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Jaunpur News: हिंदी दिवस पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा- सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओं में हिन्दी, विश्व में दूसरे स्थान पर है
हिन्दी दिवस के मौके पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य ने कहा कि भारत की पहचान विदेशों में हिंदी से है।
Jaunpur News: हिन्दी दिवस (Hindi Divas) पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) में विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय तथा भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ द्वारा हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य (Vice Chancellor Prof. Nirmala S. Mourya) ने कहा कि भारत की पहचान विदेशों में हिंदी से है। भारत के हर कोने में हिंदी बोली जा रही है। विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे स्थान पर थी लेकिन अब वह दूसरे स्थान पर आ रही है। उन्होंने कहा कि आज हिंदी की वैश्विक पहचान( global identity) बन चुकी है। रूस, अमेरिका, फिजी, श्रीलंका, मारिशस, केन्या सहित अनेक देशों में हिंदी की पढ़ाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए लेकिन अपनी भाषा से अपनी अलग पहचान होती है। उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचना, निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल- बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल के भाव को समझाया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में शीघ्र ही हिंदी विभाग स्थापित होगा जिसमें अगले शैक्षणिक सत्र से हिंदी विषय की पढ़ाई शुरू होगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई हिंदी भाषा में हो इसके लिए तकनीकी शब्दावली को और मजबूत करने की जरुरत है।
हिंदी हमारी बुनियाद है- कुलसचिव महेंद्र कुमार
इसी क्रम में वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि हिंदी का प्रकाश सम्पूर्ण देश में फैलता रहे इसके लिए सबको प्रयास करते रहना चाहिए। कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि हिंदी हमारी बुनियाद है। हिंदी हमें भावनात्मक रूप से जोड़ती है। कार्यक्रम में बी. कॉम की छात्रा आकांक्षा एवं विशाल चौबे ने कविता प्रस्तुत किया।
परिसर में पौधरोपण भी किया गया
उपस्थित अतिथियों ने इस अवसर पर परिसर में पौधरोपण भी किया। स्वागत मानद पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो। मानस पाण्डेय, धन्यवाद् ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. मनोज मिश्र ने एवं संचालन डॉ. विद्युत् मल्ल ने किया। इस अवसर पर प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, आचार्य विक्रमदेव, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. देवराज,डॉ. मुराद अली, डॉ. जगदेव, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. राज कुमार, डॉ. गिरिधर मिश्र, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. अमरेन्द्र सिंह, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, राजीव कुमार, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, बबिता, डॉ. के एस तोमर, डॉ. अमित वत्स, अवधेश कुमार समेत परिसर के शिक्षक, विद्यार्थी उपस्थित रहे।