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कुशीनगर कुआं हादसा: बहादुर बेटी ने उतारा दूध का कर्ज, मां समेत बचाई पांच की जान, खुद हो गई कुर्बान

Kushinagar: कुशीनगर जनपद के नौरंगिया हादसे में मरने वालों में 13 लोगो में उसी गांव की बहादुर बेटी पूजा भी थी।

Mohan Suryavanshi
Published on: 17 Feb 2022 9:48 AM GMT (Updated on: 17 Feb 2022 10:14 AM GMT)
कुशीनगर कुआं हादसा: बहादुर बेटी ने उतारा दूध का कर्ज, मां समेत बचाई पांच की जान, खुद हो गई कुर्बान
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Kushinagar: कुशीनगर जनपद के नौरंगिया हादसे में मरने वालों में 13 लोगो में उसी गांव की बहादुर बेटी पूजा भी थी। जिसने अपनी मां लीलावती देवी सहित पांच लोगों की जान बचायी। लेकिन छठवे को बचाने में जिंदगी हार गई। जिंदगी हारती हुए भी पूजा ने मां के दूध का कर्ज अदा कर दिया।

आर्मी मैन बलवंत यादव (army man balwant yadav) की 21 वर्षीय पुत्री पूजा बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और आर्मी में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रही थी। घटना के बाद पूजा पर लोगों की बचाने का धुन सवार हो गया पूजा ने 5 लोगों की जान बचा दी थी लेकिन छठवीं के बचाने में संतुलन खो दिया और काल के गाल में समा गई। आज इस बहादुर बेटी को लाल चुनरी के साथ अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है।

चिकित्सा व्यवस्था पर उठा सवालिया निशान

जनपद के नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया गांव में मटीकोड़ रस्म के दौरान हुए हादसे में स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय से एंबुलेंस आ गई होती तो कई की जान बच गई होती।

ग्रामीणों द्वारा फोन करने के लगभग ढाई घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची । हादसे में शिकार लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा ले जाने के बाद वहां भी किसी जिम्मेदार डॉक्टर का न मिलना चिकित्सा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।


नौरंगिया गांव के स्कूल टोला के ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद रात में 9:15 से लगातार एंबुलेंस को फोन किया गया लेकिन एंबुलेंस रात्रि 11:00 के बाद आया। जब ग्रामीण येन केन प्रकरण घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा लेकर पहुंचे तो वहां इमरजेंसी में कोई चिकित्सक नहीं था।

ग्रामीणों ने बताया कि वहां कार्यरत कुछ कर्मचारी अटपटा सवाल कर इलाज नहीं करना चाह रहे थे। यदि वहां भी सही से फर्स्ट इलाज मिल गया होता तो कई की जान बच गई होती। एक ग्रामीण ने बताया कि पुलिस के गाड़ी से जिला अस्पताल ले गये जिसमे तीन लड़कियों की सांसे चल रही थी। लेकिन जिला अस्पताल में भी चिकित्सको ने सीरियस नही लिया जिसके चलते दम तोड़ दी।

चिकित्सकों की लापरवाही पर गुस्साए ग्रामीण

नौरंगिया के हादसे में चिकित्सा विभाग की लापरवाही पर नाराज ग्रामीण एवं परिजनों ने गुरुवार को नेशनल हाईवे 28 बी को जाम कर दिया ग्रामीण एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदारों और लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे । जाम की जानकारी मिलने पर स्थानीय सांसद विजय कुमार दुबे मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझा-बुझाकर गुस्सा शांत कराया और तब जाकर जाम खत्म हुआ।


Vidushi Mishra

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