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UP Election 2022: बसपा का टिकट बेचने का खेल शुरू, राजनैतिक गलियारे में चर्चा 'रस्सी जल गयी पर ऐंठन नहीं गयी'

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी द्वारा पैसे लेकर प्रत्याशी खड़ा करना जनपद जौनपुर में एक राजनैतिक बहस शुरू हो गई है।

Kapil Dev Maurya
Published on: 21 Sep 2021 1:30 PM GMT
The game of selling BSP tickets started, discussion in the political corridor the rope got burnt but the cramp did not go
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बसपा का टिकट: फोटो- सोशल मीडिया

Jaunpur News: जनपद जौनपुर (District Jaunpur) के राजनैतिक गलियारें इन दिनों प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) को लेकर एक जबरदस्त चर्चा है कि "रस्सी जल गयी लेकिन ऐंठन नहीं गयी है " इसी मुहावरे के साथ खुद बसपा के कुछ जिम्मेदार लोग भी कहते सुने गये कि पार्टी का वोट बैंक( BSP vote bank) भले ही खिसक गया है लेकिन पार्टी में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करने के लिए टिकट के खरीद फरोख्त का खेल शुरू हो गया है। इस खेल में पार्टी कोआर्डिनेटर (party coordinator) स्तर के पदाधिकारियों को लगाया गया है। जो पैसा दे रहा है उसके टिकट के कन्फर्मेशन की बात कही जा रही है।

यहां बता दें कि बसपा से निकलने वाले तमाम बड़े नेताओ द्वारा टिकट की बिक्री किये जाने का खुला आरोप पार्टी नेतृत्व पर कई बार लगाये गये और इसके साथ बड़े नेता पार्टी को अलविदा कह दिये परिणाम स्वरूप पार्टी का जनाधार भी खिसक कर एकदम निचले पायदान पर पहुंच गया फिर भी पार्टी के लोग टिकटों के बिक्री का धड़ल्ले से करते नजर आ रहे है। सूत्र की माने तो अनुसूचित जाति के आरक्षित सीट पर 02 करोड़ रूपये का शुल्क निर्धारित किया गया है तो जनरल सीटो के लिए ढाई करोड़ रूपये में टिकट बेंचे जाने की बात प्रकाश में आयी है ।

टिकट का मोल तोल चल रहा है

जौनपुर जनपद के विधानसभाओ के टिकटार्थियों के बाबत बसपा के ही एक सूत्र ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया है कि जौनपुर सदर विधानसभा से सलीम खान को चुनाव लड़ाने का संकेत मिला है। ढाई करोड़ रूपये में से अभी तक 50 लाख रूपये बजरिए को आर्डिनेटर जमा कराये जा चुके है। इसी तरह जफराबाद विधानसभा से चुनाव लड़ाने के लिए जनपद आजमगढ़ के संतोष तिवारी से पार्टी ने एक करोड़ रूपये वसूल लिये है शेष की मांग जारी है। केराकत (सु) विधानसभा से डा लालबहादुर सिद्धार्थ से दो करोड़ के सापेक्ष 50 लाख जमा करा लिये जाने की खबर है। इसी तरह शाहगंज विधानसभा से एक यादव को टिकट बेचने की बात चल रही है कन्डीडेट एक करोड़ देने को तैयार बताया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार लोग ढाई करोड़ रूपये के नीचे नही आ रहे है। इसी तरह मछलीशहर (सु),बदलापुर,

मुंगराबादशाहपुर मड़ियाहॅू विधान सभाओं में टिकट का मोल तोल चल रहा है

सूत्र ने यह भी बताया कि यह किसी एक जनपद का खेल नहीं है बल्कि प्रदेश के सभी विधानसभाओ में इसी तरह का खेल चल रहा है चूंकि पार्टी का जनाधार नीचले पायदान की ओर चला गया है इसलिए बसपा से चुनाव लड़ने वाले थोड़े भयभीत तो है इसके बाद भी बड़ी संख्या में नये लोग चुनाव लड़ने के लिए बसपा का टिकट खरीदने की लाइन लागाये हुए है। सूत्र ने बताया कि बसपा में पार्टी के लिए दिन रात संघर्ष करने का कोई मतलब नहीं है पैसा है तो पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी आसानी से बना जा सकता है।

दलित समाज के लोगों का रूझान बसपा की ओर नहीं

जहां तक जनाधार का सवाल है पूर्वी उत्तर प्रदेश में सुखदेव राजभर को पार्टी छोड़ने के बाद राजभर समाज बसपा से दूर नजर आने लगा है ।मौर्य समाज भी विगत 2017 के चुनाव से ही पूर्वांचल में बसपा का साथ छोड़ चुका है। मुसलमान भी बड़े नेताओ को पार्टी से अलग होने के बाद वह भी बसपा के साथ नही नजर आ रहे है। इतना ही नहीं पूर्वांचल में पढ़े लिखे दलित समाज के लोंगो की भी रूझान बसपा की ओर नहीं नजर आ रही है। फिर टिकट की कीमत दो से ढाई करोड़ प्रति विधानसभा वसूली के अभियान चर्चा राजनैतिक गलियारे में खूब चल रही है।

Shashi kant gautam

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