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Dev Diwali in Prayagraj: देव दीवाली को लेकर संगम क्षेत्र में तैयारियां जोरों पर, 5 लाख दियों से संगम क्षेत्र होगा जगमग
Dev Diwali in Prayagraj: करीब 2 दर्जन मज़दूर संगम क्षेत्र में लगाये गए हैं जबकि जेसीबी लोडर और ट्रेक्टर की मदद से लेवलिंग का कार्य किया जा रहा है।
Dev Diwali in Prayagraj: पूरे देश में देव दीवाली (dev diwali 2021) का पर्व 19 नवम्बर को है, ऐसे में वाराणसी (Varanasi) के साथ साथ संगम शहर प्रयागराज (Prayagraj) के संगम तट का भी बड़ा महत्व है। देव दीपावली पर संगम क्षेत्र पांच लाख दीपों से जगमग होगा। इसको लेकर संगम क्षेत्र में तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार कोरोना संक्रमण (Corona Virus) कम होने के चलते संगम क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इज़ाफ़ा देखने को मिल सकता है, जिसकी वजह से मेला प्राधिकरण द्वारा संगम क्षेत्र में कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा।
करीब 2 दर्जन मज़दूर संगम क्षेत्र में लगाये गए हैं जबकि जेसीबी लोडर और ट्रेक्टर की मदद से लेवलिंग का कार्य किया जा रहा है। छठ पूजा के बाद से ही देव दीवाली की तैयारी को लेकर संगम तट पर तैयारियां जोरों पर है। 19 नवम्बर की शाम को 5 लाख दियों से संगम तट को जगमगाया जाएगा।
दीवाली के 14 दिन बाद देव दीवाली का पर्व मनाया जाता है। जानकारों के मुताबिक शुभ मुहर्त 18 नवंबर की दोपहर 12 बजे से 19 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। 19 नवंबर को स्नान दान पूर्णिमा का दिन है जिसमें श्रद्धालु सुबह संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाएंगे और शाम को गंगा और यमुना तट पर दिये जलाये जाएंगे।
मान्यता है कि तीनों लोको मे त्रिपुराशूर राक्षस का राज चलता था देवतागणों ने भगवान शिव के समक्ष त्रिपुरासुर राक्षस से उद्धार की विनती की। भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन राक्षस का वध कर उसके अत्याचारों से सभी को मुक्त कराया और त्रिपुरारि कहलाये। इससे प्रसन्न देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देवदीपावली मनायी जाने लगी।
ग़ौरतलब है कि पिछले साल कोरोना केसेस की संख्या अधिक थी जिसके चलते पिछले साल देव दीवाली की रौनक संगम क्षेत्र में कम देखने को मिली थी। अबकी बार कोरोना केस में भारी गिरावट आई है जिसके चलते भारी संख्या में लोगों के आने की संभावना है।