×

Gorakhpur News: बाढ़ पीड़ितों को मुख्यमंत्री ने दिया भरोसा, कहा- 'न कोई भूखा रहेगा, न बेघर'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सरकार और प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य में लगा है। बाढ़ से प्रभावित कोई भी व्यक्ति न तो भूखा सोएगा और न ही कोई बेघर रहेगा।

Purnima Srivastava
Published on: 4 Sep 2021 3:03 PM GMT
CM Yogi Adityanath giving relief material to the flood victims
X

गोरखपुर: बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सरकार और प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य में लगा है। बाढ़ से प्रभावित कोई भी व्यक्ति न तो भूखा सोएगा और न ही कोई बेघर रहेगा। इस संबंध में प्रशासन के स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है। न केवल बाढ़ बल्कि इसके बाद भी नागरिकों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कार्ययोजना बना ली गई है। सीएम ने कहा कि प्रदेश के हरेक नागरिक का जीवन हमारे लिए अमूल्य है। हम आश्वस्त करते हैं कि आपदा के इस समय मे सरकार पूरी तत्परता व प्रतिबद्धता से आपके से खड़ी है।

सीएम योगी शुक्रवार से पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सघन दौरे पर हैं। बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचकर उनका दुख-दर्द साझा कर उन्हें राहत सामग्री प्रदान कर रहे हैं। 'हर समय सरकार उनके साथ' होने के भरोसे के साथ अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं कि किसी को तनिक भी परेशानी नहीं होनी चाहिए। शनिवार को सिद्धार्थनगर व महराजगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने, लोगों से मिलने के बाद वह गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने झंगहा, खजनी, सहजनवा और लालडिग्गी में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया।

राहत सामग्री वितरण करने के दौरान मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भारी बारिश से पूर्वांचल के करीब 15 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। गोरखपुर में करीब 304 गांवों की 2.26 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। यहां 405 नाव और 50 स्टीमर लगाए गए हैं। बाढ़ चौकियों व कंट्रोल रूम के जरिये बाढ़ पर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राप्ती खतरे के निशान से ढाई से तीन मीटर ऊपर बह रही। पिछले 50 सालों में नदियों का जलस्तर बढ़ने की इतनी खतरनाक स्थिति कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हमनें 1991 व 1998 की स्थिति को भी देखा है।


सीएम ने कहा कि बचाव के लिए समय पूर्व किए गए प्रभावी इंतजामों से जन व धन हानि को रोकने का पूरा प्रयास किया गया। इसमें कामयाबी भी मिली। बाढ़ की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की फ्लड यूनिट को पहले से ही सक्रिय कर दिया गया था। पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था के साथ राहत सामग्री का पर्याप्त इंतज़ाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि कोई भी खुद को असहाय न समझे और राज्य सरकार इसी दिशा में कार्य कर रही है। सीएम ने कहा कि हम पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं और अब बाढ़ से भी, लेकिन धैर्य के साथ इस संकट का मुकाबला करते हुए हम शीघ्र ही बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त कर लेंगे।

पर्याप्त मात्रा में हो रहा खाद्यान्न वितरण

सीएम योगी ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है। हर राशन सामग्री किट में 10-10 किलो चावल और आलू के अलॉस 2 किलो अरहर दाल, रिफाइंड तेल, नमक, हल्दी, मिर्च, मसाले के पैकेट, लाई, चना, गुड़, मोमबत्ती, दियासलाई आदि के साथ ही छाता व बरसाती भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन के भीतर सभी पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचा दी जाएगी।

कम्युनिटी किचेन से भी भोजन की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन घरों में बाढ़ या बारिश का पानी घुस गया है, उन परिवारों के भोजन के लिए कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था की जा रही है। सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि एक भी नागरिक भूखा न रहने पाए। पानी से घिरे लोगों को उनके दरवाजे पर ही भोजन पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के पशुओं का भी सरकार को खयाल है। प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं को भूसे-चारे का संकट न हो, इसके लिए भी प्रशासन को निर्देशित किया गया है। हमें मनुष्यों के साथ उनके पशुओं को भी बचाना है।

सीएम योगी ने कहा कि बाढ़ के समय सांप व अन्य जहरीले जंतुओं तथा कुत्तों के द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सिन व एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध रहे। सीएम ने कहा कि जलजमाव के चलते हैजा, डायरिया जैसी बीमारियों की आशंका को देखते हुए ऐसे क्षेत्रों में ओआरएस के पैकेट बांटने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों को इन बीमारियों से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। साथ ही पेयजल को शुद्ध रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को क्लोरीन टैबलेट बांटने को कहा गया है।

आपदा से मृत्यु के साथ पशु हानि पर भी आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी की मृत्यु अत्यंत दुखदाई होती है। फिर भी आपदा में किसी की मृत्यु होने पर संबंधित के परिवार को चार लाख रुपये तत्काल आर्थिक सहायता देने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है। सांप या अन्य हिंसक-जहरीले जानवर के हमले में मृत्य पर भी यह मदद दी जाएगी। बाढ़ के चलते किसी किसान या बटाईदार की मृत्यु पर उसे तत्काल मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की बीमा से आच्छादित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है। इसी तरह यदि किसी व्यक्ति के पालतू पशु (गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी आदि) की बाढ़ के चलते मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए भी सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलेगी।


पीड़ितों को भूमि का देंगे पट्टा, सीएम आवास भी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के चलते जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उसके लिए भी सरकार 95 हजार रुपये तक अनुमन्य धनराशि देगी। यदि किसी का मकान कटान के चलते नदी में विलीन हो गया है तो सरकार उसे न केवल आवास के लिए भूमि का पट्टा देगी, बल्कि उसके लिए सीएम आवास योजना से आवास की भी व्यवस्था की जाएगी। जब तक आवास की व्यवस्था नहीं होती तब तक ऐसे लोगों को सरकार की तरफ से संचालित शरणालयों में जगह दी जाएगी। सीएम ने कहा कि किसी भी सूरत में किसी को बेघर नहीं रहने देंगे। सीएम योगी ने बाढ़ पीड़ितों के बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए अभी से सर्वेक्षण भी शुरू करा दिया गया है। ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि सभी प्रभावित किसानों को समय से फसल मुआवजा मिल जाए।

कल से स्वच्छता, सैनिटाइजेशन व फॉगिंग का विशेष अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलजमाव के चलते इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए हर क्षेत्र में 5 सितम्बर से 12 सितम्बर तक एक सप्ताह का विशेष स्वच्छता, सैनिटाइजेशन व फॉगिंग का विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ से अधिकारी भी क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से इस अभियान में सहभागी बनने की अपील की।


चौरीचौरा विस क्षेत्र में 18 करोड़ रुपये के बाढ़ बचाव कार्य

चौरीचौरा तहसील के झंगहा स्थित आदित्य पब्लिक स्कूल में बाढ़ राहत सामग्री वितरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ बचाव को लेकर सरकार ने पहले से तैयारी कर रखी थी। पर, यह आपदा है और आपदा में कितने भी संसाधन या उपाय हों, कम पड़ जाते हैं। बाढ़ से बचाव के लिए अकेले चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र में 18 करोड़ रुपये की परियोजनाएं दी गईं जो पूर्ण या पूर्णता की ओर हैं।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story