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Chhath Puja Prayagraj: संगम तट पर महिलाएं मनाएंगी छठ, 10 नवम्बर को डूबते सूर्य और 11 नवंबर को उगते सूर्य को देंगी अर्घ्य
Chhath Puja Prayagraj: आपको बता दें संगम तट पर मनाए जाने वाली छठ पूजा का विशेष महत्व होता है। माना जाता है...
Chhath Puja Prayagraj: सूर्योपासना का छठ महापर्व (Chhath festival) की तैयारियां जोरों पर हैं, हालांकि छठ पर्व का मुख्य दिन या कहें रौनक 10 नवंबर को है जिस दिन महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी और उसके अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर के इस महापर्व का समापन होगा। संगम तट पर छठ पर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर है। इस बार दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते तैयारियों में काफी समस्या हो रही है।
पिछले साल कोरोना को लेकर श्रद्धालुओं की थी कम भीड़
संगम तट पर काफी अधिक मजदूरों को लगाकर जमीन समतल करने का काम तेजी से चल रहा है। पिछले साल कोरोना काल के चलते श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ नहीं थी लेकिन इस साल अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना से मिली राहत के चलते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर मौजूद रहेगी। इस साल घाटों की संख्या में भी इजाफा किया गया है जहां पर श्रद्धालु पूजा पाठ करेंगे। इस बार संगम तट पर करीब 1500 मीटर लंबे घाट को व्यवस्थित किया जा रहा है। संगम के तट पर हजारों की संख्या में महिलाएं डूबते हुए सूर्य और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व को मनाती हैं। पिछले कई दिनों से ट्रैक्टरों और पोकलैंड की मदद से जमीन समतल का काम तेजी से चल रहा है।
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के दिए निर्देंश
ऐसे में मेला प्राधिकरण से जुड़े अधिकारी पुनीत श्रीवास्तव (Officer Puneet Srivastava) का कहना है कि इस बार दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते काफी समस्या हुई है, लेकिन 10 नवंबर तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इस बार भी कोरोना प्रोटोकाल (corona protocol) का पालन करते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखेंगे। इसके साथ श्रद्धालु दूर-दूर बैठकर के पूजा पाठ करेंगे और इसी वजह से घाट को लंबा किया गया है। छठ पर्व में महिलाएं पुत्र और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और सूर्य को अर्घ्य देती हैं। हालांकि छठ पर्व की शुरूआत आज से हो गई है। चार दिन तक चलने वाला ये त्योहार का आज पहला दिन नहाय खाय से शुरू होता है। जिसको लेकर संगम स्थित तट पर विशेष तौर पर साफ सफाई की जा रही है।
छठ पूजा का होता विशेष महत्व
आपको बता दें संगम तट पर मनाए जाने वाली छठ पूजा का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि जो महिलाएं संगम क्षेत्र में पूजा पाठ करती हैं उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए भारी संख्या में महिलाएं संगम तट आकर छठ पर्व को मनाती हैं। पूर्वांचल का सबसे बड़ा त्योहार छठ पूजा को लेकर के प्रयागराज में भी तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं और किसी भी श्रद्धालुओं को कोई समस्या ना हो इसके लिए 4 दिनों तक सुरक्षा से लेकर के व्यवस्था तक का खास ख्याल रखा जाता है।
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