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Jaunpur News: आखिर कमिश्नर ने मास्टर प्लान आफिस में सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनुमति क्यों नहीं दिया

Jaunpur News: जिलाधिकारी के आदेश के बाद मास्टर प्लान कार्यालय से प्रस्ताव कमिश्नर वाराणसी के पास स्वीकृति और बजट आदि के लिए भेजा गया लेकिन कमिश्नर ने सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनुमति नहीं दिया और इसे धन का अपब्यय बता कर वापस कर दिया।

Kapil Dev Maurya
Published on: 18 Nov 2021 1:08 PM GMT
Why did the commissioner not allow the installation of CCTV cameras in the master plan office?
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जौनपुर: कमिश्नर ने सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनुमति नहीं दी 

Jaunpur News: जनपद जौनपुर (District Jaunpur) में भ्रष्टाचार (Corruption) रोकने के लिये जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी चाहे जितना प्रयास करें लेकिन जब उच्चाधिकारी उसमें अपनी संलिप्तता करें तो भ्रष्टाचार किस स्तर तक पहुंच सकेगा अनुमान लगाना कठिन हो जाता है। ऐसा ही एक विभाग का मामला प्रकाश में आया है। यह विभाग भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता है। जी हां विभाग का नाम मास्टर प्लान है।

यहां बता दें कि मास्टर प्लान (master plan) में मकानों का नक्शा बनाने से लेकर नक्शा पास कराने तक सम्बन्धित व्यक्ति का खुला शोषण किया जाता है। इस शोषण के खेल में अधिकारी से लेकर बाबू सहित दलाल और नक्शा नवीसों की महती भूमिका बतायी जाती है। विभाग के भ्रष्ट कारनामों की शिकायत पर जनपद के जिलाधिकारी ने मास्टर प्लान आफिस में सीसीटीबी कैमरा लगाने के लिए शख्त आदेश विभाग के प्रभारी अधिकारी नगर मजिस्ट्रेट को दिया ताकि यहां की गति विधियों पर नजर रखी जा सके।

कमिश्नर ने सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनुमति नहीं दी

जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में मास्टर प्लान कार्यालय से प्रस्ताव कमिश्नर वाराणसी के पास स्वीकृति और बजट आदि के लिए भेजा गया लेकिन कमिश्नर ने सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनुमति नहीं दिया और इसे धन का अपब्यय बता कर वापस कर दिया। यहां पर सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए उस पर नजर रखने के लिए लगाये जाने वाले सीसीटीवी कैमरा को लगाने से कमिश्नर ने क्यों रोका है। क्या उनकी मंशा है कि भ्रष्टाचार अनवरत चलता रहे ? आखिर बजट की स्वीकृति क्यों नहीं दिया जब यह विभाग जनपद में आकंठ भ्रष्टाचार के लिए मशहूर एवं जाना जाता है।

नक्शा बनवाने वालों से दलाली की जाती है

यहां बता दें कि मास्टर प्लान आफिस में बैठने वाले नक्शा नवीस ऐसा डेरा जमाये हुए है कि उनके माध्यम से खुले आम आफिस में बैठकर नक्शा बनवाने वालो से दलाली की जाती है। धनराशि टाप टू बाटम रोज बंटती है। जनमत है कि कमिश्नर द्वारा कैमरा लगाने पर रोक लगाना पर्दे के पीछे से यहां हो रहे भ्रष्टाचार के खेल को प्रश्रय दिया जाना माना जा रहा है। जिलाधिकारी ने कैमरा लगा कर भ्रष्टाचार खत्म करना चाहा तो रोड़ा बन गये कमिश्नर जो संकेत करता है कि दाल में कुछ काला जरूर है।

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