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kaushambi News: ये हैं कौशाम्बी जिले की बड़ी खबरें, एक क्लिक में जानें पूरा अपडेट

कौशाम्बी जिले में कई जगहों पर लोगों के विभिन्न समस्या देखी गई जिसमें फसल को आवरा पशुओं के द्वारा नष्ट करने व अस्पताल में बदइंतजामी की समस्या आदि देखी गई

Ansh Mishra
Report Ansh MishraPublished By Deepak Raj
Published on: 8 Aug 2021 5:10 PM GMT
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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)

Kausambi News: जनपद मुख्यालय मंझनपुर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर आम जनमानस के तोड़े गए भवन में लोगों को अपने खर्चे से भवन तोड़ना पड़ा है नगर वासियों को जेब खाली करनी पड़ी है। लेकिन नगर पालिका के एक कर्मचारी का भी घर सड़क के पास बना था यह भवन भी अवैध तरीके से पटरी को कब्जा कर बनाया गया था जिस पर नगर वासियों के साथ इस भवन को भी तोड़े जाने की व्यवस्था दी गई। नगर पालिका कर्मी के भवन को तोड़े जाने में नगरपालिका की मशीनों का प्रयोग किया गया है।


प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोश मीडिया)


सूत्रों की माने तो नगरपालिका के खजाने में मशीनों का किराया नहीं जमा किया गया है। नगर पालिका कर्मी का पास में खाली जमीन पड़ी है जिस पर भवन बनाया जाना प्रस्तावित है। इस जमीन को नगरपालिका के जेसीबी मशीन से खुदाई कराई गई है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में भी नगरपालिका कर्मी द्वारा किराया नहीं अदा किया गया है। आखिर सरकारी कार्यो में लगी मशीन को नगरपालिका कर्मी के निजी कार्य में उपयोग करने की छूट कैसे दी गई है। इतना ही नहीं नगरपालिका कर्मी के खास लोगों के आवास तक नगर पालिका द्वारा सफाई कराई जाती है।


नगरपालिका की मशीन नगर पालिका के क्षेत्र के बाहर भी उक्त कर्मी के कहने पर मशीन पहुंचाई जाती है। नगर पालिका के कर्मी का दबदबा इस कदर है कि नगर पालिका की सफाई मशीन और सफाई कर्मचारी व्यक्ति विशेष के आवास पर पहुंचकर कई कई घंटे तक सफाई करते हैं। यह नगरपालिका के नियम में नही है कि किसी व्यक्ति विशेष के आवास की सफाई सरकारी खर्चे पर कराई जाए जबकि नगर पालिका मंझनपुर क्षेत्र में किसी निवासी को इस तरह की सुविधा नगर पालिका द्वारा अभी तक नहीं दी गई है नगर पालिका के कर्मी का यह कारनामा बड़ी जांच का विषय है और जांच हुई तो बड़े रहस्य उजागर होंगे।


पूर्व ईओ पर जांच अधिकारी ने की करोड़ों के गमन की पुष्टि

कौशांबी जनपद के एक नगर पंचायत में करोड़ों का घोटाला बीते वर्षों में हुआ था जिसकी शासन से शिकायत होने के बाद शासन ने तीन सदस्यीय टीम बनाकर नगर पंचायत के विकास कार्यों की जांच कराई थी जांच के दौरान बड़े घोटाले उजागर हुए हैं। आरोप है कि तत्कालीन अधिशासी अधिकारी के कार्यकाल से कई करोड़ का भुगतान बिना कार्य कराए ही ठेकेदारों को कर दिया है।

रातों रात मालामाल बनने का ख्वाब लेकर अधिषासी अधिकारी ने सरकारी रकम में जमकर धांधली की है। अधिषासी अधिकारी के साथ नगरपालिका का एक चर्चित लिपिक भी इस मामले में शामिल बताया जाता है बताया जाता है कि नगरपालिका का यह लिपिक पूर्व में बर्खास्त हो चुका है। जो अभिलेखों में हेराफेरी कर फिर से ड्यूटी कर रहा है दो करोड़ 63 लाख के घोटाले में बर्खास्त लिपिक भी शामिल बताया जाता है।


जांच अधिकारी ने दो करोड़ 63 लाख रुपए का आरोप तत्कालीन अधिशासी अधिकारी पर तय किया है। सूत्र बताते हैं कि अधिषासी अधिकारी के निलंबन करने की संस्तुति भी जांच अधिकारियों ने कर दी है नगर पंचायत के कार्यों में हेरा फेरी कर सरकारी रकम डकारने का यह मामला अधिषासी अधिकारी के गले की फांस बनता जा रहा है। दो करोड़ 63 लाख में अधिषासी अधिकारी से वसूली कराए जाने की तैयारी हो गई है। यदि अधिशासी अधिकारी से सरकार ने रिकवरी चलाई तो इनकी दुर्गति होना तय है।



