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Baghambari Math: बाघम्बरी की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति क्या बनी मौत की वजह, मठ के पास है एक हज़ार करोड़ से अधिक की संपत्ति
Baghambari Math : महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के पीछे श्रीमठ बाघम्बरी की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति प्रमुख कारण है।
Baghambari Math : अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की संदिग्ध हालत में मिली लाश ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं ? हालांकि पुलिस ने सुसाइड नोट (Suicide note) में लिखे नाम के आधार पर 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सीबीआई की टीम भी इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। लेकिन कई लोगों का मानना है कि महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के पीछे श्रीमठ बाघम्बरी की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति प्रमुख कारण है।
श्री मठ बाघम्बरी गद्दी की संपत्ति प्रयागराज के अलावा विभिन्न दिलों और अन्य प्रदेशों में भी फैली है। जिसकी कीमत लगभग हज़ार करोड़ से अधिक बताई जा रही है। नरेंद्र गिरि का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष होने के नाते उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली था। हर प्रदेश की सरकार में उनका सम्मान रहा है। इसी कारण यह भी कहना गलत नहीं होगा की उन्हें रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची गई। इसमें नरेंद्र गिरि के करीबी लोगों के शामिल होने का कयास लगाया जा रहा है। फिलहाल अभी कोई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहा है।
महंत नरेंद्र गिरि 2004 में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर बने। इसके बाद उन्होंने मठ से जुड़ी संपत्तियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। मठ की कुछ जमीन को बेचकर भारद्वाजपुरम् (अल्लापुर) में भव्य भवन बनवाया। लगभग 10 एकड़ में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी बना है। इसी परिसर में महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय है, जहां विद्यार्थियों को निश्शुल्क संस्कृत, वेद व ज्योतिष की शिक्षा दी जाती है। मठ के अंदर गोशाला है, खेत भी है, जिसकी कीमत दो सौ करोड़ से अधिक है। इसके अलावा मुट्ठीगंज मोहल्ला में भी मठ का भवन है। संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर का संचालन बाघम्बरी गद्दी के जरिए होता है। जिसकी मासिक आमदनी 15 से 20 लाख रुपये है।लेकिन माघ और कुंभ मेलों के दौरान यही आमदनी 40 से 50 लाख रूपये महीने तक हो जाती है । बाघम्बरी मठ में कई मंहगी गाड़िया भी खड़ी हुई है । जिनकी कीमत करोड़ो की बताई जा रही।
प्रयागराज के अलावा, मेजा, करछना, कौशांबी, झूंसी के अलावा मध्यप्रदेश, हरिद्वार और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में महंत नरेंद्र गिरि के अधिपत्य वाले मठ, मंदिर और जमीन हैं। यही वजह है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। प्रयागराज के ही अन्य क्षेत्रों में संपत्ति की बात करें तो बाघम्बरी मांडा में राजा मांडा कोठी के पास लगभग 20 बीघे एकड़ जमीन है। वहीं, शंकरगढ़ में 12 बीघे जमीन है। कुछ जमीनों में सिलिका सेंड भी निकलता है। इन सबकी कीमत चार सौ करोड़ से अधिक बताई जाती है। इसके अलावा हरिद्वार, उज्जैन व नासिक में बाघम्बरी गद्दी के दर्जनभर आश्रम व मंदिर हैं। इनकी कीमत मौजूदा समय अरबों रुपये की है। प्रयागराज के रहने वाले मोहित मिश्रा और राधेश्याम शुक्ला की बात माने तो उनका कहना है कि वह कई बार महंत से मिल चुके हैं। महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते हैं । करोड़ों की संपत्ति की वजह से ही महंत के खिलाफ कोई साजिश की गयी है।