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Narendra Giri Suicide: CBI ने नरेद्र गिरि की रहस्यमयी मौत का केस किया रजिस्टर्ड, केस से जल्द उठेगा पर्दा
Narendra Giri Suicide case: स्वामी नरेद्र गिरि के सुसाइड नोट को असली बताते हुए बलवीर सिंह मठ की गद्दी पर अपने उत्तराधिकारी होने का दावा करने लगे थे।
Narendra Giri Suicide। प्रयागराज (Prayagraj) में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि (Narendra Giri Suicide) की मौत का मामला देर रात सीबीआई (CBI) ने अपने यहां रजिस्टर्ड कर लिया है। इस केस को अपने यहां रजिस्टर्ड करने से पूर्व सीबीआई (CBI Team) की 5 सदस्यीय टीम कंल गुरुवार को दोपहर के समय प्रयागराज पहुंची। पुलिस के अधिकारियों व एसआईटी (SIT) की टीम के साथ बैठक भी की। स्वामी जी की सन्दिग्ध आत्महत्या के केस की काफी बारीकी से स्टडी की। इस केस की एफआईआर की कॉपी एसआईटी की टीम ने सीबीआई के सुपुर्द कर दी है।
इस मौत मिस्ट्री का असली चेहरा को अब देखेंगे दुनिया वाले
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की सन्दिग्ध मौत के केस में सीबीआई की प्रयागराज में मौजूदगी व केस रजिस्टर्ड की खबर से इस रहस्यमयी केस के असली किरदार के चेहरे की रंगत अब उड़ चुकी है। गिरफ्तार योग गुरु आनंद गिरि, पुजारी आद्या तिवारी, संदीप तिवारी तो इस रहस्यमयी केस के एक सिर्फ शतरंज के मोहरे हैं, जिनके सहारे इस केस के उस शातिर किरदार ने चालें चलना शुरू की हैं, जिसमें आनंदगिरि, अद्या तिवारी व सन्दीप तिवारी जैसे मोहरे इस रहस्यमयी मौत के शतरंज की बिसात की भेंट चढ़ चुके हैं।अब स्वामी जी के इस रहस्यमयी मौत के खेल के पासे अब सीबीआई फेंकेगी।इसलिये इस केस से जुड़े असली किरदारों के चेहरे, पर्दे से बाहर आना तय है।
अपने बयानों से पलटा बलवीर गिरि
मठ के संत बलवीर सिंह, स्वामी नरेद्र गिरि के सुसाइड नोट को असली बताते हुए यह मठ की गद्दी पर अपने उत्तराधिकारी होने का दावा करने लगे थे।तभी दो दिन पूर्व सीएम के जाने के बाद एसआईटी की टीम ने बलवीर गिरि से पूछताछ की थी।तब खुद बलवीर गिरि एसआईटी के सवालों के घेरे में फंसते हुए नजर आ चुके थे।अब बलवीर गिरि को सीबीआई के सवालों के जवाब देने हैं।
स्वामी जी की सन्दिग्ध मौत क वजह बाग़म्बरी पीठ की गद्दी व जमीन?
स्वामी नरेद्र गिरि की सन्दिग्ध मौत के बाद जब पुलिस उनके कमरे में पहुँची। तो उस कार्रवाही का एक वीडियो वायरल हुआ है।उस वीडियो में एक पुलिस अधिकारी वहां खड़े एक युवक से पूछ रहे हैं कि यह पंखा किसने खोला था।तो उस युवक ने जवाब दिया मैंने।मतलब यह वीडियो देखने के बाद यह स्पष्ट हो रहा है कि जैसे स्वामी नरेद्र गिरि की सन्दिग्ध आत्महत्या स्क्रिप्टिंग पहले की जा चुकी हो।जैसे कि पुलिस को कब सूचना देकर बुलाना है, आत्महत्या पत्र पर क्या-क्या लिखना है। कितना लिखना है। पुलिस जब आये तो किसे कितना बोलना है?उस वायरल वीडियो को देखने के बाद यह संकेत मिले कि इस केस की स्क्रिप्ट तो पहले ही लिखी जा चुकी है। अब तो लोग उस स्क्रिप्ट के हिसाब से अपना रोल प्ले कर रहे हैं।
दरअसल, इस रहस्यमयी केस के पीछे की असली जड़ बाग़म्बरी पीठ की गद्दी,व उससे जुड़ी भूमि है।एक आंकलन के मुताबिक इस अखड़ा परिषद के दोबारा अध्यक्ष बनने के बाद स्वामी नरेंद्र गिरि के वो 10 चर्चित विवाद हुए थे । उनके पीछे मठ की भूमि व पीठ की गद्दी ही मुख्य वजह थीं।नरेन्द्र गिरि का विवाद विगत 2012 में सपा नेता व हंडिया के विधायक रहे महेश नारायण सिंह से जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर विवाद हुआ था।यह विवाद इतना बढ़ा कि नरेन्द्र गिरि को थाना जार्ज टाउन में सपा नेता महेश नारायण सिंह,शैलेन्द्र सिंह व हरिनारायण समेत 50 लोगों के खिलाफ मुकद्दमा तक दर्ज करवाना पड़ गया था।जबकि दूसरे पक्ष ने नरेंद्र गिरि व आनंद गिरि के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया था।निरंजनी आखड़े के सचिव आशीष गिरि की मौत पर भी नरेद्र गिरि पर तमाम तरह से आरोप लगे थे।17 नवम्बर, 2019 को सन्दिग्ध रूप से उसकी मौत हो गयी थी।बताया गया कि मृतक आशीष गिरि का आरोप था कि स्वामी नरेंद्र गिरि जी बाघंबरी पीठ की भूमि का दुरुपयोग अपने फायदे के लिये कर रहे हैं।कहने का आभिप्राय यही है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की सन्दिग्ध मौत के पीछे पीठ की जमीन व गद्दी के उत्तराधिकारी बनने का मसला है।स्वामी जी के सन्दिग्ध मौत के असली किरदार प्रयागराज में मठ के आसपास ही मौजूद हैं।ये शातिर किरदार इस केस से संबंधित घट रही हर घटना पर नजर रखे हुए हैं । लेकिन अब बहुत जल्द सीबीआई के हाथ इनकी गर्दनों तक पहुंचने वाले हैं।