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Prayagraj News: नागरिक के पास कोई भी धर्म अपनाने का अधिकार- हाईकोर्ट
Prayagraj News: प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को अपहरण, षड्यंत्र, एंव धर्मांतरण कानून के आरोपी जावेद को लेकर अहम फैसला सुनाया है।
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) जिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने शनिवार को अपहरण, षड्यंत्र, एंव धर्मांतरण कानून के आरोपी जावेद को लेकर अहम फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जावेद उर्फ जाविद अंसारी के ऊपर अपहरण,ष़ड्यंत्र और धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। जिसको लेकर आरोपी ने कोर्ट में जमानत अर्जी जमानत अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुई जमानत याचिका को खारिज कर दिया और कोर्ट ने कहा कि हर नागारिक को अपना धर्म अपनाने का अधिकार है अपनी मर्जी से शादी करने का भी अधिकार है।
आपको बता दें कि जावेज उर्फ जाविद अंसारी पर अपहरण, षड्यंत्र और धर्मांतरण के आरोप लगे हैं। जावेद अंसारी पर इच्छा के विरुध झूठ बोलकर धर्मांतरण कराकर शादी करने का आरोप भी है। इसी मामले में जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जाविद की जमानत खाचिका को खारिज कर दिया।
पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था
मिली जानकारी के मुताबित इस मामले में पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। पीड़िता ने बयान दिया था कि जावेद ने सादे और उर्दु में लिखे कागज पर दस्तखत कराए। जावेद ने पीड़ित से यह बात भी छुपाई की वह शादीशुदा है। पीड़िता ने अपने बयान में कहा है जावेद ने झूठ बोलकर धर्म बदलवाया।
पीड़िता से कागजों पर हस्ताक्षर कराए गए
यहीं नहीं पीड़िता ने जावेद पर आरोप लगाय है कि 17 नवबंर 2020 को शाम 5 बजे जलेसर बाजार गई थी। तभी कुछ लोगों ने उसको जबरन गाड़ी में डाल लिया और जिसके बाद उसको दूसरे दिन होश आया तो वह वकीलों की भीड़ कड़कड़डूमा कोर्ट में थी। जहां उससे कागजों पर हस्ताक्षर लिए गए और 18 नवंबर को उसका धर्मांतरण कराया गया। और 28 नवंबर को निकाह किया गया।
वहीं जावेद अंसारी ने कोर्ट में कहा कि हम दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से धर्म बदलकर निकाह किया है। इसके अलावा धर्मांतरण कानून लागू होने से पहले ही धर्म बदल लिया था।
जस्टिस शेखर यादव ने कहा संविधान सबको सम्मान से जीने का अधिकार देता है
इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस शेखर कुमार यादव की एकल पीठ ने की। जस्टिस शेखर यादव ने कहा कि संविधान सबको सम्मान से जीने का अधिकार देता है। सम्मान के लिए लोग घर छोड़ देते हैं। अपमाने के लिए धर्म बदल लेते हैं। धर्म के ठेकेदारों को अपने में सुधार लाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा क्योंकि बहुल नागरिकों के धर्म बदलने से देश कमजोर होता है।
कोर्ट ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने धर्म को जीवन शैली माना है
हाईकोर्ट ने कहा कि विघटनकारी शक्तियों को इसका सीधा लाभ मिलता है। जस्टिस शेखर यादव ने कहा इतिहास गवाह है हम बंटे हैं देश पर आक्रामण हुआ है और हम गुलाम हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने धर्म को जीवन शैली माना है। आस्था और विश्वास को बांधा नहीं जा सकता है। इसमें कट्टरता, भय, लालच का काई स्थान नहीं है। कोर्ट ने कहा कि शादी एक पवित्र संस्कार है। शादी के लिए धर्म बदलना शून्य व स्वीकार्य नहीं हो सकता है।