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Kaushambi News: कौशाम्बी को, अब तक की सरकारों ने दिए सिर्फ वादे, 24 साल बाद भी जिले में रेप पीड़िताओं की जांच की व्यवस्था नहीं

Kaushambi News:जनपद कौशाम्बी में अब तक सपा-बसपा के साथ-साथ भाजपा सरकार में भी रेप पीड़िताओं की जांच की व्यवस्था नहीं हो सकी है। रेप पीड़िताओं को इस अस्पताल से उस अस्पताल भटकना पड़ता है।

Ansh Mishra
Report Ansh MishraPublished By Shashi kant gautam
Published on: 17 Dec 2021 3:59 PM IST
Kaushambi News: कौशाम्बी को, अब तक की सरकारों ने दिए सिर्फ वादे, 24 साल बाद भी जिले में रेप पीड़िताओं की जांच की व्यवस्था नहीं
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Kaushambi News: कौशाम्बी जनपद (Kaushambi District) में बेहतर व्यवस्था देने का वादा करने वाली सपा-बसपा (SP-BSP) के साथ-साथ भाजपा सरकार (BJP Government) में भी आम जनमानस के तमाम गंभीर समस्याओं का समाधान उनके सांसद विधायक और सरकार नहीं कर सकी है। सड़क पर लंबे चौड़े भाषण देकर माननीय आम जनता के बीच विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं। लेकिन कौशांबी जनपद के सृजन के 24 साल बाद भी कौशांबी (24 years creation Kaushambi district) जिले में रेप पीड़िताओं की जांच की व्यवस्था नहीं हो सकी है। जिससे रेप पीड़िताओं को इस अस्पताल से उस अस्पताल भटकना पड़ता है। जिससे रेप के साक्ष्य नष्ट हो जाते हैं। और इसका लाभ अभियुक्तों को मिल रहा है।

इस गंभीर विषय पर अभी तक स्वास्थ्य महकमा के जिम्मेदारों ने भी शासन का ध्यान आकर्षित नहीं कराया है। योगी सरकार को उत्तर प्रदेश की सत्ता में आए साढ़े 4 साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन उनके सांसद विधायकों ने भी इस गंभीर विषय पर योगी सरकार को पत्र लिखकर रेप पीड़िताओं की जांच की मुकम्मल व्यवस्था जिला अस्पताल में कराए जाने की मांग नहीं की है। जिससे रेप की घटनाओं से पीड़ित बालिकाएं महिला सिपाहियों के साथ जांच के लिए पूरे दिन इधर से उधर भटकती रहती हैं।

रेप पीड़िता बालिकाओं को जांच के लिए 30 किलोमीटर दूर सीएचसी जाना पड़ता है

पूरे उत्तर प्रदेश में रेप की जांच का जिम्मा जिला अस्पताल (district hospital) को सौंपा जाता है। लेकिन कौशांबी का दुर्भाग्य है कि जिला अस्पताल में कभी-कभी महिला चिकित्सक उपलब्ध रहती हैं। महिला चिकित्सकों की अनुपस्थिति के चलते रेप पीड़िता बालिकाओं को कभी 30 किलोमीटर दूर सीएचसी सराय अकिल तो कभी 30 किलोमीटर दूर सीएचसी कड़ा जांच के लिए महिला सिपाहियों के साथ भेजा जाता है।

जमीनी हकीकत में योजनाओं का संचालन करना होगा

सड़कों पर साधन की अव्यवस्था के चलते दूसरे अस्पतालों में पहुंचने में देर हो जाने के बाद अक्सर वहां भी जांच नहीं हो पाती है जिससे उन्हें फिर तीसरे दिन किसी अन्य अस्पताल में जांच के लिए बुलाया जाता है। आखिर इस तरह कब तक रेप पीड़िताओं की जांच चलती रहेगी। सूबे में सपा बसपा की भी सरकार रह चुकी हैं। लेकिन जिला अस्पताल में रेप के पीड़िताओं की जांच की व्यवस्था न होने पर सपा बसपा-सरकार ने भी व्यवस्था करने की पहल नहीं की थी। लंबे चौड़े भाषण देने से आम जनता को सहूलियत नहीं मिल सकती है। जमीनी हकीकत में योजनाओं का संचालन करना होगा। तभी सरकार का जयकारा आम जनता लगाएगी।

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