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Mahant Narendra Giri ka Akhiri Bayan: अपनी साफगोई के लिए जाने जाते थें महंत नरेन्द्र गिरि

Mahant Narendra Giri : अभी दो महीने पहले ही महंत नरेंद्र गिरि अपने बयान को लेकर चर्चा मे आए थे, जब अखाड़ा परिषद की तरफ से गत 21 जुलाई को इस तरह की अपील की गयी थी।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 20 Sep 2021 3:25 PM GMT
Mahant Narendra Giri
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महंत नरेंद्र गिरी (फोटो- सोशल मीडिया)

Mahant Narendra Giri ka Akhiri Bayan: महंत नरेन्द्र गिरि इसी साल चर्चा में उस समय आए थें, जब उन्होंने मुस्लिम समाज से ईद उल-अजहा यानी बकरीद पर अपील की थी कि वो बेजुबान जानवरों की कुर्बानी से बचें। साथ ही उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरुओं से कहा था कि वह अपने समाज से कहें कि कोरोना संकटकाल में घरों में बकरीद की नमाज अदा करें। वह अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते थें।

हाल ही में तालिबान के मामले में कई ऐसे बयान देकर उन लोगों के निशाने पर आ गए थे, जो तालिबान का समर्थन कर रहे थे। इसके पहले वह तीन तलाक के अलावा जनसंख्या नियन्त्रण कानून को लेकर भी मोदी सरकार की सराहना कर चर्चा में आए थे। आरएएस के उस बयान पर भी वह खुलकर सामने आए थे , जिसमें कहा गया था कि भारत में रहने वाले मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थें।

बयान की वजह से चर्चा में

महंत नरेंद्र गिरी (फोटो- सोशल मीडिया)

अभी दो महीने पहले ही वह अपने बयान को लेकर चर्चा मे आए थे, जब अखाड़ा परिषद की तरफ से गत 21 जुलाई को इस तरह की अपील की गयी थी। उन्होंने मुस्लिम समाज से यह भी कहा था कि सनातन धर्म ने जिस तरह से पशुओं को कुर्बानी देने की कुप्रथा को खत्म कर दिया है ।

वैसे ही मुस्लिम समाज को भी यह कुप्रथा खत्म कर देनी चाहिए। अब पशुओं की जगह नारियल फोड़ने की परंपरा निभाई जाती है। इससे न किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुँची है, न ही हमारी परंपरा से छेड़छाड़ हुई और जीव हत्या भी रुक गई है।

उन्होंने कहा कि ऐसा ही प्रयास मुस्लिम धर्मगुरुओं को करना चाहिए। बकरीद पर लाखों बेजुबान जानवरों की कुर्बानी दी जाती है, इसे रोकने जरूरत है। महंत के इस अपील की काफी सराहना भी हुई थी। इस तरह की अपील पहली बार हिन्दू समुदाय की तरफ से की गयी थी।


Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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