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Gorakhpur News: सीएम योगी के भरोसे के बाद मीनाक्षी को मिली ताकत, बोली, 'पति की हत्या करने वाले गिरफ्तार हों'
Gorakhpur News: रियल इस्टेट कारोबारी की पत्नी मीनाक्षी ने हत्यारोपी पुलिस की गिरफ्तारी के साथ केस को कानपुर ट्रांसफर करने की मांग की है।
Gorakhpur News : रामगढ़ताल पुलिस (Ramgarhtal Police) की पिटाई से कानपुर के रियल इस्टेट (Real Estate) कारोबारी के मौत मामले में पत्नी के रास्ता जाम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के दखल के बाद आरोपी छह पुलिस वालों पर मुकदमा तो दर्ज हो गया। लेकिन उनकी गिरफ्तारी को लेकर कोई प्रयास नहीं हो रहा है। हत्यारोपी इंस्पेक्टर समेत सभी पुलिस वाले फरार बताए जा रहे हैं। वहीं पीड़ित परिवार को गोरखपुर पुलिस (Gorakhpur Police) पर भरोसा नहीं है। चुनावी साल में योगी सरकार मामले को मैनेज करने में जुटी है। कयास लग रहे हैं कि देर-सबेर मामले को लेकर बेपरवाह एसएसपी पर भी कार्रवाई हो सकती है। वहीं कारोबारी की पत्नी मीनाक्षी ने हत्यारोपी पुलिस वालों की गिरफ्तारी के साथ केस को कानपुर ट्रांसफर करने की मांग की है।
कानपुर के कारोबारी की हत्या मामले में पत्नी मीनाक्षी गुप्ता के हिम्मत और रास्ता जाम करने के बाद सीएम आफिस को मंगलवार की देर रात दखल देना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्नी से बात की और 10 लाख रुपये के आर्थिक मदद की घोषणा की। इसके बाद आरोपी पुलिस वालों पर मुकदमा दर्ज हुआ । लेकिन परिवार वालों का कहना है कि मामला ठंडा पड़ने के बाद पुलिस मुकदमे को रफा-दफा कर देगी। पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि आरोपी पुलिस वालों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले। मामले को कानपुर ट्रांसफर किया जाये, जिससे निष्पक्ष जांच संभव हो सके। जिस गोरखपुर पुलिस ने पति की हत्या कर दी। मुकदमा दर्ज नहीं कर रही थी। उससे न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
मुख्यमंत्री की फटकार के बाद दर्ज हुई एफआईआर
मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में मंगलवार की देर रात छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। इनमें इंस्पेक्टर जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्र और सब इंस्पेक्टर विजय यादव को नामजद व तीन अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया है। बुधवार की सुबह कानपुर में अन्तिम संस्कार किया जाना है। इससे पहले पति की हत्या में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी देर रात तक अड़ी रहीं। पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने लाश लेने और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। मुकदमे की मांग को लेकर रास्ता जाम हुआ तो रात 9 बजे डीएम-एसएसपी पहुंचे। डीएम एसपी मौके से लौट आए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मीनाक्षी से बात की। सारी बातें सुनने के बाद परिवार को दस लाख की आर्थिक सहायता तथा एफआईआर का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद तीन नामजद और तीन अज्ञात पर रामगढ़ताल थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई।
सवालों में एसएसपी की कार्यशैली
पूरे प्रकरण में शुरूआत से ही एसएसपी विपिन टाडा की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। मंगलवार की सुबह एसएसपी ने मीडिया से जो बात कही उससे साफ था कि वह हत्या मानने को तैयार नहीं थे। एसएसपी बार-बार इस बात पर जोर दे रहे थे कि अलग-अलग जगह से जुटे दोस्तों के बाद हत्या कैसे हुई इसकी जांच होगी। पहले ही अपने कारनामों से बदनाम इंस्पेक्टर को बचाने की कोशिश में कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। दबाव में छह पुलिस वाले संस्पेंड तो हो गए । लेकिन मामले को रफा-दफा करने की कोशिशें होती रहीं। मंगलवार को देर रात नामजद तहरीर के बाद मीडिया ने एसएसपी से हत्यारोपी पुलिस वालों का नाम पूछा तो वह नहीं बता सके। कैमरा हटने के बाद बोले, अब आप ही बता दो हमें क्या बोलना है।