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UP election 2022 : योगी के गढ़ में प्रियंका का शंखनाद, लेंगी कांग्रेस के वापसी की 'प्रतिज्ञा'
Gorakhpur : प्रियंका गांधी रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में गरजेगीं। प्रियंका यहां आठ प्रतिज्ञा का हवाला देकर कांग्रेस की खोई जमीन को तलाशने की कोशिश करेंगी।
Gorakhpur : कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी और महासचिव प्रियंका गांधी रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में गरजेगीं। प्रियंका यहां आठ प्रतिज्ञा का हवाला देकर कांग्रेस की खोई जमीन को तलाशने की कोशिश करेंगी। वहीं प्रियंका योगी के गढ़ से यह संदेश देने की कोशिश करेंगी कि वह यूपी चुनाव में दमखम रखती हैं। उन्हें दरकिनार करने की भूल भारी पड़ेगी।
वाराणसी की सफल रैली के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत सभी दिग्गज कांग्रेसी रैली को सफल बनाने में जुट गए हैं। शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष ने रैली स्थल पर तैयारियों का जायजा भी लिया।
उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम
इस दौरान अजय कुमार लल्लू ने कहा कि गोरखपुर में प्रियंका गांधी की ऐतिहासिक रैली होगी। गरीबों, मज़लूमो की हक की लड़ाई और न्याय दिलाने के लिए प्रियंका सबसे मुखर होकर लड़ रही हैं। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम है। हमारी नेता जब भी कोई घटना होती है, सबसे पहले पहुंचती हैं। लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवार से मिलकर प्रियंका गांधी ने मदद की। प्रतिज्ञा रैली हर हाल में सफल होगी। लोग प्रियंका गांधी की झलक को पाने के लिए आतुर हैं।
वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष विश्व विजय सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी की इस रैली से सत्तापक्ष परेशान है। सच तो यह है उत्तर प्रदेश के अंदर किसी भी तरह का विकास का काम नहीं हुआ। नई-नई योजनाएं जनता को भ्रमित करने के लिए लांच की जा रही है।
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ.सैयद जमाल ने कहा कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी प्रदेश सरकार की तानाशाही के खिलाफ पूरी मजबूती और निर्भिकता के साथ लड़ रही हैं। लखीमपुर, हाथरस से लेकर गोरखपुर कांड में सबसे पहले प्रियंका गांधी ने ही अवाज उठाई है। प्रदेश में कहीं भी अत्याचार हो रहा है, विपक्ष की पहली आवाज प्रियंका ही बन रही हैं।
डॉ.जमाल ने कहा कि तीन दशक बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य गोरखपुर में अपने दम पर विशाल जनसभा को संबोधित करने जा रहा है। प्रियंका की सभा को लेकर लोगों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि महिलाओं, नौजवानों से लेकर व्यापारियों को महसूस होने लगा है कि प्रियंका ही उनकी मुखर आवाज बन सकती हैं। डॉ.जमाल ने कहा कि प्रदेश की जनता बदलाव के मूड में है। कांग्रेस सबको साथ लेकर देश के विकास में योगदान करती है।
कम नहीं हैं कांग्रेस की चुनौतियां
प्रियंका को लेकर पूर्वांचल में उत्साह तो है लेकिन इस उत्साह को वोट में तब्दील करने की चुनौती प्रियंका के समक्ष है। इसी चुनौती को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से लेकर राष्ट्रीय महासचिव राजेश तिवारी ने खुद कमान थाम रखी है। इसीलिए कभी वे दलित के द्वार जा रहे हैं, तो कभी मुस्लिम के। कभी जलभराव वाले इलाकों में जा रहे हैं, तो कभी सरकार की योजनाओं की पोल खोलते हुए दिखते हैं। गोरखपुर से प्रियंका पूर्वांचल के 19 जिलों को साधेगीं।
पूर्वांचल में गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, भदोही, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, महराजगंज, बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया और सोनभद्र 19 जिले आते हैं। 2014 की मोदी लहर में आजमगढ़ को छोड़ यहां की सभी सीटें भाजपा के खाते में चली गईं।
कांग्रेस को यूपी सहित पूर्वांचल में भारी नुकसान उठाना पड़ा और वह महज दो सीटों रायबरेली और अमेठी तक सिमट कर रह गई। हालांकि, पार्टी ने 66 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत घटकर 7.50 प्रतिशत पर आ गया। पूर्वांचल की इन सीटों पर प्रदर्शन ठीक करने की कोशिश में प्रियंका हैं।