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Gorakhpur News: डोंगी नाव से बाढ़ प्रभावित गांव में पहुंचे हेल्थ वर्कर, ग्रामीणों को मिलीं दवाएं

गोरखपुर के खजनी तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों में चिकित्सकों की टीम डोंगी नांव पर सवार होकर पहुंचीं। बुखार से तप रहे लोगों का चेकअप हुआ और उन्हें दवाएं दी गईं।

Purnima Srivastava
Published on: 25 Aug 2021 10:40 PM IST (Updated on: 25 Aug 2021 10:47 PM IST)
Team of doctors reached the flood affected villages of Khajni Tehsil
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खजनी तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों में चिकित्सकों की टीम पहुंची

Gorakhpur News: गोरखपुर के बाढ़ प्रभावित गांव में बीमार लोगों को दवाएं मुहैया कराने में स्वास्थ्य विभाग के लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। बुधवार को खजनी तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों में चिकित्सकों की टीम डोंगी नांव पर सवार होकर पहुंचीं। बुखार से तप रहे लोगों का चेकअप हुआ और उन्हें दवाएं दी गईं। गोरखपुर के 125 बाढ़ प्रभावित गांवों में चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए 83 मेडिकल टीम सक्रिय हैं। बुधवार को 5616 लोगों को बुखार और उल्टी-दस्त की दवाएं वितरित की गईं।

गोरखपुर के 125 गांवों की बाढ़ प्रभावित आबादी को बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित भ्रमण कर रही हैं । स्वास्थ्य विभाग की 83 टीम लोगों की सहायता के लिए लगाई गयी हैं। प्रत्येक टीम में चिकित्सक समेत चार स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। इन टीम के जरिये 5616 लोगों की जांच कर बुखार और उल्टी दस्त की दवाएं वितरित की जा चुकी हैं और आगे भी चिकित्सकीय जांच और दवा वितरण का कार्य जारी रहेगा। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

12970 हैंडपंप का क्लोरिफिकेशन किया गया

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी ने बताया कि इन इलाकों में कुल 62681 क्लोरिन के टेबलेट वितरित किये गये हैं ताकि लोग बीस लीटर पानी में एक टेबलेट का घोल बना कर दो घंटे बाद ही सेवन करें और डायरिया से सुरक्षित रहें। 12970 हैंडपंप का क्लोरिफिकेशन किया गया है ताकि लोगों को साफ-सुथरा पानी मिल सके। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 13314 अदद ओआरएस के पैकेट वितरित किये गये हैं और लोगों को बताया गया है कि उल्टी-दस्त होने की दशा में ओआरएस के घोल का सेवन अवश्य किया जाए। उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से सहायक रतनलाल सभी टीम से कोआर्डिनेट कर रहे हैं।

डॉ. चौधरी ने बताया कि मेडिकल टीम में एक चिकित्सक, एक स्वास्थ्यकर्मी, आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ता को रखा गया है। यह टीम राहत शिविरों और बाढ़ चौकियों का दौरा कर रही है । जिन लोगों को किसी भी प्रकार के बुखार की दिक्कत है, वह आशा कार्यकर्ता के जरिये टीम की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं । उन्होंने लोगों से अपील की कि बुखार, उल्टी, दस्त होने पर अपने मन से दवा न खाएं। मेडिकल टीम से सलाह और निःशुल्क दवा प्राप्त कर सेवन करें ।

एंटी स्नेक वेनम का भी इंतजाम किया गया

पानी उतरने पर बढ़ती हैं बीमारियां

जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में डायरिया और मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बाढ़ का पानी उतरने के साथ बढ़ जाता है । ऐसे में लोगों को बुखार के प्रति खासतौर से सतर्कता बरतनी है । अगर किसी भी किस्म का बुखार हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।

एंटी स्नेक वेनम का भी इंतजाम किया गया

डॉ. ए. के चौधरी ने बताया कि बरसात के मौसम और बाढ़ के कारण सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं । इसे देखते हुए प्रत्येक सीएचसी और पीएचसी पर 20-20 वॉयल एंटी स्नेक वेनम भी रखवा दिया गया है । ऐसे में अगर किसी के साथ सर्पदंश की घटना होती है तो झाड़ फूंक करने की बजाय सीधे अस्पताल जाएं।



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Shashi kant gautam

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