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Kushinagar News: PM मोदी ने महापरिनिर्वाण मंदिर में किया दर्शन पूजन, साथ ही श्रीलंका से आए भिक्षुओं को किया दान

Kushinagar Me Modi: पीएम मोदी ने महापरिनिर्वाण मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का दर्शन पूजन किया, प्रदक्षिणा की और आश्विन पूर्णिमा की इस पावन तिथि पर तथागत को चीवर दान किया।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Shweta
Published on: 20 Oct 2021 2:21 PM GMT
Prime Minister Narendra Modi
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Kushinagar News: कुशीनगर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट (kushinagar me international airport), मेडिकल कॉलेज व अन्य विकास परियोजनाओं की सौगात देने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pradhan mantri narendra modi) ने तथागत भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली पर अपनी आध्यत्मिक जिज्ञासा को भी तृप्त किया। पीएम मोदी ने महापरिनिर्वाण मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का दर्शन पूजन किया, प्रदक्षिणा की और आश्विन पूर्णिमा की इस पावन तिथि पर तथागत को चीवर दान किया। प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, मंदिर परिसर में बोधिवृक्ष का रोपण किया और यहां आयोजित अभिधम्म दिवस का शुभारंभ किया।

अभिधम्म दिवस समारोह में श्रीलंका के मंदिर (sri lanka temple) से लाए गए भगवान बुद्ध के पावन अवशेषों का पूजन भी किया गया। पीएम ने श्रीलंका से आए भिक्षुओं को चीवर दान किया। महापरिनिर्वाण मंदिर परिसर में आयोजित अभिधम्म दिवस समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध आज भी भारत के संविधान की प्रेरणा है। बुद्ध का धर्म चक्र भारत के तिरंगे पर विराजमान होकर हमें गति दे रहा है । आज भी संसद में कोई जाता है तो 'धर्म चक्र प्रवर्तनाय' मंत्र पर उसकी नजर जरूर पड़ती है। पीएम मोदी ने कहा कि हजारों साल पहले भगवान बुद्ध जब इस धरती पर थे तो आज जैसी व्यवस्थाएं नहीं थीं।

लेकिन फिर भी बुद्ध विश्व के करोड़ों करोड़ लोगों तक पहुँच गए। उनके अन्तर्मन से जुड़ गए। प्रधानमंत्री ने अलग-अलग देशों में बौद्ध धर्म से जुड़े मंदिरों, विहारों में मिले व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए कहा कि कैंडी से क्योटो तक, हनोई से हंबनटोटा तक, भगवान बुद्ध अपने विचारों के जरिए, मठों, अवशेषों और संस्कृति के जरिए हर जगह विद्यमान हैं। अलग अलग देश, अलग अलग परिवेश, लेकिन मानवता की आत्मा में बसे बुद्ध सबको जोड़ रहे हैं। भारत ने भगवान बुद्ध की इस सीख को अपनी विकास यात्रा का हिस्सा बनाया है, उसे अंगीकार किया है। हमने ज्ञान को, महान संदेशों को, महान आत्माओं के विचारों को बांधने में कभी भरोसा नहीं किया। उसको बांध कर रखना यह हमारी सोच नहीं है। अहिंसा, दया, करुणा जैसे मानवीय मूल्य आज भी उतनी ही सहजता से भारत के अन्तर्मन में रचे बसे हैं।


इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दुनिया के करोड़ों बौद्धों को महापरिनिर्वाण स्थली आने का अवसर मिलेगा

पीएम ने कहा कि आश्विन महीने की पूर्णिमा का यह पवित्र दिन, कुशीनगर की पवित्र भूमि, और अपने शरीर- अंशों- रेलिक्स, के रूप में भगवान बुद्ध की साक्षात् उपस्थिति! भगवान बुद्ध की कृपा से आज के दिन कई अलौकिक संगत, कई अलौकिक संयोग एक साथ प्रकट हो रहे हैं। अभी यहाँ आने से पहले मुझे कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिए पूरी दुनिया से करोड़ों बुद्ध अनुयायियों को यहाँ आने का अवसर मिलेगा, उनकी यात्रा आसान होगी। इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर श्रीलंका से पहुंची पहली फ्लाइट से अति-पूजनीय महासंघ, सम्मानित भिक्षुओं, हमारे साथियों ने, कुशीनगर में पदार्पण किया है। आप सभी की उपस्थिति भारत और श्रीलंका की हजारों साल पुरानी आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक है।

