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Jaunpur: आजादी के बाद से अब तक चार प्रत्याशी ही जीते अपने दम पर चुनाव, जानें कौन

Jaunpur News: लोकतंत्र के इतिहास में आजादी के बाद प्रदेश में 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। लेकिन जनपद से अभी तक चार लोग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। इस बार नौ विधानसभा सीटों पर 121 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी समर में हैं।

Kapil Dev Maurya
Report Kapil Dev MauryaPublished By Deepak Kumar
Published on: 25 Feb 2022 7:16 PM IST
UP Election 2022
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UP Election 2022।

Jaunpur News: लोकतंत्र के इतिहास में आजादी के बाद प्रदेश में 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। जनपद जौनपुर (Jaunpur District) के विधान सभा क्षेत्रों से अभी तक चार लोग निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। हर बार चुनाव में तमाम निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी जंग में आते हैं लेकिन उनको जनता वोट काटवा बना देती है। इस बार भी नौ विधानसभा सीटों पर 121 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी समर में हैं।

1957 कुंवर श्रीपाल सिंह जीते थे निर्दलीय चुनाव

यहां बता दें कि वर्ष 1952 में पहले विधानसभा चुनाव (1952 Assembly Election) में जनपद में 11 सीटें थी। तब सभी सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, लेकिन 1957 में जीत की संख्या दस हो गई। इस चुनाव में भी कांग्रेस मजबूती से लड़ी, लेकिन दो सीट हार गई। जिसमें जौनपुर से राजा यादवेंद्र दत्त दुबे (Raja Yadvendra Dutt Dubey from Jaunpur) जनसंघ के टिकट से जीते। वहीं, खुटहन विधानसभा (Khuthan Assembly) से कुंवर श्रीपाल सिंह (Kunwar Shripal Singh) ने निर्दलीय चुनाव जीता था। उन्होंने कांग्रेस के विधायक लक्ष्मीशंकर यादव को हराया था। इसके बाद 1967 में दूसरी बार रारी से निर्दल प्रत्याशी राज बहादुर यादव ने चुनाव जीता था। उन्होंने कांग्रेस के दीप नारायण वर्मा को हराया था। इस चुनाव के लगभग 22 साल बाद वर्ष 1989 में जौनपुर सदर विधान सभा (Jaunpur Sadar Assembly) से अर्जुन सिंह यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जनता दल के डॉ. छबिनाथ सिंह को हराया था।

इसके बाद 2002 में जिले की रारी विधानसभा (Rari Assembly) से बाहुबली धनंजय सिंह (Bahubali Dhananjay Singh) निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी समर में उतरे और चुनाव जीते। उनके सामने पूर्व मंत्री श्रीराम यादव समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे, जिन्हें धनंजय सिंह ने पटखनी दिया था। इसके बाद आज तक जनपद के किसी भी विधान सभा से कोई निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया। हलांकि रारी विधानसभा (Rari Assembly) को मल्हनी बनने के बाद धनंजय सिंह तीन बार निर्दल चुनावी जंग में उतरे जरूर लेकिन पराजय ही मिलती रही। इस बार के आम चुनाव में कोई निर्दलीय प्रत्याशी मुकाबले में नहीं दिख रहा है।

कब जीते निर्दलीय प्रत्याशी जीते

  • 1957 कुंवर श्रीपाल सिंह जीते, लक्ष्मी शंकर यादव (कांग्रेस) हारे
  • 1967 राज बहादुर यादव जीते, दीप नरायन वर्मा (कांग्रेस) हारे
  • 1989 अर्जुन सिंह यादव जीते, डा छबिनाथ सिंह (जनता दल) हारे
  • 2002 धनंजय सिंह जीते, श्रीराम यादव (सपा) हारे

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Deepak Kumar

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