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UP Election 2022: मल्हनी विधानसभा गठन के बाद अब तक लगातार इस पर सपा का रहा कब्जा

UP Election 2022: साल 2012 के पहले यह विधानसभा सीट रारी के नाम से जानी जाती थी। यहां के चुनावी इतिहास पर नजर करें तो 6 बार, साल 1952, 1957. 1969, 1978, 1980, 1989 कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।

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Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 19 Jan 2022 11:59 AM GMT
Samajwadi Party Uttar Pradesh
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UP Election 2022: साल 2012 में नवसृजित मल्हनी विधानसभा सीट पर अब तक तीन बार चुनाव हुए हैं। लगातार इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। इस सीट से लगातार दो बार विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव (Parasnath Yadav) की मौत के बाद जनता ने उनके बेटे लकी यादव को अपना विधायक चुना है। इस तरह तीन बार से इस सीट पर जीत रही सपा के सामने इस बार कांटे की टक्कर के आसार हैं। इसके लिए सपा, भाजपा, बसपा, कांग्रेस के साथ पूर्व सांसद बाहुबली नेता धनंजय सिंह और उनके परिवार के लोग भी तैयारी में लगे हैं।

साल 2012 के पहले यह विधानसभा सीट रारी के नाम से जानी जाती थी। यहां के चुनावी इतिहास पर नजर करें तो 6 बार, साल 1952, 1957. 1969, 1978, 1980, 1989 कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। हलांकि रारी विधानसभा के अन्तिम विधायक धनंजय सिंह के पिता राजदेव सिंह रहे है। इसके बाद साल 2012 में यह सीट नए परिसीमन के बाद मल्हनी के रूप में अस्तित्व में आई और मल्हनी विधानसभा क्षेत्र के नाम से जानी जाने लगी।

सिकरारा, बक्शा और करंजाकला ब्लाक के अधिसंख्य और सिरकोनी ब्लाक के कुछ हिस्सों को मिलाकर इस विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ है। साल 2012 में हुए इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ तो सपा के पारसनाथ यादव ने रिकार्ड 81602 वोट पाकर जीते थे। उन्होंने निर्दल उम्मीदवार डा. जागृति सिंह को 31502 वोटों के अंतर से हराया था। साल 2017 में सपा के पारस नाथ यादव को हराने के लिए निषाद पार्टी से बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह मैदान में उतरे थे।

समाजवादी पार्टी झंडा की तस्वीर

लेकिन,उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, कोरोना काल में पारस नाथ यादव के निधन के बाद साल 2020 में उपचुनाव कराना पड़ा। इस चुनाव में सपा ने उनके बेटे लकी यादव को आगे लाया। जिन्होंने इस सीट पर सपा के जीत की हैट्रिक बनवाई। हालांकि इस उपचुनाव में कांटे का मुकाबला देखने को मिला था,जिसमें सपा के लकी यादव 73462 मत पाकर विधायक बने थे, जबकि इस चुनाव में पूर्व सांसद धनंजय सिंह निर्दल प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे और उन्हें 68838 मिले थे।

वहीं, भाजपा के मनोज सिंह 28860 और बसपा के जय प्रकाश दुबे 25180 ही पाए थे। इस बार इस सीट का मुकाबला काफी रोंचक होने की उम्मीद है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। हलांकि धनंजय सिंह लखनऊ के अजीत हत्या काण्ड में आरोपी है और कागज में फरार घोषित है।

वहीं, सिटिंग विधायक लकी यादव भी जनता के बीच जाकर प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। हालांकि इस वीआईपी सीट पर पर हर हाल में जीतने को लेकर बसपा, भाजपा, कांग्रेस, आप समेत अन्य सभी दल रणनीति तैयार करने में लगे हुए हैं। किसके भाग्य का सूर्य उदय होगा यह तो इस विधानसभा क्षेत्र की 3 लाख 73 हजार 15 मतदाता 07 मार्च 22 को तय करेंगे कि सपा भाजपा बसपा कांग्रेस सहित निर्दल में कौन उनका प्रतिनिधित्व विधानसभा में करेगा। जबतक यह विधानसभा रारी के नाम से थी तो कब कौन जीता सूची ।

1952- दीप नारायण वर्मा (कांग्रेस)

1957 -राम लखन सिंह-(कांग्रेस)

1962 -कुंवर श्रीपाल सिंह (जनसंघ)

1967- राज बहादुर यादव (निर्दल)

1969-सूर्यनाथ उपाध्याय (कांग्रेस)

1974- राज बहादुर यादव (भारतीय क्रांति दल)

1977- राज बहादुर यादव -(जनता पार्टी)

1978 (उपचुनाव) कांग्रेस सूर्यनाथ उपाध्याय (कांग्रेस)

1980 -तेज बहादुर सिंह (कांग्रेस)

1985-अर्जुन यादव (दगकिपा)

1989 -अरुण कुमार सिंह मुन्ना (कांग्रेस)

1991 -मिर्जा जावेद रजा-(जनता दल)

1993-लालजी यादव (बसपा)

1996 - श्रीराम यादव (सपा)

2002-धनंजय सिंह (निर्दल)

2007-धनंजय सिंह (जदयू)

2009 (उप चुनाव)-राजदेव सिंह (बसपा)।

मल्हनी विधानसभा बनने पर कौन कब जीता

2012- पारस नाथ यादव (सपा)

2017-पारस नाथ यादव (सपा)

2020-लकी यादव (सपा)

Divyanshu Rao

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