अपने भीतर से शुरुआत का संदेश देने से ही बुद्ध वैश्विक

प्रधानमंत्री ने धम्म का निर्देश 'यथापि रुचिरं पुष्पम, वण्णवन्तं सुगन्धकं। एवं सुभासिता वाचा, सफलाहोति कुब्बतो॥' का उल्लेख करते हुए कहा कि अच्छी वाणी और अच्छे विचारों का अगर उतनी ही निष्ठा से आचरण भी किया जाए, तो उसका परिणाम वैसा ही होता है जैसा सुगंध के साथ फूल ! क्योंकि बिना आचरण के अच्छी से अच्छी बात, बिना सुगंध के फूल की तरह ही होती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां जहां बुद्ध के विचारों को सही मायने में आत्मसात किया गया है, वहाँ कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी प्रगति के रास्ते बने हैं। बुद्ध इसीलिए ही वैश्विक हैं, क्योंकि बुद्ध अपने भीतर से शुरुआत करने के लिए कहते हैं। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया पर्यावरण संरक्षण की बात करती है, क्लाइमेट चेंज की चिंता जाहिर करती है, तो उसके साथ अनेक सवाल उठ खड़े होते हैं। लेकिन, अगर हम बुद्ध के सन्देश को अपना लेते हैं तो 'किसको करना है', इसकी जगह 'क्या करना है', इसका मार्ग अपने आप दिखने लगता है।

अप्पो दीपो भव का भाव जगाना होगा

प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के सन्देश 'अप्पो दीपो भव' का उल्लेख करते हुए कहा कि व्यक्ति को अपना दीपक स्वयं बनना चाहिए। जब व्यक्ति स्वयं प्रकाशित होता है तो वह संसार को भी प्रकाश देता है। यही भारत के लिए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा है। यही वो प्रेरणा है जो हमें दुनिया के हर देश की प्रगति में सहभागी बनने की ताकत देता है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर यह भी धारणा रहती है कि बौद्ध धर्म का प्रभाव, भारत में मुख्य रूप से पूरब में ही ज्यादा रहा। लेकिन इतिहास को बारीकी से देखें तो हम पाते हैं कि बुद्ध ने जितना पूरब को प्रभावित किया है, उतना ही पश्चिम और दक्षिण पर भी उनका प्रभाव है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि गुजरात की धरती पर जन्मे महात्मा गांधी तो बुद्ध के सत्य और अहिंसा के संदेशों के आधुनिक संवाहक रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करुणा व मैत्री का संदेश देता है कुशीनगर : सीएम योगी

अभिधम्म दिवस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भगवान बुद्ध की मैत्री और करुणा का संदेश देता रहा है। आज एयर कनेक्टिविटी के माध्यम से श्रीलंका से पहुंची पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान ने भगवान बुद्ध की मैत्री और करुणा के महत्व को अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर पुनः स्थापित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नये संकल्पों के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री जी ने इस पहल के लिए प्रदेशवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा की ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन संकिसा में भगवान बुद्ध का विशेष अवतरण हुआ था। समारोह को केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी संबोधित किया।

इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महानिर्वाण मंदिर में आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया की प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा परिसर में बोधिवृक्ष को रोपण किया। प्रधानमंत्री ने महापरिनिर्वाण मंदिर में चीवर दान कर लेटी हुई प्रतिमा का चक्रमण/परिक्रमा की । इस दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी भदंत डॉ ज्ञानेश्वर महाथेरो ने सूत्र पाठ किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्रीलंका सरकार में कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे, श्रीलंका से आए भिक्षु महासंघ के अति सम्मानित महानायक, म्यांमार, वियतनाम, कंबोडिया, थाइलैंड, भूटान और दक्षिण कोरिया के भारत में राजदूत, श्रीलंका, मंगोलिया, जापान, सिंगापुर, नेपाल सहित कई वरिष्ठ राजनयिक एवं विशिष्ट अतिथिगण मौजूद थे।

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