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Dilip Kumar Demise: योगी के खिलाफ वोट मांगने गोरखपुर आए थे दिलीप कुमार, जानें पूरा मामला
1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सैयद जमाल के पक्ष में योगी के खिलाफ लोगों से जनसमर्थन मांगने दिलीप कुमार गोरखपुर पहुंचे थे।
गोरखपुर: ट्रैजडी किंग दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की फिल्में वैसे तो गोरखपुर के सिने प्रेमियों के सिर चढ़कर बोलती हैं, लेकिन उनके प्रशंसकों को एक बार करीब से दीदार का भी मौका हाथ लगा था। बात 1999 के लोकसभा चुनाव की है। तब वह कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सैयद जमाल के पक्ष में और भाजपा प्रत्याशी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लोगों से जनसमर्थन मांगने पहुंचे थे। दिलीप कुमार करीब 2.30 घंटे तक गोरखपुर में रहे थे।
फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार पहली और अंतिम बार 1999 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करने आए थे। कांग्रेस के प्रत्याशी रहे डॉ. सैयद जमाल बताते हैं कि 'दिलीप कुमार का हेलीकाप्टर क्षेत्रीय क्रीड़ागन में उतरा था। वह गणेश चौराहा, बक्शीपुर होते हुए डीएवी डिग्री कॉलेज के मैदान में जनसभा को पहुंचे थे। सबसे पहले उन्होंने कुरान की आयतें पढ़ी और कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की।' डॉ.जमाल बताते हैं कि 'उन्हें करीब से देखने के लिए लोगों में गजब की दीवानगी थी। सड़क के दोनों तरफ लोग खड़े थे। लोग दिलीप साहब, युसुफ भाई कहकर उन्हें पुकार रहे थे। तमाम दुकानदार शटर खुला छोड़कर उनके पीछे दौड़ पड़े थे। दिलीप साहब जब वापस लौटे तो भी सड़क के दोनों तरफ भारी भीड़ थी। हर कोई उनकी एक झलक को लेकर बेकरार था।'
कांग्रेस नेता अल्ताफ हुसैन बताते हैं कि दिलीप साहब का कार्यक्रम एक दिन पहले ही था। लेकिन प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी। वह शुक्रवार को गोरखपुर आए थे। उनको सुनने के लिए 50 हजार से अधिक की भीड़ थी। वह जब पहुंचे तो मस्जिद में नमाज अता हो रही थी। कई लोग नमाज बीच में छोड़कर दिलीप कुमार को सुनने के लिए चले आए थे। अल्ताफ बताते हैं कि पूरे भाषण के दौरान उन्होंने योगी का नाम नहीं लिया था। इतना जरूर कहा कि यह धरती सूफी संतों की है। इसकी एकता को बनाकर रखने की जरूरत है।
लोहे की जंजीर के साथ शूटिंग का दर्द बयां किया
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.विजाहत करीम अपनी कार से दिलीप कुमार को जनसभा स्थल पर लेकर पहुंचे थे। डॉ.करीम बताते हैं कि रास्ते में उन्होंने मुगले आजम का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि भारी भरकम लोहे की जंजीर पहनकर शूटिंग कष्टदायक थी। लेकिन फिल्म के हिट होने के बाद सारा कष्ट दूर हो गया। डॉ.करीम की पत्नी डॉ.सुरहिता करीम में कार में इस लिए बैठ गईं ताकि वह दिलीप कुमार को करीब से देख सकें।