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Narendra Giri Death Case : न्यूज़ ट्रैक पर बड़ी इन्वेस्टिगेशन, मौत से पहले महंत गिरी को बदनाम करने की हो रही थी साजिश

Narendra Giri Death Case : महंत नरेंद्र गिरि का कैमरे में रिकॉर्ड बयान है जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही थी।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Shraddha
Published on: 24 Sep 2021 6:47 AM GMT
मौत से पहले महन्त गिरी को बदनाम करने की हो रही थी साजिश
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मौत से पहले महन्त गिरी को बदनाम करने की हो रही थी साजिश (फाइल फोटोः सोशल मीडिया)

Narendra Giri Death Case : महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की मौत के मामले में न्यूज़ ट्रैक (Newstrack) के पास एक और सबूत आया है। महन्त नरेंद्र गिरी को बदनाम करने की कोशिश काफी पहले से ही की जा रही थी। यह बात खुद महन्त गिरी ने कैमरे पर बताई थी।हमारे पास वह बयान भी है ,जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने संबंधित मामले में पुलिस को भी अवगत कराया है। हालांकि अब पुलिस इस बिंदु पर भी अपनी जांच और तेज करेगी और जानने की यह कोशिश करेगी कि आखिर वो कौन है जिसने फर्जी ट्विटर अकाउंट (twitter account) बनाया और फर्जी अकाउंट बनाने का उसका क्या मक़सद था।

फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया गया

मामला 6 सितंबर का है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के लेटर हेड पर नरेंद्र गिरि ने पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत में महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि उनके नाम पर फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया गया है। और उस अकाउंट में 291 फॉलोवर भी हो गए थे । जिसके माध्यम से एक गलत कार्य किए जा रहे हैं, और भ्रामक टिप्पणियों की जा रही हैं। उन्होंने कहा था कि उस ट्विटर अकाउंट से उनका कोई संबंध नहीं है। कोई अज्ञात व्यक्ति इस काम को अंजाम दे रहा है। इस मामले पर उन्होंने पुलिस से आग्रह किया था कि जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। हमारे पास शिकायत की कॉपी भी है, जो गिरि ने थाने में दी थी। सवाल यह है कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा था। शिकायत से भी बड़ा सबूत भी हमारे पास है। जी हां महन्त नरेंद्र गिरि का बयान भी हमारे पास है,जिसमें उन्होंने खुद कैमरे पर कहा था कि उनके नाम पर फर्जी ट्विटर अकाउंट बना दिया गया है।


गौरतलब है कि इसी महीने की 6 तारीख को नरेंद्र गिरी महाराज के फर्जी ट्विटर अकाउंट की सूचना मिलना और उसके बाद 20 तारीख को बरामद हुए सुसाइड नोट पर पहले 13 सितंबर तारीख लिखा होना यह साफ बयां कर रहा है कि नरेंद्र गिरी किसी साजिश का शिकार होने वाले थे । हालांकि एसआईटी की गठित टीम हर बिंदु पर जांच कर रही है और यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही इस पूरे प्रकरण का खुलासा किया जाएगा। फिलहाल इस मामले के आरोपी आनंद गिरि , आध्या तिवारी और संदीप तिवारी को जेल भेज दिया गया है।


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