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Gorakhpur News: लाल किले पर आजादी के पर्व में अतिथि होंगे गोरखपुर के वनटांगिया रामगणेश

रामगणेश इस स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय समारोह में बतौर विशेष अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लाल किले पर अपने वनटांगिया समुदाय की नुमाइंदगी करने जा रहे हैं।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Ashiki
Published on: 12 Aug 2021 1:56 PM GMT
Vantangiya Ramganesh
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वनटांगिया रामगणेश 

गोरखपुर: वनटांगिया गांव तिकोनिया नंबर तीन के रामगणेश ने जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी, वह अविस्मरणीय पल उनके जीवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से आने जा रहा है। रामगणेश इस स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय समारोह में बतौर विशेष अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लाल किले पर अपने वनटांगिया समुदाय की नुमाइंदगी करने जा रहे हैं। लाल किले के स्वतंत्रता दिवस समारोह में पूरे उत्तर प्रदेश से कुल 10 लोगों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। वनटांगिया रामगणेश को साथ लेकर तहसीलदार चौरीचौरा शुक्रवार को रवाना होंगे।

100 तक उपेक्षित रहे वनटांगियों को भारतीय गणतंत्र के नागरिक के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहचान दिलाई। अंग्रेजी हुकूमत में 1918 के आसपास साखू के जंगलों को लगाने वाले ये लोग आजाद भारत में भी राजस्व अभिलेखों में दर्ज ही नहीं थे। 2017 में योगी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर उन्हें अधिकार दिलाया। उन्हें समाज और विकास की मुख्यधारा से जोड़ा। जंगल मे बसी वनटांगिया बस्तियों में शहर सरीखी सुविधाओं की सौगात दी।

लाल किले के कार्यक्रम में अतिथि की सूचना से खुशी

लाल किले पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित होने की सूचना मिलते ही वनटांगिया गांव तिकोनिया नंबर तीन के रामगणेश की खुशी का ठिकाना नहीं है। इसके लिए वह बार बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रणाम करते हैं, आभार जताते हैं। वह कहते हैं कि हम लोगों पर बाबाजी की नजर नहीं पड़ी होती तो हम जंगलों में ही मरते-खपते रहते। उन्होंने तो हम लोगों को 'जंगली' से 'इंसान' बना दिया। रामगणेश का कहना है कि 100 साल तक बीच जंगल मे उपेक्षित रहे वनग्रामों के निवासियों को समाज व विकास की मुख्यधारा में लाने का श्रेय सीएम योगी को ही है।

वनटांगियों के प्रति विशेष लगाव रहा है सीएम योगी का

वनटांगिया समुदाय के लोगों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उनके संसदीय कार्यकाल से ही विशेष लगाव रहा है। बतौर सांसद उन्होंने वनटांगियों की बदहाली दूर करने के लिए निजी तौर पर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की। वनटांगियों की शिक्षा के लिए अस्थायी स्कूल बनाने की कवायद में योगी मुकदमा तक झेल चुके हैं। सांसद के रूप में उनके बीच ही दिवाली मनाना शुरू किया जो उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद भी निर्बाध जारी है।

100 साल पुराना है वनटांगियों का इतिहास

2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से तो उन्होंने वनटांगिया गांवों की दशा ही बदल दी है। गोरखपुर के कुसम्ही जंगल के तिकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी और चिलबिलवा के जो वनटांगिया आजादी के सत्तर दशक बाद तक बुनियादी सुविधाओं को तरसते थे, आज सीएम की इनायत से शहर सरीखी सुविधाओं के बीच सुखमय जीवन बिता रहे हैं। वनटांगिया गांवों का इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना है। 1918 के आसपास इन्हें ब्रिटिश हुकूमत ने साखू के जंगल लगाने को बसाया था। सौ सालों तक यह राजस्व अभिलेखों में नागरिक के दर्जे से भी वंचित थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इन वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित कर इन्हें राजस्व अभिलेखों में शामिल किया।

वनटांगिया गांव में योजनाओं की भरमार

आज वनटांगिया गांवों में हर परिवार के पास पीएम-सीएम आवास योजना के तहत पक्का मकान है। सभी घरों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय है। सबके पास राशनकार्ड है, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत निशुल्क रसोई गैस की सुविधा है तो सौभाग्य योजना के निशुल्क विद्युत कनेक्शन से उनके घर रोशन हैं। इन गांवों में लोग पात्रता के अनुसार पेंशन योजनाओं का भी लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कभी शिक्षा इनके लिए दूर की कौड़ी थी, अब इनके गांव में ही सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बन चुके हैं। गांव के लोग आरओ मशीन से शुद्ध पेयजल प्राप्त करते हैं। यह सबकुछ हुआ है मार्च 2017 के बाद, जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। यह सीएम योगी की ही देन है कि राजस्व ग्राम घोषित हो जाने से इन वनग्रामों के लोगों ने पहली बार गांव की अपनी सरकार (पंचायत) का चुनाव किया।

Ashiki

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