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Gorakhpur News Today: 1.58 लाख परिवारों तक नहीं पहुंचा आयुष्मान कार्ड, अब डोर-टू-डोर पहुंचेंगे हेल्थवर्कर

Gorakhpur News Today: गोरखपुर में 1.58 लाख परिवारों को आयुष्मान कार्ड की सुविधा देने के लिए हेल्थ वर्कर डोर-टू-डोर लोगों के घरों तक जाएंगे।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Chitra Singh
Published on: 11 Sept 2021 1:26 PM IST
Ayushman Bharat Yojana card
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आयुष्मान योजना (फोटो- सोशल मीडिया)

Gorakhpur News Today: केन्द्र से लेकर प्रदेश सरकार गरीबों के सेहत को लेकर आयुष्मान योजना (Ayushman Bharat Yojana) को क्रान्तिकारी बताती है, लेकिन अभी ये सुविधा बड़ी आबादी तक नहीं पहुंची है। जिनके पास सुविधा है, उन्हें भी अंतहीन शिकायतें हैं। गोरखपुर में ही लक्ष्य के सापेक्ष आधे लोगों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी योगी सरकार योजना को लेकर सक्रिय हो गई है। गोरखपुर में 1.58 लाख परिवारों को आयुष्मान कार्ड की सुविधा देने के लिए हेल्थ वर्कर डोर-टू-डोर लोगों के घरों तक जाएंगे।

16 से 30 सितम्बर तक चलने वाले 'आपके द्वार आयुष्मान 2.0' (Aapke Dwar Ayushman 2.0) अभियान में लक्ष्य के सापेक्ष कम से कम 70 फीसदी परिवारों (70 Percent Pariwar) तक आयुष्मान कार्ड पहुंचाने का प्रयास है।

योजना के जिला शिकायत प्रबंधक विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि जिले में करीब तीन लाख से अधिक लाभार्थी परिवारों के सापेक्ष 1.42 लाख परिवार ऐसे हैं जिनके किसी न किसी सदस्य के पास आयुष्मान कार्ड (Ayushman Bharat Yojana card) purnimaउपलब्ध है। अभियान का उद्देश्य छूटे हुए सभी परिवारों तक कार्ड की पहुंच बनाना है।

जिला सूचना तंत्र प्रबंधक शशांक शेखर ने बताया कि 26 जुलाई से 12 अगस्त तक आयुष्मान पखवाड़ा मनाया गया था, जिसमें 16,789 आयुष्मान कार्ड बनाये गये थे। जिले में 16 से 30 सितम्बर तक 'आपके द्वार आयुष्मान 2.0' अभियान चलाया जाएगा, ताकि लक्ष्य के सापेक्ष कम से कम 70 फीसदी परिवारों तक आयुष्मान कार्ड पहुंच जाए। इसके लिए वंचित लाभार्थी परिवारों तक कैंप से पूर्व बुलावा पर्ची भेजी जाएगी और प्रेरित कर कार्ड बनवाया जाएगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पिछले दिनों डीएम और सीएमओ को पत्र भेजा था।

96 अस्पतालों में मिल रहा योजना का लाभ (Ayushman Bharat Yojana ka labh)

जिले में योजना से सम्बद्ध कुल 96 अस्पताल हैं, जिनमें 26 सरकारी अस्पताल और 70 निजी अस्पताल शामिल हैं। आयुष्मान कार्ड के साथ इन अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों का एक वर्ष में पांच लाख तक का निःशुल्क इलाज हो जाएगा। जिनके पास कार्ड होगा, वह देश के किसी भी हिस्से के संबद्ध अस्पताल में इलाज की यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान पंचायती राज विभाग से जुड़े जनप्रतिनिधियों और शहरी क्षेत्र में नगर निकाय से जुड़े जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में वार्ड के नोटिस बोर्ड पर, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में गांव के नोटिस बोर्ड पर लाभार्थियों की सूची चस्पा की जाएगी और कैंप से पूर्व आशा कार्यकर्ता लाभार्थी परिवार को सूचना देंगी। कैंप से एक दिन पूर्व आशा कार्यकर्ता या क्षेत्रीय कार्यकर्ता द्वारा लाभार्थी परिवार के मुखिया के नाम से तैयार बुलावा पर्ची उनके घर पहुंचायी जाएगी। बुलावा पर्ची पर नाम, कैंप का स्थान और तिथि अंकित रहेगी ।

कई विभाग लक्ष्य पूरा करने में करेंगे सहयोग

डॉ. सिंह ने बताया कि अभियान में पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग का सहयोग लिया जाएगा। प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर वहां के अधीक्षक व चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में नोडल टीम भी गठित होगी, जो सुनिश्चित करेगी कि कैंप स्थल पर कार्ड बनाने की टीम समय से उपस्थित हो। कैंप स्थल पर भी लक्षित लाभार्थी परिवारों की सूची चस्पा रहेगी। कैंप का आयोजन किसी ऐसे सार्वजनिक स्थान जैसे पंचायत भवन, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक विद्यालय आदि पर किया जाएगा, जहां बिजली, पानी आदि की व्यवस्था हो। कैंप स्थल पर मास्क लगा कर आना है और हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखते हुए दो गज की दूरी के नियम का भी पालन करना है।



Chitra Singh

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