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Prayagraj: संगम में लौटी रौनक, पानी में शुरू हुईं अठखेलियां, नाविकों ने ली राहत की सांस

प्रयागराज में बीते 3 से 4 दिनों में संगम से बाढ़ का पानी काफी कम हुआ है और लोग फिर से उसी संगम में डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं ।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Deepak Kumar
Published on: 3 Sept 2021 3:00 PM IST
Flood water started receding Sangam
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संगम में घटने लगा बाढ़ का पानी।

Prayagraj: प्रयागराज में कई दिनों तक संगम क्षेत्र में आई बाढ़ ने पूरे क्षेत्र को काफी प्रभावित किया था, लेकिन अब संगम क्षेत्र में फिर से श्रद्धालुओं की रौनक दिखाई दे रही है। बीते 3 से 4 दिनों में संगम से बाढ़ का पानी काफी कम हुआ है और लोग फिर से उसी संगम में डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं।


तकरीबन 20-25 दिनों से संगम पर पानी काफी बढ़ा हुआ था, जिसके चलते तीर्थ पर्यटक आने बंद हो गए थे। इसके पुरोहितों, नाविकों को काफी नुकसान हुआ था। अगस्त के महीने में संगम क्षेत्र में अचानक से बढ़े पानी ने तीर्थ पुरोहितों और नाविकों की आमदनी बंद करा दी थी। इससे उनका काफी नुकसान हुआ क्योंकि जिस जगह तीर्थ पुरोहित बैठते हैं वहां अचानक आए पानी ने उनके तख्त, तंबू, बांस बल्ली को अपनी आगोश में ले लिया था। अब एक बार फिर से सभी तीर्थ पुरोहित इसे पुनः बसाने में जुटे हुए हैं। श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटक भी अब संगम तक पहुंच रहे हैं और आस्था की डुबकी लगाकर नौकायन का आनंद ले रहे हैं।

नदियों का जलस्तर कम होने से नाविकों को हुई राहत

नाविकों कहना है कि धीरे-धीरे संगम क्षेत्र की दोनों नदियों का जलस्तर कम हुआ है । ऐसे में श्रद्धालु अब संगम तक पहुंच रहे हैं और फिर से नाव का संचालन शुरू हुआ है जिससे नाविकों को थोड़ी राहत जरूर है, लेकिन अब वह प्रार्थना भी कर रहे हैं कि दोबारा जलस्तर में बढ़ोतरी ना हो क्योंकि पहले कोरोना काल और उसके बाद बाढ़ की वजह से उनको काफी नुकसान हो चुका है।


संगम पर श्रद्धालुओं का लगा जमावड़ा

उधर, पर्यटक भी काफी खुश है उनका कहना है कि उनको भी काफी इंतजार था कि जल्द से जल्द बाढ़ का पानी कम हो ताकि आस्था की डुबकी लगाने जा सके। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि एक बार फिर से संगम क्षेत्र में रौनक लौटी है और श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है कोई आस्था की डुबकी लगा रहा है तो कोई सेल्फी ले रहा है तो कोई नौकायन के जरिये संगम क्षेत्र का आनंद ले रहा है।


गौरतलब है कि अगस्त के महीने में दोनों नदियां खतरे के निशान से तकरीबन डेढ़ मीटर ऊपर बह रही थी और गंगा- यमुना में आई बाढ़ ने प्रयागराज के कई हजार घरों को प्रभावित भी किया था। संगम क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक लेटे हुए हनुमान मंदिर तक भी पानी पहुंचा था लेकिन अब एक बार फिर से संगम क्षेत्र की पुरानी तस्वीर देखी जा रही है ।



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Deepak Kumar

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