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Gorakhpur News: ऐसा क्या हुआ बरेली की 'सोनिया' को, पहले लड़की से शादी अब लड़के से...
Gorakhpur News: इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पाण्डेय ने लिंग परिवर्तन करके वर्तमान में सोनिया बन गई है। ये अनोखा मामला रेलवे इतिहास में पहली बार सामने आया है।
Gorakhpur: क्या ऐसा हो सकता है कि एक पुरुष की शादी पहले लड़की से हो, फिर लड़के से? क्या ऐसा हो सकता है कि एक लड़का लिंग परिवर्तन (gender change) करा कर लड़की बन जाए? ऐसा हो सकता है क्या कि पहले जिस लड़की से शादी हुई उसे तलाक दिया जाए, फिर एक लड़के से शादी हो? आप कहेंगे ये सभी सवाल उलटे पलटे हैं। ऐसा भी होता है कहीं? लेकिन यकीन मानिए ऐसा हुआ है। बरेली की 'सोनिया' ने पहले लड़की से शादी की थी। बाद में तलाक ले लिया। अब वह धूमधाम से लड़के से शादी कराने जा रही है।
बरेली की सोनिया की पहचान दो साल पहले तक इंजीनियर राजेश (Engineer Rajesh Pandey) के रूप में थी। वह पूर्वोत्तर रेलवे (North Eastern Railway) के इज्जतनगर रेल कारखाना (Izzatnagar Rail factory) में नौकरी कर रहा था। 2012 में उसका एक लड़की से शादी भी हुई। दोनों छह महीने साथ भी रहे, लेकिन शरीर की बनावट के चलते दोनों में तलाक हो गया। राजेश (Engineer Rajesh Pandey) ने 2017 में सर्जरी कराया और लड़की बन गया। अब उसकी पहचान सोनिया के रूप में है। अब सोनिया ने अपने लिए दूल्हा ढूंढ लिया है। नए साल में दोनों सात फेरे लेने की तैयारी में हैं।
2017 में राजेश ने कराया लिंग परिवर्तन
सोनिया (पूर्व में राजेश पांडेय) इज्जनगर मुख्य कारखाना (Izzatnagar Rail factory) प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड वन पद पर तैनात है। पिता की मौत के बाद अनुकंपा के तहत 19 मार्च 2003 को राजेश (Engineer Rajesh Pandey) रेलवे में भर्ती हुआ। परिवार में चार बहनें और मां हैं। वर्ष 2017 में राजेश (Engineer Rajesh Pandey) लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गया और उसने अपना नाम सोनिया रख लिया। पुरुष कर्मचारी के महिला बनने का रेलवे के इतिहास में भी यह पहला मामला है।
इज्जतनगर के मुख्य कारखाना (Izzatnagar Rail factory) प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पाण्डेय (Engineer Rajesh Pandey) (वर्तमान में सोनिया) का एक अनोखा मामला सामने आया है। लिंग परिवर्तन कराने के बाद उसने अफसरों से गुहार लगाई है कि उसे रेलवे के रिकार्ड में महिला दर्ज किया जाए। अनोखा और दुर्लभ मामला होने के कारण इज्जतनगर मण्डल (Izzatnagar Division) पूर्वोत्तर रेलवे (North Eastern Railway) के महाप्रबंधक कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा। महाप्रबंधक ने यह मामला रेलवे बोर्ड को भेजा। आखिरकार रेलवे बोर्ड (Railway Board) के निर्देश पर राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया गया।
राजेश को मेकअप करना लगता था अच्छा
सोनिया ने बताया कि पिता की मृत्य के बाद के मृतक आश्रित कोटे के तहत उसे 2003 में बरेली के वर्कशॉप में नौकरी मिली थी। उसे हमेशा से महिलाओं जैसे अहसास होते थे। लगता था कि वह एक स्त्री है। उसे महिलाओं की तरह श्रृंगार करना अच्छा लगा था। घर वालों ने राजेश (Engineer Rajesh Pandey) की 2012 में बड़ी धूमधाम से शादी की थी। छह महीने तक पति-पत्नी साथ रहे जरूर, लेकिन कभी एक-दूसरे के करीब नहीं आए। सोनिया बताती हैं कि ये रिश्ता महज दो साल तक ही चल पाया और फिर पत्नी ने तलाक ले लिया। सोनिया बताती हैं कि तलाक लेने के बाद दिल्ली के एक निजी अस्पताल में सर्जरी कराकर जेंडर बदल लिया था। उसके बाद से महिला के रूप में मान्यता पाने के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी थी।
जेंडर डिस्फोरिया के तहत महिला के रूप में पहचान
मुख्य कारखाना प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड (Railway Board) की रिपोर्ट के आधार पर जेंडर डिस्फोरिया (gender dysphoria) यानी एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह के तहत महिला की पहचान दी है। जेंडर डिस्फोरिया में अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों के स्त्री देह में पुरुष मन या पुरुष देह में स्त्री मन होता है। यह हार्मोन के बदलाव का नतीजा है।
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