोजगार की सर्वाधिक संभावनाओं वाला क्षेत्र है कृषि

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। कृषि आज भी रोजगार के लिए सर्वाधिक संभावनाओं वाला क्षेत्र है। आज इस क्षेत्र को मजबूत किए जाने का ही प्रमाण है कि 2016 तक देश की छठवीं अर्थव्यवस्था वाला यह प्रदेश सिर्फ चार साल में देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है।

आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं की संख्या एक करोड़ करने का लक्ष्य

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं की भूमिका की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 52 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के जरिये इस मिशन से जुड़ी हैं। अगले तीन माह में इस संख्या को 1 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य है। आंगनबाड़ी केंद्रों को भी महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है। इसी तरह हर जिले में कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्रों से 3-4 एफपीओ गठित करने का लक्ष्य तय किया गया है।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का सम्मान, नाबार्ड द्वारा तैयार स्टेट फोकस पेपर का अनावरण, नाबार्ड के चार दशक पूर्ण होने पर कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। सीएम ने नाबार्ड के माध्यम से उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को अल्पावधि फसली ऋण के लिए 2200 करोड़ रुपये का स्वीकृति पत्र, बड़ौदा यूपी बैंक गोरखपुर व गोरखपुर डीसीसीबी के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों और कृषकों को ऋण स्वीकृति पत्र, बड़ौदा यूपी बैंक गोरखपुर को वित्तीय साक्षरता हेतु 2.5 करोड़ रुपये का स्वीकृति पत्र, उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में डिजिटलीकरण हेतु 6.25 लाख रुपये अनुदान स्वीकृति पत्र, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा एफपीओ को ऋण स्वीकृति पत्र का वितरण भी किया। कार्यक्रम में नाबार्ड मुख्य महाप्रबंधक डॉ.डी एस चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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Raghvendra Prasad Mishra

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