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UP Election 2022 : चुनाव की डुगडुगी बजते ही प्रत्याशियों को लेकर कयास बाजी शुरू, जनता करने लगी है समीक्षा

Up Election 2022 : जौनपुर सदर विधानसभा की बात करें तो 2017 में यहां से गिरीश चन्द यादव भाजपा (Girish Chand Yadav BJP) के बैनर तले चुनाव लड़कर जीते और पांच साल तक उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री रहे है।

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Report NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 16 Jan 2022 12:33 PM IST
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UP Election 2022 :चुनाव की डुगडुगी बजते ही प्रत्याशियों लेकर कयास बाजी शुरू (Social Media)

Up Election Update : विधानसभा की डुगडुगी बजने के साथ ही यह तय हो गया कि जनपद जौनपुर के जन प्रतिनिधियों का चुनाव सातवें यानी अन्तिम चरण में होगा। चुनाव चाहे जब हो प्रत्याशी का चयन तो भले ही राजनैतिक दल करेंगे, लेकिन अब जन मानस के बीच चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को लेकर कयासबाजी शुरू हो गयी है। वहीं लगभग सभी राजनैतिक दलो में चुनाव लड़ने के लिए आवेदको की एक लम्बी फेहरिस्त है। सबसे बड़ी लाइन इस समय समाजवादी पार्टी में नजर आ रही है।

गिरीश चन्द यादव का नाम चल भी शामिल

हम अगर जौनपुर सदर विधानसभा की बात करें तो 2017 में यहां से गिरीश चन्द यादव भाजपा (Girish Chand Yadav BJP) के बैनर तले चुनाव लड़कर जीते और पांच साल तक उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री रहे है। भाजपा में पहले दावेदार के रूप में गिरीश चन्द यादव का नाम चल भी रहा है। हलांकि सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कुछ नाम और भी अन्दर खाने में चल रहे है लेकिन उनके कद गिरीश चन्द यादव के सामने छोटे पड़ते दिख रहे है। दूसरी ओर भाजपा में मची भगदड़ को देख अब जनपद जौनपुर में सिटिंग विधायको का टिकट कटना मुश्किल ही लगता है। जहां तक गिरीश की बात है वह सरल सौम्य सहज व्यक्तित्व के व्यक्ति है। पार्टी इन पर दांव लगाकर विपक्ष को कड़ी टक्कर दे सकती है। इनके द्वारा पांच साल में अपने काम को भी दिखाया है। सड़क बिजली पुल आदि कई बड़ी परियोजनाओ को जौनपुर में लाने का काम किया है।

हम सपा (samajwadi party) की बात करे तो इस दल में लोकल (Local) स्तर पर आधा दर्जन अल्पसंख्यक समुदाय (Minority community) के नेता टिकट की दावेदारी कर रहे है, तो मौर्य समाज (Maurya Samaj) के कई दावेदार जौनपुर (Jaunpur) लखनऊ (Lucknow) एक किये हुए है।

मुस्लिम समुदाय की दावेदारी अधिक है

मुस्लिम नेताओ (Muslim neta) में नासिर खान, जावेद सिद्दीकी, शकील अहमद,महासचिव हिसामुद्दीन शाह पूर्व विधायक अरशद खान, आरिफ हबीब और इस्तकबाल कुरैसी का नाम चर्चा में है। मौर्य समाज (Maurya samaj)से राज बहादुर उर्फ पप्पू मौर्य और उदय भान मौर्य उर्फ यूबी, पूनम मौर्या का नाम जोर से चल रहा है। यहां बता दे कि जौनपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता है इसलिए मुस्लिम की दावेदारी अधिक है। जहां तक मौर्य समाज के नेताओ का सवाल राजबहादुर मौर्य तो बसपा से चुनाव लड़कर हार चुके है। जनता जानती है लेकिन उदय भान मौर्य को अभी उनका पूरा समाज ही नही पहचानता है।

जौनपुर विधानसभा से सपा के प्रत्याशी हो सकते है

ऐसे में चुनाव क्या लड़ेंगे सहज अनुमान लगाया जा सकता। अगर सपा मुस्लिम को सदर से चुनाव नहीं लड़ायेगी तो कहां से टिकट देगी यह एक बड़ा सवाल है ? जबकि मुस्लिम सपा के मूल वोटर का हिस्सा भी है। भाजपा छोड़कर सपाई बने स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा में आने के बाद तेजी से चर्चा यह भी है स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र उत्कर्ष मौर्य जौनपुर सदर विधान सभा से सपा के प्रत्याशी हो सकते है। अगर ऐसा हुआ तो यहां पर जंग जोरदार देखने को मिलेगा।

रही बात बसपा कि तो यहां पर पार्टी चुनाव में दमदार प्रत्याशी चुनाव मैदान में लाने से ज्यादा पूंजी पति की तलाश करती है जिसके तहत सत्येन्द्र सिंह नामक एक प्रधान पति ने अभी तक जौनपुर सदर से बसपा के टिकट की खरीद किया है। अन्तिम समय तक ये चुनाव लड़ेंगे ही यह कहना कठिन है क्योंकि यहां पर बसपा कैडर के लोग और बड़े मलाईदार व्यक्ति की तलाश में जुटे है। वैसे भी जाति पाति के इस सियासी जंग में क्षत्रिय मतदाता कहां रहेगा बताने की जरूरत नहीं है पूरा प्रदेश जानता है।

कांग्रेस ने सदर विधानसभा में ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में है। कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता एवं पूर्व विधायक स्व रामकृष्ण उपाध्याय के पौत्र विकेश उपाध्याय उर्फ विक्की चुनावी जंग में आ गये है ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व विधायक नदीम जावेद द्वारा चुनाव लड़ने से मना करने पर विक्की का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। हलांकि यहां आधा दर्जन दावेदार है लेकिन विकेश उपाध्याय के सामने कमजोर नजर आ रहे है।

हलांकि इस चुनावी जंग में सीधा मुकाबला सपा और भाजपा के बीच होने की प्रबल संभावनायें है इसलिए अन्य दलो पर जन मानस की नजर कम है आम जनता कहने भी लगी है कि यूपी विधान सभा का चुनाव सपा भाजपा के बीच ही होगा शेष दल वोट कटवा साबित हो सकते है।

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Ragini Sinha

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