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Gorakhpur News: कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्रो. कमलेश गुप्त निलंबित, सर्द रात में छात्र धरने पर

Gorakhpur News: छात्र नेता सर्द रात में नारेबाजी करते रहे। उन्हें मनाने के लिए विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी देर रात तक जमे रहे।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Monika
Published on: 22 Dec 2021 4:16 AM GMT
Protest
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सर्द रात में छात्र धरने पर (photo : social media ) 

Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deendayal Upadhyay Gorakhpur University) के कुलपति प्रो. राजेश सिंह (Vice Chancellor Prof. Rajesh Singh) के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) का आरोप लगाकर मोर्चा खोलने वाले हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया है। कुलसचिव विश्ववेश्वर प्रसाद द्वारा आदेश में प्रो. गुप्त पर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी (teen sadasya committee) गठित की गई है। जिसमें दो पूर्व कुलपति और एक कार्यपरिषद सदस्य शामिल हैं। प्रोफेसर के निलंबन के विरोध में देर रात विभिन्न हॉस्टल के छात्रों ने सर्द रात में प्रदर्शन ( pradarshn ) किया। छात्र खबर लिखे जाने तक मुख्य गेट पर डटे हुए हैं। छात्रनेताओं ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर का निलंबन करने के बाद अमेरिका उड़ गए हैं। कुलपति पूरी तरह तानाशाही कर रहे हैं। छात्र नेता सर्द रात में नारेबाजी करते रहे। उन्हें मनाने के लिए विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी देर रात तक जमे रहे।

चार घंटे धरने पर रहे प्रोफेसर

इसके पहले प्रो. गुप्त, विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने चार घंटे तक धरने पर बैठे रहे। प्रो. गुप्त लंबे समय से कुलपति के खिलाफ सोशल मी‌डिया पर लिख रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूर्व में सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय प्रशासन और अधिकारियों की गरिमा को धूमिल करने सहित कई आरोपों में प्रो. गुप्त को आठ नोटिस दिया था। सोमवार को प्रो. गुप्त ने विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह की चेतावनी दी थी।

एक घंटे तक चली बहस

कुलपति को हटाने की मांग को लेकर प्रो. गुप्त सोमवार को सुबह 11 बजे धरने पर बैठने आए तो उन्हें अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो अजय सिंह ने रोकने की कोशिश की। करीब एक घंटे तक बहस चलती रही। लेकिन, प्रो गुप्त नहीं माने और प्रतिमा स्थल के पास ही धरने पर बैठ गए। थोड़ी देर बाद ही उनके समर्थन में प्रो. चंद्रभूषण अंकुर, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो. अजेय कुमार गुप्ता, प्रो. सुधीर कुमार श्रीवास्तव, प्रो. वीएस वर्मा, प्रो. विजय कुमार, प्रो. अरविंद चतुर्वेदी भी बैठ गए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सातों प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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