मरीजों का सरकारी अस्पताल से उठा विश्वास चायल तहसील क्षेत्र के अमनी लोकीपुर ग्राम में स्थित सरकारी अस्पताल में नहीं आते चिकित्सक

कौशाम्बी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के गायब रहने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है सरकारी अस्पताल पहुंचने पर मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता जिससे कभी-कभी गंभीर मरीजों की मौत हो जाती है अस्पताल से चिकित्सकों के गायब रहने के चलते धीरे-धीरे अब मरीजों का सरकारी अस्पताल से विश्वास उठता जा रहा है और मरीज इस उम्मीद से सरकारी अस्पताल नहीं जाते कि वहां चिकित्सक नही मिलेंगे इसलिए प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ेगा।

जिससे पहले ही प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने मरीज पहुंच जाते हैं जिले की चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का जिम्मा शासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा है। लेकिन पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के भ्रष्ट कारनामे के चलते चौपट हुई चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने में वर्तमान सीएमओ भी सफल होते नहीं दिख रहे हैं। सरकारी चिकित्सक मनमानी पर उतारू है इसी तरह का एक ताजा मामला चायल तहसील क्षेत्र के अमनी लोकीपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का देखने को मिला है।

इस अस्पताल में मरीजों की देखरेख के लिए 3 चिकित्सकों सहित फार्मासिस्ट वार्ड ब्याय महिला नर्स स्वीपर की तैनाती की गई है। लेकिन इस अस्पताल में कभी-कभी एक डॉक्टर एक 2 घंटे को पहुंच जाते हैं। और अस्पताल के अन्य कर्मी भी मरीज और चिकित्सक के अनुपस्थिति के चलते खाली समय में अस्पताल के अंदर जुआ और गेम खेलते हैं इलाज के लिए बनाया गया यह अस्पताल जुआ का अड्डा घर बन चुका है। लेकिन सरकारी अस्पताल में हो रहे जुआ के अड्डे पर पुलिस भी कार्रवाई नहीं करते हैं।

दवाइयों की कालाबाजारी फार्मासिस्ट द्वारा की जाती है

चौपट हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की कोशिश के बाद भी वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी सफल नहीं हो सके हैं। आखिर कब तक डॉक्टरों की मनमानी चलती रहेंगी इलाज करने के बजाए चिकित्सक बैठ कर गेम खेलते हैं। इस अस्पताल में गंदगी व्याप्त है सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह चौपट हो चुकी है। अस्पताल में मिलने वाली दवाइयों को रजिस्टर में फर्जी नाम दर्ज कर दवाइयों की कालाबाजारी फार्मासिस्ट द्वारा की जाती है। यदि रजिस्टर में दर्ज मरीजों के नाम की जांच कराई गई तो दवाई को कालाबाजारी का भी भंडाफोड़ होगा।

आखिर जब अस्पताल में चिकित्सक नहीं मिलते हैं तो इस अस्पताल को खोलने का योगी सरकार का क्या मतलब रह गया है इस तरह के अस्पतालों को हमेशा के लिए बंद कर सरकारी अस्पताल के भवन को दूसरे कार्यों के उपयोग में ले लेना चाहिए। इस अस्पताल के अलावा भी मंझनपुर तहसील के बैश कांटी टिकरा गांव में सिराथू तहसील के सेलरहा गांव में चायल तहसील के कादिला पुर कसेन्दा महगाव पूरामुफ्ती सहित विभिन्न अस्पतालों की व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। जिन्हें बंद कर देना ही सरकार और जनता के हित में होगा


आवारा पशुओं की समस्या से किसानों को निजात न मिली तो होगा आंदोलन

समर्थ किसान पार्टी के तत्वावधान में ग्राम घोसरा मजरा पूरब शरीरा में एक चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रेम चन्द्र केसरवानी समेत पार्टी के कई नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। चौपाल में क्षेत्रीय किसानों ने आवारा पशुओं की समस्या से फसलों के हो रहे नुकसान की शिकायत प्रेम चन्द्र केसरवानी से की। ग्राम घोसरा के ही विजय सिंह लोधी ने बताया कि आवारा पशुओं की समस्या से परेशान हम किसान लोग दिन रात अपने-अपने खेतों की रखवाली करने को विवश हैं।

बावजूद इसके आवारा पशुओं से फसलों का नुकसान होता रहता है। इसी तरह एक अन्य किसान राधेश्याम लोधी ने बताया कि बड़ी लागत और मेहनत, मशक्कत से हम लोग खरीफ की फसल बोए हैं। लेकिन आवारा पशुओं के चलते सारी फसल बर्बाद हो रही है, और कोई सुनने वाला नहीं है। किसानों की आवारा पशुओं की समस्या को सुनकर समर्थ किसान पार्टी के नेता प्रेम चन्द्र केसरवानी ने जिला प्रशासन से तत्काल पूरे जिले में समुचित कदम उठाने की मांग की।

