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UP Election 2022: आइए जानते हैं जफराबाद विधानसभा क्षेत्र की जनता का रुझान, हमारी पड़ताल में आए चौंकाने वाले रुझान

UP Election 2022: धीरे-धीरे ही सही वोटर्स अब मुखर होकर बोलने लगे हैं। दलीय निष्ठा को छोड़ अब लोगों का झुकाव अपने पसंदीदा प्रत्याशी की तरफ दिखने लगा है। वहीं, इस विधानसभा क्षेत्र में जो वर्तमान स्थिति नजर आ रही है, उसके अनुसार जनता अपने विधायक को बदलने के मूड में दिखाई दे रही है।

Kapil Dev Maurya
Written By Kapil Dev MauryaNewstrack aman
Published on: 1 March 2022 11:37 AM GMT
up election 2022 zafrabad assembly seat public opinion
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up election 2022 zafrabad assembly seat public opinion 

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) की मतदान की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, जौनपुर जिले के जफराबाद विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का रुझान भी सामने आने लगा है। धीरे-धीरे ही सही वोटर्स अब मुखर होकर बोलने लगे हैं। दलीय निष्ठा को छोड़ अब लोगों का झुकाव अपने पसंदीदा प्रत्याशी की तरफ दिखने लगा है। वहीं, इस विधानसभा क्षेत्र में जो वर्तमान स्थिति नजर आ रही है, उसके अनुसार जनता अपने विधायक को बदलने के मूड में दिखाई दे रही है।

हालांकि, राजनीतिक दलों की जंग भी करारी है। सभी एक-दूसरे को शिकस्त देने में दिन-रात एक किए हुए हैं। ये अलग बात है कि पसीना सभी को आ रहा है। लेकिन, समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी का चुनाव जनता द्वारा खुद लड़ा जा रहा है, इसी से आंकलन किया जा सकता है कि परिणाम किस तरफ जा रहा है।

जानें, किस पार्टी से कौन प्रत्याशी मैदान में?

यहां बता दें, कि जफराबाद विधानसभा क्षेत्र से इस चुनाव में कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। लेकिन, मुख्य लड़ाई तीन प्रत्याशियों के बीच होनी है। पहले हैं, सपा और सुभासपा गठबंधन से पूर्व मंत्री जगदीश नारायण राय, दूसरे हैं बीजेपी के वर्तमान विधायक डाॅ. हरेन्द्र प्रताप सिंह, जो इस बार चुनाव में आमने-सामने हैं। लेकिन, तीसरा पक्ष लिए बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी डाॅ संतोष कुमार मिश्रा हैं। बता दें कि बसपा प्रत्याशी संतोष मिश्रा आजमगढ़ जिले के निवासी हैं। जबकि, कांग्रेस पार्टी ने अपने पुराने नेता तिलकधारी निषाद की बहू लक्ष्मी नागर को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके अलावा जो अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जनता उन्हें वोट कटवा की श्रेणी में खड़ा कर रही है। हालांकि, कुछ ऐसे भी हैं जो निर्दलीय 'विधायक' बनने का सपना देख रहे हैं।

बीजेपी प्रत्याशी पर गुटबाजी का आरोप, लोग चाहते हैं बदलाव

विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भले ही सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हों, लेकिन यहां यहां सीधी टक्कर सपा गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार के बीच है। बीजेपी प्रत्याशी हरेन्द्र प्रताप सिंह पर अपने पांच साल के कार्यकाल में इलाके में लोगों की गुटबाजी में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। जिससे आम जन की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। जिसके बाद अब इस विधानसभा क्षेत्र के कईयों ऐसे मतदाता है जो विधायक बदलने के मूड में दिखाई दे रहे हैं।

newstrack.com की पड़ताल में सपा की हवा

newstrack.com की पड़ताल में ये बात खुलकर आमने आई कि जफराबाद विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश उम्मीदवारों का रुझान सपा गठबंधन के प्रत्याशी की तरफ है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि यहां इस गठबंधन के उम्मीदवार हैं, जगदीश नरायन राय। इलाके के कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि चुनाव एकतरफा नजर आ रहा है, अगर ऐसा कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। मजेदार बात यह है जगदीश नारायण राय का चुनाव जनता खुद ही लड़ने के लिए मैदान में आ चुकी है। खबर ये भी है कि विधानसभा क्षेत्र के नेवढ़िया इलाके के 700 ब्राह्मण मतदाता जो घर से दूर जीविकोपार्जन करते हैं, जगदीश नारायण राय के पक्ष में मतदान के लिए गांव लौटे हैं।

'बाहरी' का खामियाजा उठा सकती है बसपा

अब बात करते हैं, तीसरे उम्मीदवार की जो बहुजन समाज पार्टी (BSP) के प्रत्याशी हैं। चूंकि, चुनाव के वक़्त जाति भी मायने रखता है। क्योंकि, कई ऐसे मतदाता होते हैं जो जाति आधारित मतदान करते हैं। उनके लिए बसपा के उम्मीदवार संतोष कुमार मिश्रा में संभावना दिख रही है। संतोष मिश्रा के बारे में कुछ लोगों का मानना है कि वो बाहरी होने का खामियाजा भुगतेंगे। लेकिन वहीं, कई हैं जो उन्हें ब्राह्मण जाति से होने के कारण चुनावी मैदान में टक्कर की मान रहे हैं। हालांकि, हमारी पड़ताल में ये बात भी सामने आई कि बसपा के कोर वोटर्स का रुझान भी सपा गठबंधन प्रत्याशी जगदीश नारायण राय की तरफ दिख रहा है। बावजूद, कह सकते हैं कि बसपा भी चुनावी लड़ाई में बरकरार है।

कांग्रेस की हालत छुपी नहीं है

अब रही बात कांग्रेस पार्टी की, तो उसकी स्थिति जगजाहिर है। इस सीट पर भी कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में कितना वोट जाएगा इसकी लोग चर्चा भी नहीं करते हैं। चूंकि, पार्टी प्रत्याशी जाति से निषाद हैं, इसलिए उन्हें अपनी बिरादरी के वोट पर भरोसा है। शेष प्रत्याशियों की जमानत भी बचेगी या नहीं यह तो चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलेगा।

अब जनता की बारी, 10 मार्च की तैयारी

उल्लेखनीय है, कि जफराबाद विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 3 लाख, 97 हजार 948 है। इसमें 2 लाख 08 हजार 686 पुरुष और 1 लाख 89 हजार 247 महिला मतदाता हैं। जातीय मतदाताओं का समीकरण इस प्रकार है- यादव 55 हजार, ब्राह्मण 50 हजार, क्षत्रिय 43 हजार, निषाद 40 हजार, मुसलमान 35 हजार, मौर्य 40 हजार, दलित 50 हजार। शेष अन्य जातियां शामिल हैं, जिनकी संख्या 5 से 10 हजार तक आंकी गई है। हालांकि परिणाम तो 10 मार्च को सामने आ ही जायेगा, लेकिन जनता का रुझान कुछ और ही बयां कर रही है। अब सबकी नजर इसी पर है कि जनता इस बार अपना जनप्रतिनिधि बदलती है या वर्तमान विधायक पर ही भरोसा जताती है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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