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Gorakhpur Manish gupta hatyakand: जेल में मिले मनीष के हत्यारे, ठहाके लगे, गुनगुनाया..'जहां चार यार मिल जाएं वहीं रात हो गुलजार..'
मनीष गुप्ता हत्यारोपित दरोगा राहुल दूबे और प्रशांत भी मंगलवार की देर रात जेल पहुंच गए। जेल में इंतजार कर रहे इंस्पेक्टर जेएन सिंह दोनों को देखकर मुस्कुराएं और गुनगुनाते हुए बोले, “जहां चार यार मिल जाएं वहीं रात हो गुलजार..।”
Gorakhpur News: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म 'शराबी' का गाना है, "जहां चार यार मिल जाएं वहीं रात हो गुलजार..।" यह गाना फिलहान कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता (manish gupta hatyakand) के हत्यारोपित पुलिस वालों पर इन दिनों सटीक बैठ रहा। हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा के बाद इनके गैंग के दरोगा राहुल दूबे (inspector rahul dubey) और प्रशांत (constable prashant) भी मंगलवार की देर रात जेल पहुंच गए। जेल में इंतजार कर रहे इंस्पेक्टर जेएन सिंह दोनों को देखकर मुस्कुराएं और गुनगुनाते हुए बोले, "जहां चार यार मिल जाएं वहीं रात हो गुलजार..।"
जेलकर्मियों की मानें तो इनके चेहरे पर न तो किसी प्रकार का अफसोस दिखा, न ही गम।
कहने को हत्यारोपितों को पकड़ने के लिए गोरखपुर और कानपुर पुलिस की 16 टीमें उनके घर तथा करीबियों के यहां लगातार दबिश दे रही थी। लेकिन जिस मस्ती से पुलिस वाले सरेंडर कर रहे हैं, उससे साफ है कि उन्हें किस प्रकार का सरंक्षण मिला हुआ है। जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा की तरह ही दरोगा राहुल दुबे (inspector rahul dubey) और प्रशांत (constable prashant) को घूमते हुए पकड़ा गया। रामगढ़ताल थाने में चाय नाश्ते के बीच एसआइटी की पूछताछ होती है। कोर्ट में पेशी के बाद इन्हें जेल भेज दिया जाता है। जेल में पहले से तैयारी दिखती है। लगता ही नहीं ये पुलिस वाले हत्या के आरोपी है।
मंगलवार की देर रात राहुल दूबे (inspector rahul dubey) और प्रशांत (constable prashant) गोरखपुर के मंडलीय कारागार पहुंचे तो उनके चेहरे पर किसी प्रकार का खौफ या पश्चाताप नहीं था। दोनों का जेल में उनके 'गुरु' इंतजार कर रहे थे। चारों के चेहरे की मुस्कान को देखकर साफ था कि उन्हें आला अफसरों से किस प्रकार का भरोसा मिला हुआ है। इसके पहले दरोगा राहुल दूबे (inspector rahul dubey) और प्रशांत (constable prashant) असफरों की सुनाई स्क्रिप्ट के हिसाब से ही एसआइटी के सवालों का जवाब दिया। दोनों लगातार बताते रहे कि कमरे में वे मौजूद नहीं थे। साहब ने बताया कि शराब अधिक पीने से मनीष बैलेंस नहीं बना पा रहा था। जिससे वह गिर गया। गम्भीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई।
नौकरी ज्वाइन करते हुए दागदार हुई वर्दी
राहुल दुबे (inspector rahul dubey) और प्रशांत (constable prashant) कुमार की नौकरी चंद वर्षों की है। लेकिन इनके कारनामे शातिराना हैं। तिवारीपुर थाने में तैनाती के दौरान राहुल दूबे ने बर्थडे पार्टी में पकड़े गए युवक पर आबकारी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर दिया था। इस गलती पर राहुल दुबे को सजा देने की जगह सीओ ने जांच में क्लीनचिट दे दी। उसे तिवारीपुर से हटाया तो गया पर इनाम के तौर पर रामगढ़ताल थाना पर तैनात कर दिया गया। वहां भी उसकी मनमानी जारी रही। उसने दूसरी गलती ऐसी कर दी कि अब हत्या का मुल्जिम बन गया है। वहीं प्रशांत कुमार की भी कारगुजारियों को महकमे में खूब चर्चा है।
विजय और कमलेश के सरेंडर की भी हो चुकी है सेटिंग
आलाअफसरों की स्क्रिप्ट पर चार पुलिस वालों की गिरफ्तारी के बाद फरार चल रहे दो और पुलिसकर्मी दरोगा विजय यादव और कमलेश सिंह यादव भी सरेंडर करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि विजय ने तो अपने भरोसेमंद अफसर के सामने सरेंडर कर दिया है। हालांकि दूसरे का इंतजार किया जा रहा है। दोनों को एक साथ ही गिरफ्तारी दिखाने के बाद एसआईटी को सौंपा जाएगा । उसके बाद एसआईटी पूछताछ कर उन्हें कोर्ट में पेश करेगी।