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Gorakhpur : अयोध्या आते ही CM योगी भूल जाते हैं गोरखपुर, क्या इस बार लड़ेंगे यहां से चुनाव?

Gorakhpur : गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'अयोध्या के श्रीराम मंदिर को लेकर गोरक्षपीठ के समर्पण को सब जानते हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 24 Sep 2021 12:48 PM GMT (Updated on: 24 Sep 2021 2:05 PM GMT)
अयोध्या आते ही CM योगी भूल जाते हैं गोरखपुर, क्या इस बार लड़ेंगे यहां से चुनाव?
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गोरखनाथ मंदिर में पूजा करते सीएम योगी, (सोशल- मीडिया)

Gorakhpur : मिशन 2022 की तैयारियों में जुटी भाजपा एक-एक सीट पर मंथन कर रही है। योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाना है, इससे अब कोई संशय नहीं है। लेकिन संशय इस बात को लेकर जरूर है कि वह भाजपा के सियायत के केन्द्र अयोध्या से लड़ेंगे या फिर अपनी कर्मभूमि गोरखपुर से।

राजनीतिक गलियारे में इसे लेकर अटकलों के बीच शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर में उनके बयान के बाद सियासी तपिश बढ़ गई है। गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 52वीं व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि को लेकर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के समापन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'अयोध्या के श्रीराम मंदिर को लेकर गोरक्षपीठ के समर्पण को सब जानते हैं। जब मैं अयोध्या में होता हूं तो लगता ही नहीं कि गोरखपुर में नही हूं।'

एक-एक संत की भावना परिलक्षित

प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे मंदिर, अयोध्याधाम के विकास व यहां आयोजित होने वाले दीपोत्सव का भावनात्मक उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अब अयोध्या सप्तपुरियों में पहली पुरी बन गई है। वहां के दीपोत्सव में एक-एक संत की भावना परिलक्षित होती है। जो संत अब भौतिक शरीर मे नहीं हैं, वह भी सूक्ष्म शरीर से इसे देखकर प्रसन्न होते हैं।

देश ही नहीं दुनिया भी इसके भव्यता और दिव्यता की कायल है। गोरक्षपीठ से राममंदिर का रिश्तों को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि 1947 में देश आजाद हुआ और 1949 में जन्मभूमि पर श्रीरामलला का प्रकटीकरण हो जाता है। उस दौरान वहां के मूर्धन्य संतों को गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ का संरक्षण प्राप्त था।


परमहंस जी ने महंत दिग्विजयनाथ की ही प्रेरणा से श्रीरामलला के मुकदमे को आगे बढ़ाया। महंत दिग्विजयनाथ के अभियान को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ विस्तारित करते रहे। गोरक्षपीठ व संतों के नेतृत्व में अयोध्या के लिए क्या-क्या संघर्ष करना पड़ा। संघर्ष करने वालों में से किसी ने भी यह नहीं सोचा कि उनको क्या मिलेगा। वास्तव में जब चारो ओर से एक आवाज निकलती है तब संकल्प साकार होता है।

मोदी के नेतृत्व में देश का डंका दुनिया में बज रहा

मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिली सफलता से सभी वाकिफ हैं। उनके मार्गदर्शन में गृह मंत्री ने दृढ़ता से कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में प्रताड़ित हिंदुओं, सिखों बौद्धों, जैनियों को कानून बनाकर नागरिकता दी। कहा कि ये सब हमारे हैं। देश के बाहर संकट में फंसे भारतीयों का इस सरकार ने हाथ फैलाकर स्वागत किया।

पहले की सरकारें ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हितों, देश के मानबिन्दुओं की पुनर्स्थापना को लेकर गोरक्षपीठ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोई संदेह नहीं कर सकता है। आज जनता ने यशस्वी नेतृत्व दिया है तो पूरी दुनिया मे देश का डंका बज रहा है। पहले की सरकारों में आतंकवादियों के मुकदमे वापस होते थे। लेकिन आज आतंकियों के महिमामंडन की हिम्मत कोई नहीं कर सकता।

