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UP Election 2022: छठे चरण में गोरखपुर शहर पर सबकी निगाहें, योगी को घेरने के लिए विपक्ष का ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम कार्ड

UP Election 2022: योगी आदित्यनाथ इस वक्त प्रदेश के मुखिया हैं और गोरख पीठ के पीठाधीश्वर भी वक्त पहली बार गोरखपुर शहर से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh RajpootPublished By Shreya
Published on: 2 March 2022 12:00 PM IST (Updated on: 2 March 2022 12:03 PM IST)
UP Election 2022: छठे चरण में गोरखपुर शहर पर सबकी निगाहें, योगी को घेरने के लिए विपक्ष का ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम कार्ड
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योगी आदित्यनाथ (फाइल तस्वीर- न्यूजट्रैक)

UP Election 2022: छठे चरण का मतदान कल (3 मार्च को) 10 जिलों की 57 सीटों पर होना (UP Sixth Phase Voting) है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चित गोरखपुर शहर सीट (Gorakhpur Assembly Seat) है, क्योंकि यहां से खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पहली बार विधानसभा के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। विरोधी पार्टियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को घेरने के लिए पूरी तरह से जाल बिछाया है।

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बड़ा दांव चला है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने मुस्लिम कार्ड (Muslim Card) खेला है। कांग्रेस (Congress) ने गोरखपुर विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र नेता को मैदान में उतारा है, वहीं आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के संयोजक चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad Ravan) योगी को हराने की कसम खाकर गोरखपुर से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस तरह योगी के सामने सभी नए चेहरे हैं लेकिन सीधी लड़ाई समाजवादी पार्टी की सुभावती शुक्ला (Subhavati Shukla) से होती नजर आ रही है।

गोरखपुर शहर पर बीजेपी का रहा है कब्जा

योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के साथ गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं, इसलिए इस सीट पर उनका काफी प्रभाव है। तीन दशक से बीजेपी के खाते में गोरखपुर शहर सीट रही है, यहां से आरएमडी अग्रवाल लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। 2002 में जब योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के बीच मनमुटाव हुआ तो उन्होंने हिंदू महासभा से आरएमडी अग्रवाल को पहली बार मैदान में उतारा था और वह बीजेपी के दिग्गज नेता शिव प्रताप शुक्ला को चुनाव हरा दिए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोरखपुर शहर सीट (Gorakhpur Urban Vidhan Sabha Seat) पर गोरखनाथ मठ का कितना असर है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो- न्यूजट्रैक)

योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ इस वक्त प्रदेश के मुखिया हैं और गोरख पीठ के पीठाधीश्वर भी वक्त पहली बार गोरखपुर शहर से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वह गोरखपुर लोकसभा से लगातार पांच बार सांसद रह चुके हैं 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सांसदीय से इस्तीफा दे दिया था और एमएलसी बनकर सरकार चला रहे हैं। अब वह 2022 में पहली बार विधायकी के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

सपा से सुभावती शुक्ला

समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सुभावती शुक्ला दिवंगत उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी हैं, उपेंद्र दत्त शुक्ला पूरी जिंदगी बीजेपी रहे, बीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके लेकिन उन्हें जीत नहीं हासिल हुई थी अब उनके निधन के बाद उनकी पत्नी समाजवादी पार्टी के टिकट पर योगी के खिलाफ मैदान में उतरी हैं कहा जाता है कि योगी के धुर विरोधी बाहुबली हरिशंकर तिवारी परिवार ने उन्हें समाजवादी पार्टी में शामिल कराया और योगी के खिलाफ मैदान में उतारा है योगी और हरिशंकर तिवारी परिवार की पुरानी अदावत है वहां पर मठ और हाता की दुश्मनी का किस्सा हर कोई जानता है।

बसपा से ख्वाजा शमसुद्दीन

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुस्लिम कार्ड चला है। गोरखपुर शहर में मुस्लिमों की भी अच्छी खासी आबादी है, यहां 40 से 45 हजार के करीब मुस्लिम मतदाता हैं। मायावती ने दलित और मुस्लिम वोट के जरिए योगी के खिलाफ शमसुद्दीन को मैदान में उतारा है।

कांग्रेस से चेतना पाण्डेय

प्रियंका गांधी ने योगी के खिलाफ गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्र संघ उपाध्यक्ष राई चेतना पांडे को टिकट दिया है चेतना पांडे छात्रों के बीच काफी पॉपुलर है और वह संघर्ष करती रही हैं प्रियंका ने लड़की हूं लड़ सकती हूं के तहत यहां पर महिला और ब्राम्हण कार्ड के जरिए योगी आदित्यनाथ को घेरने की कोशिश की है।

चंद्रशेखर आजाद

भीम आर्मी से अपनी पहचान बनाने वाले चंद्रशेखर आजाद अब आजाद समाज पार्टी का गठन कर चुके हैं। वह कई दलों के साथ मिलकर यूपी में चुनाव लड़ रहे हैं चंद्रशेखर आजाद खुद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर शहर से मैदान में हैं। उन्होंने चुनाव से काफी पहले ही ऐलान कर दिया था कि योगी आदित्यनाथ जहां से चुनाव लड़ेंगे वह उनके विरोध में उतरेंगे और जब योगी के गोरखपुर से चुनाव लड़ने का फैसला हुआ तो उन्होंने भी गोरखपुर से किस्मत आजमाने की बात कही। अब वह गोरखपुर से मैदान में हैं और योगी को हराने की बात कर रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद के साथ दलितों का एक बड़ा तबका जुड़ा है और इसी के सहारे वह समीकरण बैठाने में जुटे हैं।

गोरखपुर शहर विधानसभा के जातीय आंकड़े

कुल मतदाता

463933

ब्राम्हण

50000

क्षत्रिय

30000

कायस्थ

95000

बेस्ट

40000

दलित

30000

मुस्लिम

40000

निषाद

15000

सैंथवार

20000

यादव

12000

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Shreya

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