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Gorakhpur Manish Hatyakand: आधी रात बैठी कोर्ट, नहीं मिली रिमांड, हत्यारोपित इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज भेजे गए जेल
Gorakhpur Manish Hatyakand: सीनियर डिविजन फास्ट कोर्ट अमित कुमार की अदालत में रविवार की देर रात इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा की पेशी हुई। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
Gorakhpur Manish Hatyakand: कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी (kanpur real estate Karobari) मनीष गुप्ता की हत्या (Manish Gupta Ki Hatya) में आरोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह और एसआई अक्षय मिश्र (Inspector JN Singh and Akshay Mishra) को रविवार की आधी रात को जेल भेज दिया गया। एसआईटी ने दोनों को रिमांड (Remand) पर मांगा था, लेकिन कोर्ट से खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। आधी रात कोर्ट बैठने को लेकर भी चर्चाएं हैं। वहीं चार अन्य हत्यारोपित पुलिस वालों की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी (SIT) प्रयास कर रही है।
देर रात सीनियर डिविजन फास्ट कोर्ट (Senior Division Fast Court) अमित कुमार की अदालत में इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा की पेशी हुई। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। आरोपितों को कोर्ट में पेश करने से पहले पुलिस अधिकारियों ने दिन में पेशी के दौरान हंगामा और आरोपितों पर खतरा का हवाला देते हुए रात में ही पेशी की गुजारिश की थी। जिसे कोर्ट की तरफ से मान लिया गया। आधी रात में कोर्ट बैठी।
रात करीब 12.50 बजे कोर्ट से दोनों आरोपितों को जेल ले जाया गया। जेल में देर रात 1.10 बजे दोनों को दाखिल किया गया। इससे पहले इंस्पेक्टर जेएन सिंह और एसआई अक्षय मिश्र को मेडिकल के लिए भी जिला अस्पताल तक नहीं ले जाया गया। बल्कि रामगढ़ताल थाने पर ही डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम पहुंची और उनका मेडिकल किया गया। जेल का गेट शाम के सात बजे ही बंद कर दिया जाता है और किसी भी एंट्री नहीं होती है। लेकिन इस बार आधी रात तक खोला रखा गया। जेलर और जेल अधीक्षक को इसकी सूचना दे दी गई थी। आरोपित जैसे ही जेल पहुंचे उन्हें अंदर दाखिल करने के बाद नेहरू बैरक में ले जाया गया। इससे पहले बैरक की रूम की सफाई कराई गई और कम्बल आदि वहां पहुंचाया गया।
एसआईटी ने मांगी थी पुलिस कस्टडी रिमांड
एसआईटी ने दोनों आरोपितों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की थी पर कोर्ट ने एसआईटी की मांग खारिज कर दी। आरोपित जेएन सिंह और अक्षय मिश्र के अधिवक्ता पीके दुबे ने बताया कि एसआईटी और पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड की मांग कर रही थी। इसका विरोध किया गया है जिसके बाद कोर्ट ने उनका रिमांड खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। जेएन सिंह, अक्षय मिश्रा कोरोना काल के पहले ऐसे कैदी हैं, जिन्हें कोविड संक्रमण के मद्देनजर बनाये गए अस्थायी जेल में ना रख कर सीधे मुख्य जेल में रखा जा रहा हैं।
कोर्ट में वकीलों और नागरिकों की पिटाई के भय से परेशान थे पुलिस वाले
इंस्पेक्टर जेएन सिंह और एसआई अक्षय मिश्रा को रविवार की शाम पांच बजे गिरफ्तार किया गया था। दोनों को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करना था। पुलिस के पास सोमवार की शाम पांच बजे तक का समय था। पर थाने के बाहर पुलिस के गुस्से को देखते हुए अधिकारियों ने देर रात ही कोर्ट में पेशी की तैयारी की। लॉ एंड आर्डर का हवाला देते हुए रविवार की रात में ही पेशी की तैयारी शुरू कर दी गई। आरोपित को कोर्ट परिसर में दाखिल करने के बाद कचहरी से सभी गेट बंद कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ जेल के पास भी क्राइम ब्रांच के अलावा शाहपुर थाने की पुलिस और पीएसी लगाया गया।