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Gorakhpur News: नेपाल को पसंद आ रहीं गीता प्रेस की पुस्तकें, 45 पुस्तकों का नेपाली भाषा में प्रकाशन
गीता प्रेस द्वारा नेपाली भाषा में 44 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है। इनमें गीता, रामचरितमानस, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, श्रीदुर्गासप्तशती, गरुणपुराण सरोद्धार, उपनिषदों के चौदह रत्न आदि प्रमुख पुस्तकें हैं।
Gorakhpur: नेपाल कभी दुनिया का इकलौता हिन्दू राष्ट्र रहा है। संविधान लागू होने के बाद भले ही नेपाल में यह दर्जा नहीं रहा, लेकिन हिन्दुओं की धार्मिक पुस्तकों को लेकर लोगों की अस्था में अभी भी कोई कमी नहीं है। नेपाली भाषा में गीता प्रेस की 45 पुस्तकों के प्रकाशन से यह साफ भी है। अब गीता प्रेस द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण का प्रकाशन नेपाली भाषा में भी किया जाएगा। गीता प्रेस की नेपाल शाखा द्वारा भागवत महापुराण का नेपाली में अनुवाद करा लिया गया है। उसके संपादन का कार्य किया जा रहा है।
नेपाली भाषा में 44 पुस्तकों का किया जा चुका है प्रकाशन
गीता प्रेस द्वारा नेपाली भाषा में अब तक कुल 44 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है। इनमें गीता, रामचरितमानस, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, श्रीदुर्गासप्तशती, गरुणपुराण सरोद्धार, उपनिषदों के चौदह रत्न आदि प्रमुख पुस्तकें हैं। इसके अलावा सबसे अधिक कीमत की पुस्तक भारतीय मुद्रा में 250 रुपये की रामचरितमानस है तो 3 रुपये की गजेन्द्र मोक्ष, रामरक्षास्त्रोत व अमोघ शिवकवच भी है। गीता प्रेस द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण का प्रकाशन ग्रंथाकार साइज में किया जाता है। अब तक कुल 10 भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी इस पुस्तक का प्रकाशन अब नेपाली भाषा में भी कराने की तैयारी चल रही है। पहली बार 5 हजार प्रतियां प्रकाशित करने की योजना बनाई गई है।
नवंबर के अंतिम हफ्ते से दिसंबर के पहले हफ्ते के बीच यह पुस्तक छापकर गीता प्रेस के कठमांडू स्थित एकमात्र इंटरनेशनल डिपो पर पहुंचा दी जाएगी। गीता जयंती के अवसर पर श्रीमद् भागवत महापुराण का नेपाल में विमोचन की योजना है। इसी के अनुरूप इसके प्रकाशन की तैयारियां चल रही हैं। गीता जयंती के अवसर पर 14 दिसम्बर को इसका विमोचन किया जाएगा। समय से इसकी डिलीवरी कठमांडू में हो जाए इसके लिए अक्तूबर के मध्य तक संपादन का कार्य पूर्ण कर प्रिंटिंग के लिए गीता प्रेस भेज दिया जाएगा।
गीता जयंती पर होगा भागवत महापुराण का विमोचन
श्रीमद् भागवत महापुराण का प्रकाशन दो खंडों में होता है। पाठकों को इंतजार न करना पड़े इसलिए दोनों पुस्तकें एक ही साथ प्रकाशित की जाती हैं। मांग को देखते हुए दोनों की प्रतियां करीब एक बराबर ही छपती हैं। पाठक भी एक ही साथ दोनों खंड खरीदते हैं। सिर्फ मलयालम और तमिल भाषाओं में तीन-तीन खंडों में इसका प्रकाशन किया गया है। नेपाल गीता परिवार को व्यवस्थापक जय किसन सारडा का कहना है कि श्रीमद् भागवत पुराण के अनुवाद का कार्य पूरा हो गया है। संपादन का कार्य चल रहा है। गीता जयंती पर इस पुस्तक का विमोचन किया जाएगा। पहली बार पांच हजार प्रतियां प्रकाशित कराई जाएंगी।