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Gorakhpur News: मनीष हत्याकांड में पुलिस ने की थी बर्बरता, एसपी नार्थ की जांच पूरी, बर्खास्त होंगे हत्यारोपी पुलिस वाले

कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या की परतें खुल रही हैं। गोरखपुर के एसएसपी विपिन टांडा जिन पुलिस वालों को क्लीन चिट दे रहे थे, उन्हें उनके ही मातहत अब दोषी करार दे रहे हैं।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Deepak Kumar
Published on: 7 Oct 2021 2:23 PM IST
Gorakhpur News: मनीष हत्याकांड में पुलिस ने की थी बर्बरता, एसपी नार्थ की जांच पूरी, बर्खास्त होंगे हत्यारोपी पुलिस वाले
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मनीष हत्याकांड में पुलिस ने की थी बर्बरता, एसपी नार्थ की जांच पूरी। (Social Media)

Gorakhpur: कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में गोरखपुर के एसएसपी विपिन टांडा जिन पुलिस वालों को क्लीन चिट दे रहे थे, उन्हें उनके ही मातहत अब दोषी करार दे रहे हैं। एसएसपी द्वारा ही एसपी नार्थ की सौंपी जांच पूरी होने के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, वह पुलिस की बर्बरता की कहानी खुद तस्दीक कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस वालों ने कदम-कदम पर अनुशासनहीनता की और मर्यादा को तार-तार किया। उधर, एसआइटी ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर के आधार पर तीन और पुलिस वालों को नामजद कर लिया है।


SIT की जांच के जद में अब 12 पुलिसकर्मी

कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर पुलिस द्वारा पीट-पीट कर की गई हत्या की परतें खुल रही हैं। पुलिस ने न सिर्फ पिटाई से होटल के कमरे में ही बेसुध मनीष गुप्ता को जानवर की तरह गाड़ी में बिठाया बल्कि डॉक्टरों पर दबाव बनाकर मुर्दे का इलाज कराया। एसपी नार्थ ने छह पुलिस वालों की बर्खास्तगी की संस्तुति की है। उधर, एसआईटी अभी तक 30 से अधिक लोगों से मामले में पूछताछ कर चुकी है। एडिशनल डीसीपी कानपुर पश्चिम के नेतृत्व में बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंची टीम ने डॉक्टरों से सवाल किया कि जब मानषी अस्पताल में ही मनीष का पल्स और बीपी नहीं मिल रहा था, तो वह मुर्दे का इलाज कर रहे थे? टीम बीआरडी मेडिकल कालेज के सीसीटी फुटेज के साथ ही आसपास का भी फुटेज तलाश रही है।


इंस्पेक्टर और उसके छह साथियों की छह जिलों में तलाश

कानपुर एसआइटी हत्यारोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, दरोगा अभय मिश्रा और उसके अन्य चार सार्थियों के तलाश में छह जिलों में छापेमारी कर रही है। लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। सवाल पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारी के प्रयासों पर है। उधर, मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता का आरोप है कि हत्यारे पुलिस वाले मीडिया से बात कर रहे हैं। लेकिन पुलिस वालों को नहीं मिल रहे हैं। वे मेरी और परिवार की भी हत्या कर सकते हैं।


इतनी भी नहीं कि गिरकर हो जाएगी मौत

मनीष गुप्ता के दोस्त हरबीर ने जांच में यह भी स्वीकारा है कि वारदात से पहले उन्होंने दोस्तों संग गोरखपुर में पार्टी की थी। अदालत रेस्टोरेंट पर खाना खाया और थोड़ी शराब भी पी थी। हालांकि उनका यह भी कहना है कि मनीष ने इतनी नहीं पी थी कि कोई बेड से गिर जाए और उसकी मौत हो जाए। इसके साथ ही होटल चेकिंग के वक्त मनीष का एक आडियो भी पहले दिन ही सामने आ चुका है। जिसमें मृतक मनीष अपने भांजे भाजपा नेता दुर्गेश बाजपेयी से पुलिस की फोन पर शिकायत कर रहे हैं। वायरल आडियो में मनीष बिलकुल ठीक से बात करते हुए सुने जा रहे हैं। जबकि होटल चेकिंग के वक्त उनकी कुछ फोटो भी सामने आ चुकी है। फोटो में भी मनीष बेड से बड़े ही आराम से उतरते देखे जा रहे हैं।


चंदन, हरबीर और प्रदीप का दर्ज हुआ बयान

कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में मंगलवार को मनीष के दोस्तों का बयान दर्ज किया गया। इनमें मनीष के दोस्त गोरखपुर के सिकरीगंज बढ़यापार के रहने वाले चंदन सैनी, राणा प्रताप चंद, धनंजय त्रिपाठी सहित गुड़गांव के दोस्त हरबीर सिंह और प्रदीप सिंह शामिल रहे। हालांकि इस दौरान टीम ने राणा प्रताप सिंह और धनंजय त्रिपाठी से कोई खास बातचीत नहीं की। जबकि चंदन सैनी, हरबीर सिंह और प्रदीप सिंह से टीम ने घटना के पहले दिन से लेकर अब- तक की एक- एक जानकारी बारीकी से जानने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों ने एक- एक कर सभी दोस्तों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर पुलिस उनसे फिर बात करेगी।



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Deepak Kumar

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