जिला मुख्यालय मंझनपुर में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी

अन्यथा पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला मुख्यालय मंझनपुर में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। इस अवसर पर किसानों से वार्ता करते हुए प्रेम चन्द्र केसरवानी ने कहा कि सप्ताह भर में अगर आवारा पशुओं की समस्या से किसानों को निजात नहीं दिलाया गया तो जिले के हजारों किसानों के साथ समर्थ किसान पार्टी जिला मुख्यालय में आंदोलन करेगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन एवं पशुपालन विभाग की होगी। इस अवसर पर देवनाथ लोधी, मुकेश कुमार साहू, अमन कुमार, देशराज यादव, रघुनंदन सिंह, सुनील तिवारी समेत कई लोग मौजूद रहे।


दबंग ने भाजपा के मंडल अध्यक्ष को घर में घुसकर पीटा

Kaushambi News: पंचस्थानीय चुनाव की रंजिश अब बड़े विवाद का रूप लेती दिखाई दे रही है। पिपरी थाना क्षेत्र के मीरपुर गांव में 2 दिन पूर्व दबंग ने उसके प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार कराने के आरोप में भाजपा नेता के भतीजे के घर घुस अपने साथियों के साथ मारपीट कर घायल कर दिया। पूरे मामले में अब राजनीतिक रूप ले लिया, जहां एक पक्ष के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी तो दूसरे पक्ष के समर्थन में समाजवादी पार्टी के नेता खेमे में वादा खिलाफी करते हुए दिखाई दे रहें हैं।

अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए भाजपा नेता अवधेश नारायण शुक्ला बताया कि जब वह बैठक में गए हुए थे दबंग ने उनके घर में घुस कर वारदात को अंजाम दिया। मामले में राजनीतिक कारणों से भीषण रूप पकड़ना शुरू कर दिया दूसरे पक्ष से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता के लग जाने के चलते अब मामला भाजपा बनाम सपा होता दिखाई दे रहा है। अब देखना यह है कि पुलिस मामले में क्या कार्यवाही करती है।


कड़ा धाम थाना क्षेत्र के नदी के किनारों से होती है अवैध शराब की तस्करी

अवैध शराब कारोबारियों को मिला स्थानीय पुलिस व कारखास का वरद हस्त थाना क्षेत्र के कडाघाट, कुबरीघाट, अकबरपुरघाट, असतपुरघाट, जहांगीराबाद घाट के जरिए जिले में दाखिल हो रही है। अवैध शराब कौशाम्बी अवैध रूप से गैर जनपद से बनी शराब धड़ल्ले से दाखिल हो रही जो जिले के विभिन्न गांवों और शराब के ठेके में बेची जा रही है। जिले में इस शराब की दाखिले के लिए कड़ा धाम थाना क्षेत्र सुरक्षित दाखिल होने का क्षेत्र बन कर उभरा है।

जहां से प्रतिदिन लाखों रुपए मूल्य के शराब जिले में दाखिल होती है। ऐसा नहीं कि इस पूरे खेल से स्थानीय पुलिस अनजान हो। इस अवैध कारोबार से मिलने वाले लाखों रुपए महीने के लालच में पुलिस इस पूरे कारोबार धड़ल्ले से जारी रखे हुए है, जो कि कभी भी जिले में लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। बताते चलें की थाना क्षेत्र में महीनों से इस गोरखधंधे ने जोर पकड़ कर रखा है। क्षेत्र के कई सफेदपोश नेताओं का वरदहस्त प्राप्त होने के चलते यह अवैध गोरख धंधा फल-फूल रहा है।

इस अवैध शराब निर्माण के कारोबार में शराब माफियाओं के पहुंच का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पूर्व में जिले से फतेहपुर की पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए एक शराब बनाने की फैक्ट्री को थाना क्षेत्र से पकड़ा था। जहां से भारी मात्रा में शराब भी बरामद हुई थी लेकिन उस थाने के पुलिस को इस पूरे मामले की जानकारी नहीं थी। ऐसा पुलिस के अधिकारियों को कहना था जबकि स्थानीय सूत्रों की मानें तो इस पूरे खेल से पुलिस लाखों रुपए महीने की वसूली कर रही थी।

शराब माफियाओं ने अपना पैंतरा बदल कर अब स्थानीय स्तर पर शराब निर्माण के स्थान पर पड़ोसी जनपद से शराब का आयात करना शुरू कर दिया है। इस पूरे खेल से जहां शराब माफिया अवैध शराब को जिले में धकेल कर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं इस पूरे कारोबार में अवैध शराब माफिया और स्थानीय पुलिस के अधिकारी लाखों करोड़ों रुपए से अपनी जेब गर्म कर रही है। स्थानीय लोगों ने पुलिस अधीक्षक का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पूरे मामले की जांच और अवैध कारोबार को बंद कराए जाने की मांग उठाई है।



Deepak Raj

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