अजीत सिंह हत्याकाण्ड: पूर्व सांसद धनन्जय सिंह के घर 82 की नोटिस चस्पा

अजीत सिंह की हत्या में आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश अब तेज हो गई है। लखनऊ पुलिस ने 11 जुलाई को उनके जौनपुर स्थित घर पर दबिश दी थी लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल सका।

Kapil Dev Maurya
Written By Kapil Dev MauryaPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 12 July 2021 6:03 AM GMT (Updated on: 12 July 2021 2:57 PM GMT)
Ajit Singh Murder case
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मृतक अजीत सिंह व पूर्व सांसद धनंजय सिंह (File Photo) pic(social media)

Jaunpur News: लखनऊ स्थित विभूति खण्ड थाना क्षेत्र में हुई अजीत सिंह हत्याकाण्ड को लेकर जौनपुर के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनन्जय सिंह की तलाश कर रही है पुलिस। रविवार 11 जुलाई को लखनऊ की पुलिस जौनपुर स्थित धनन्जय सिंह के ग्रामीण आवास बनसफा पर पहुंच कर धारा 82 की नोटिस चस्पा कर दिया। और खबर है कि उनके आवास पर लोंगो से पुलिस ने पूछताछ भी किया लेकिन किसी ने कोई जानकारी नहीं दी।

तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है पुलिस

बता दें कि लखनऊ स्थित विभूति खण्ड थाना क्षेत्र में हुई अजीत सिंह हत्याकाण्ड को लेकर न्यायपालिका जनपद जौनपुर के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनन्जय सिंह के खिलाफ कागजी कानूनी शिकंजा भले ही कस रही है लेकिन उसका कोई असर भौतिक रूप से जन मानस को दृष्टिगोचर नहीं है।

बीते दिवस लखनऊ की कोर्ट ने धनन्जय सिंह को भगोड़ा घोषित किया। इसके बाद रविवार 11 जुलाई को लखनऊ की पुलिस जौनपुर स्थित धनन्जय सिंह के ग्रामीण आवास बनसफा पर पहुंच कर धारा 82 की नोटिस चस्पा कर दिया इसके बाद लखनऊ वापस लौट गयी। खबर है कि उनके आवास पर लोंगो से पूछताछ भी किया लेकिन पुलिस को किसी ने कोई जानकारी नहीं दिया है। खबरों के मुताबिक राजधानी के शारदा व सरस्वती अपार्टमेंट में भी पुलिस ने दबिश दी लेकिन वहां भी सफलता हाथ नहीं लगी।



खबर यह भी है कि जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर क्षेत्र पंचायत प्रमुख तक के चुनाव में धनन्जय सिंह द्वारा अपने समर्थकों के लिए प्रबन्धन किया गया। और उनकी मौजूदगी जौनपुर की सरजमीं पर चर्चा में रही। अध्यक्ष पद पर उनकी पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी को चुनाव जीतने पर धनन्जय सिंह को लोग बधाई ज्ञापित करने उनके घर भी जाते रहे। फिर भी पुलिस को पता नहीं चला कि धनन्जय सिंह कहां हैं। पुलिस का नेटवर्क क्यों काम नहीं कर रहा है इसे लेकर जनपद में चर्चायें हो रही है। सत्ता से संरक्षण की बात सुनाई दे रही है।

Pallavi Srivastava

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