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Mahant Narendra Giri: मौत को एक महीने से अधिक बीता, CBI के हाथ खाली, जानें कहां तक पहुंची जांच

Prayagraj News: महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी दिन पर दिन उलझती हुई दिखाई दे रही है।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Monika
Published on: 21 Oct 2021 9:25 AM GMT
महंत नरेंद्र गिरि
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महंत नरेंद्र गिरि (फोटोः सोशल मीडिया)

Prayagraj News: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की मौत (Mahant Narendra Giri ki maut) को एक महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच (CBI janch) हो रही है, लेकिन मौत एक पहेली बनी हुई है। हालांकि सुसाइड नोट (Mahant Narendra Giri suicide note) के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। लेकिन महंत की मौत की असल वजह से अभी भी पर्दा उठना बाकी है। सीबीआई द्वारा की जा रही जांच में अभी तक कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा है, जबकि सीबीआई कुछ दिन पहले ही आरोपी आनंद गिरी आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को 7 दिन की रिमांड मैं लेकर पूछताछ भी कर चुकी है (aropiyon se puchtach) । इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने आनंद गिरी के नार्को टेस्ट की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया है।

महंत नरेंद्र गिरी केस (फोटो : सोशल मीडिया )

महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी दिन पर दिन उलझती हुई दिखाई दे रही है। माना जा रहा है पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग कोर्ट से खारिज (polygraph test ki janch kharij) होने पर महंत की मौत मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों को सीबीआई फिर से रिमांड पर मांग सकती है। रिमांड के लिए सीबीआई कोर्ट में जल्द ही अर्जी दे सकती है। सीबीआई पॉलीग्राफ टेस्ट पर आरोपियों के इनकार को अपना आधार बनाकर रिमांड मांग सकती है।

महंत नरेंद्र गिरी (फोटो : सोशल मीडिया )

आरोपियों की कस्टडी रिमांड पहले ही सीबीआई को मिल चुकी

इससे पहले आपको बता दें कि प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक तीनों आरोपियों की कस्टडी रिमांड पहले ही सीबीआई को दे चुकी है। रिमांड के दौरान सीबीआई आरोपी आनंद गिरी को हरिद्वार लेकर गई थी। हरिद्वार पहुंचकर सीबीआई की टीम आनंद गिरि के मठ पर गई और वहां कई दस्तावेजों को खंगाला गया। सूत्रों की बात माने तो अभी तक सीबीआई को जांच में महंत नरेंद्र गिरी की मौत का कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है। लिहाजा दोबारा सीबीआई अनसुलझे सवालों के जवाब तलाशने के लिए आरोपियों का रिमांड मांग सकती है।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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