अमूल्य धरोहर के रूप में कुंभ को मिली यूनेस्को से मान्यता


सीएम योगी ने अपने संबोधन में प्रयागराज के भव्य व दिव्य कुंभ के आयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि जितनी यूपी की आबादी है उससे अधिक श्रद्धालु कुंभ में आए। अमूल्य धरोहर के रूप में प्रयागराज कुंभ को यूनेस्को से मान्यता मिली।

सीएम ने कहा कि आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है, जबकि पहले कुछ शहरों में यूपी के नाम पर लोगों को कमरा नहीं मिलता था। उन्होंने कहा कि यूपीवासी प्रभु श्रीराम, श्रीकृष्ण, काशी विश्वनाथ, गुरु गोरखनाथ, महात्मा बुद्ध, संतकबीर के प्रतिनिधि हैं। इस पर गर्व की अनुभूति करनी चाहिए।

आज आयुष की ताकत को पूरी दुनिया ने पहचाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि साठ के दशक में ही गोरक्षपीठ ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ा दिया था। मूलतः यह पीठ योग पीठ है। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान पूरी दुनिया ने आयुष और योग की ताकत को पहचाना। देश को पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहिए जिन्होंने आयुष और योग को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। उनके ही प्रयास से 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाने लगा है।

सीएम ने उनसे मिलने आए अमेरिका के एक व्यक्ति से हुई बातचीत का भी उल्लेख किया। बताया कि उक्त व्यक्ति के लिए जब पानी आया तो उन्होंने उसमें दो बूंद तुलसी अर्क मिलाया। पूछने पर उन्होंने कहा कि अमेरिका भी अब तुलसी की ताकत को पहचानता है।

सीएम ने कहा कि कोरोना काल में न्यूयार्क में हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन लगती है, जबकि हमारे यहां ऐसा कोई भोजन नहीं जिसमें तुलसी का प्रयोग न होता हो। तुलसी का प्रयोग भारत के संस्कार में बसा है।


बिना थके, बिना डिगे मूल्यों व आदर्शों की स्थापना की ब्रह्मलीन महंत द्वय ने

मुख्यमंत्री ने अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्य स्मृति को नमन करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन महंतद्वय ने संपूर्ण धर्म व समाज के सामने मूल्यों व आदर्शों की स्थापना की। 50 वर्ष पूर्व जिसने भी गोरखपुर और गोरक्षपीठ को देख होगा उसे यह पता है कि आज यहां जो कुछ भी है वह उन्हीं गुरुजनों की प्रेरणा व आशीर्वाद से है।

महंत दिग्विजयनाथ ने जो नींव रखी, महंत अवेद्यनाथ ने उसे भवन का रूप दिया। 21 जुलाई , 1984 को गठित श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के आजीवन अध्यक्ष रहे ।राष्ट्रसंत गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि जिस श्राद्ध पक्ष में हम अपने पितरों को श्रद्धांजलि देकर उनके विराट व्यक्तित्व से प्रेरणा लेते हैं, महंतद्वय ने उसी पक्ष में अपना भौतिक शरीर छोड़ा। उनका व्यक्तित्व व कृतित्व आज भी हमारे लिए प्रेणास्रोत है।

ब्रह्मलीन महंतद्वय ने स्वतंत्रता संग्राम और देश के स्वतंत्र होने के बाद भी हरेक क्षेत्र में योगदान दिया। चाहे मंदिर के अंदर कुछ करने की बात हो या फिर मानबिन्दुओं की पुनर्स्थापना की। बिना थके, बिना रुके, बिना डिगे और बिना झुके उन्होंने पौराणिक और ऐतिहासिक सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए नवीनतम ज्ञान देने का कार्य किया।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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