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Janeshwar Mishra Wikipedia: इरादों के पक्के थे छोटे लोहिया, नहीं टालते थे मुलायम सिंह की कोई बात

गांव, गरीब, किसान, मजदूर की आवाज सड़क से संसद तक उठाने वाले छोटे लोहिया की कर्मभूमि यूं तो इलाहाबाद रही लेकिन उनकी जन्मभूमि बलिया है।

Rajiv Prasad
Report Rajiv PrasadPublished By Shashi kant gautam
Published on: 5 Aug 2021 1:56 AM GMT
Today is the birth anniversary of Janeshwar Mishra, who is called Chhote Lohia
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 छोटे लोहिया कहे जाने वाले जनेश्वर मिश्र: फोटो- सोशल मीडिया

Janeshwar Mishra Wikipedia: गांव, गरीब, किसान, मजदूर की आवाज सड़क से संसद तक उठाने वाले छोटे लोहिया की कर्मभूमि यूं तो इलाहाबाद रही लेकिन उनकी जन्मभूमि बलिया है। उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई की शुरुआत की और जनेश्वर मिश्र ने पी. एन. इंटर कालेज दूबेछपरा से छात्र राजनीति करते हुए अपनी राजनीतिक सफर शुरू किया था। इलाहाबाद में डॉ. राममनोहर लोहिया के सानिध्य में उन्होंने राजनीति की दूसरी पाली शुरूआत की और समाजवादी रंग में ही रंग गए।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1955 में छात्र राजनीति करते हुए जनेश्वर मिश्र ने काफी सुर्खियां बटोरी। 1969 के बाई इलेक्शन में कांग्रेस सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रह चुके केशवदेव मालवीया को हराकर पहली बार जनेश्वर मिश्र संसद में पहुंचे तथा उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 1973 में इलाहाबाद के जाने माने वकील सतीस चन्द खरे को हराया।

जनेश्वर मिश्र की ईमानदारी, सादगी हमेशा चर्चा में रही

1976 में इन्होंने वी. पी. सिंह को हराया। जनेश्वर मिश्र चार मर्तवा लोकसभा तथा इतनी ही बार राज्यसभा में पहुंचे। जनेश्वर मिश्र ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेलमंत्री, जहाजरानी व परिवहन मंत्री, दूर संचार मंत्री व पेट्रोलियम मंत्री के पद को सुशोभित किया। बड़े बड़े पदों पर रहते हुए इनकी ईमानदारी, सादगी हमेशा चर्चा में रही। समाजवादी विचारक छोटे लोहिया कहे जाने वाले जनेश्वर मिश्र के जन्म दिन के मौके पर उनके बारे में कुछ बातें-

-सपा नेता मुलायम सिंह यादव जनेश्वर मिश्र को अपना मार्गदर्शक मानते हैं और उनके हर जन्मदिन को समाजवादी परिवार बहुत धूमधाम से मनाता है।

बलिया में जन्में 'छोटे लोहिया' जनेश्वर मिश्र

- समाजवादी विचारधारा के प्रति उनके दृढ निष्ठा के कारण वे 'छोटे लोहिया' के नाम से प्रसिद्ध थे। बलिया में जन्में 'छोटे लोहिया' जनेश्वर मिश्र समाजवादी विचारधारा एवं बड़े आन्दोलनों के बड़े नेता थे। 1965 में मुलायम सिंह यादव उनके सम्पर्क में आये। 1966-67 में जब पहली बार मुलायम विधान सभा का चुनाव लड़े तब जेनेश्वर मिश्र उनके प्रचार में आये और उन्होंने एक रात डा. राम मनोहर लोहिया इण्टर कालेज में जमीन पर लेट कर बिताया।

- छोटे लोहिया ने कभी अपने संघर्षों से मुंह नहीं मोड़ा। राहें चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों उन्होंने उसका डटकर सामना किया। मोरारजी देसाई व चौधरी चरण सिंह में मतभेद होने पर जनेश्वर मिश्र ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव के आग्रह पर चौधरी साहब का साथ दिया। छोटे लोहिया कभी मुलायम सिंह की बातों को नहीं टालते नहीं थे।

जनेश्वर मिश्र जयंती: फोटो- सोशल मीडिया

-1992 में पत्नी की तबियत बहुत खराब थी इसके बावजूद सूचना मिलने पर कि मुलायम सिंह यादव जेल चले गये। उन्होंने आन्दोलन की कमान संभाल ली। उन्हें पत्नी की मृत्यु की सूचना जेल में ही मिली, किन्तु उन्होंने पैरोल पर छूटने से मना कर दिया। छोटे लोहिया डा. राममनोहर लोहिया के अत्यन्त प्रिय थे। वे आन्दोलनों की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंपते थे। उनका भाषण इतना जोरदार होता था कि सुनने के लिए भारी भीड़ जमा हो जाती थी।

- गांव, गरीब, किसान व मजदूर वर्ग की समस्याओं को छोटे लोहिया ने संसद में जोरदार ढंग से उठाया तथा उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये आजीवन संघर्ष किया।

छोटे लोहिया आज भी रोल मॉडल हैं

-लोकप्रियता उनके गांव के अतिरिक्त क्षेत्र भर के दूसरे गांवों में भी है। राजनीति करने वाले लोगों के लिये छोटे लोहिया आज भी रोल मॉडल हैं। समाजवाद का अलख जगाने वाले लोग जनेश्वर मिश्र को अपना आदर्श मानते है। हालांकि आज भी लोगों को उनकी जयंती का इंतजार रहता हैं। पंडित जी के अनुज तारकेश्वर मिश्र उनकी जयंती प्रत्येक वर्ष गांव में मनाते है।

- छोटे लोहिया की जयंती पर उनके पैतृक आवास शुभनथही में 5 अगस्त को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर यह कार्यक्रम उनकी जन्मभूमि पर आयोजित की गई हैं।

छोटे लोहिया की जन्मस्थली किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं

-प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के संयोजक सनातन पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का निर्देश है कि जनेश्वर मिश्रा के आंगन की मिट्टी को पार्टी कार्यालय लाया जाए। वह मिट्टी हमारे लिए किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है। सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रदेश के नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे, प्रबुद्ध वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पांडे, सपा के प्रवक्ता अभिषेक मिश्रा, परशुराम चेतना के संतोष पांडे और विधायक पवन कुमार पांडे को सौंपी जाएगी। क्षेत्रीय लोंगो को भी इस कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

Shashi kant gautam

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