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Gorakhpur News : गीडा की फैक्ट्रियों में घुसा बाढ़ का पानी, लाखों का नुकसान, सीएम योगी से मिलेंगे उद्यमी

Gorakhpur News : बारिश के चलते गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की फैक्ट्रियों में पानी घुस गया है। जिससे लोग काफी नाराज हैं।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Shraddha
Published on: 17 Sept 2021 11:28 AM IST
गीडा की सड़कों में भरा पानी
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गीडा की सड़कों में भरा पानी 

Gorakhpur News : पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश (Rain) से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Gorakhpur Industrial Development Authority) की फैक्ट्रियों में पानी घुस गया है। दर्जन भर से अधिक फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप हो गया है। डेढ़ लाख मीटर से अधिक कपड़ा बाढ़ के पानी में भीग जाने से लाखों का नुकसान हुआ है। फैक्ट्रियों में पानी घुस जाने के कारण तैयार माल एवं बिजली से जुड़े सामान खराब हो गए हैं। इस नुकसान से उद्यमियों में काफी नाराजगी है। उन्होंने इसके लिए गीडा प्रबंधन के रवैये को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बरसात के समय नाली बनाने से जल निकासी की व्यवस्था नहीं रह गई थी, जिससे यह स्थिति पैदा हुई।

पिछले 48 घंटे में करीब 170 मिमी बारिश से गीडा के सेक्टर 13 की कई फैक्ट्रियों में पानी भर गया है। इस क्षेत्र में फैक्ट्री के भीतर पानी नहीं भरा था। कपड़े के दोनों प्रासेस हाउस अंबे प्रासेसर्स प्राइवेट लिमिटेड एवं बथवाल उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में पानी घुस गया, जिससे दोनों प्रासेस हाउस को गुरुवार को बंद करना पड़ा। अंबे प्रासेस हाउस के प्रबंधक ने बताया कि पानी में भीगने से करीब एक लाख मीटर कपड़ा खराब हो गया है। इसके साथ ही वेल इंडिया, मोदी केमिकल्स एवं विनायक उद्योग सहित कई अन्य फैक्ट्रियों में भी पानी घुस जाने से काम बंद रहा। फैक्ट्रियों के मोटर, बिजली के सामान एवं कच्चे व तैयार माल खराब हो गए हैं।


गीडा की फैक्ट्रियों में पानी घुस गया


उद्यमी आशीष खेतान ने बताया कि उनकी फैक्ट्री के सामने पिछले 12 साल से सड़क व नाली में पानी भर जाता है। हर साल माल खराब हो जाता है। हर साल शिकायत करने के बावजूद समाधान नहीं होता। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजितसरिया के नेतृत्व में उद्यमियों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार की शाम को मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी से मिला था। जिसमें उद्यमियों ने बिजली की ट्रिपिंग से होने वाली समस्या को भी उठाया। मंडलायुक्त ने समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया है। गीडा सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि दो दिनों में हुई बारिश से जहां कभी जल जमाव नहीं होता था, वहां भी पानी भर गया है। सुबह से ही जेसीबी एवं पंप लगाकर पानी निकलवाया जा रहा है। काफी हद तक राहत मिल गई है। वहां नाले का निर्माण इधर शुरू नहीं हुआ बल्कि बहुत पहले से किया जा रहा है। नाले का निर्माण होना भी जरूरी है।


गीडा की फैक्ट्रियों में घुसा बाढ़ का पानी


फैक्ट्रियों में बाढ़ के पानी के साथ घुसीं मछलियां

प्रशासन पर तंज कसते हुए राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि वे लोग बाढ़ पीड़ित हो चुके हैं, उन्हें भी राहत सामग्री देनी चाहिए। उद्यमी अशोक शाव का कहना है कि जबसे उन्होंने फैक्ट्री लगाई है, तब से सामने के नाले को मुख्य नाले से नहीं जोड़ा गया। जिसके कारण हर साल बरसात का पानी फैक्ट्री में आने का खतरा रहता है। इस साल तो पानी के साथ मछलियां भी फैक्ट्री के भीतर आ गई हैं जिससे दुर्गंध फैल गई है। उद्योग बंधु की बैठक में यह मामला उठाया जाता है लेकिन कोई समाधान नहीं होता।

जेठू जी एग्रो के प्रबंधक ने बताया कि नाली बंद होने से बारिश का पानी फैक्ट्री परिसर में घुस गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कर्मचारियों के कक्ष में भी पानी चला गया है। बरसात के समय नाली बनवाना गलत है।

उद्यमी गीडा सीईओ से नाराज, सीएम से करेंगे शिकायत

फैक्ट्रियों में पानी घुसने से उद्यमी काफी नाराज हैं। वह गीडा सीईओ पवन अग्रवाल की कार्यशैली से नाराज हैं। शुक्रवार को वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पूरे प्रकरण की शिकायत कर सकते हैं। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के महासचिव प्रवीण मोदी का कहना है कि गीडा के सेक्टर 13 की कई फैक्ट्रियों में जल जमाव हो गया है जिससे उद्यमियों को काफी नुकसान हुआ है। कई बार मना किया गया कि बरसात के समय नाली न बनवाई जाए। नाली बनाते समय पुरानी नाली का प्रवाह रोक दिया गया है। ठीकेदार को पंप से पानी निकालना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब उद्यमियों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा? लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष दीपक कारीवाल पहली बार पानी फैक्ट्रियों में घुस गया। गीडा के अधिकारियों से शिकायत की जाती है लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता है। मरम्मत के नाम पर हर साल खर्च किया जाता है लेकिन समाधान नहीं होता। नाली बनाते समय पुरानी नाली को बंद कर दिया गया है, जिससे पानी निकलने का रास्ता नहीं है।



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Shraddha

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