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Prayagraj News: अधिवक्ता कल्याण निधि योजना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने फैसले का किया स्वागत, कही ये बात...

Prayagraj News: बार काउंसिल ऑफ यूपी के चेयरमैन श्रीश कुमार मेहरोत्रा ने कहा की यह मांग लंबे से समय अधिवक्ताओं की थी।

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Report Syed RazaPublished By Divyanshu Rao
Published on: 11 Nov 2021 10:26 PM IST
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं की तस्वीर 

Prayagraj News: सूबे की योगी सरकार ने अधिवक्ता कल्याण निधि (adhivakta kalyan nidhi yojana) की राशि 1 लाख 50 हजार से बढ़ाकर 5 लाख करके प्रदेश भर के वकीलों को बड़ी सौगात दी है, यूपी सरकार के इस बड़े फैसले को लेकर वकीलों में हर्ष का माहौल है। यूपी बार काउंसिल ऑफ यूपी और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

बार काउंसिल ऑफ यूपी के चेयरमैन श्रीश कुमार मेहरोत्रा ने कहा की यह मांग लंबे से समय अधिवक्ताओं की थी, लेकिन किसी सरकार ने अधिवक्ताओं के हित के लिए कोई पहल नहीं की, योगी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट में मंजूरी देकर प्रदेशभर के अधिवक्ताओं को बड़ी सौगात दी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा की सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में दिसंबर 2020 में आयोजित अधिवक्ताओं के एक बड़े समागम में इस मांग को लेकर अपनी सहमति दी थी। जिसे बुधवार को अपनी कैबिनेट से मंजूरी देकर अधिवक्ता हितो के लिए बड़ा कार्य किया है, जो स्वागत योग्य कदम है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्योंं की तस्वीर

उन्होंने कहा की किसी को यह उम्मीद नहीं थी की अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि को तीन गुना बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन सूबे की सरकार ने पहले की डेढ़ लाख राशि को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। इससे वरिष्ठ अधिवक्ता जो तीस वर्ष से अधिक की प्रैक्टिस कर चुकें हैं, उन्हे आर्थिक तौर पर मजबूत करके सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।

गौरतलब है की सूबे की सरकार ने विधानसभा चुनाव 2017 में अपने संकल्प पत्र में वादा किया था कि वकीलों को अधिवक्ता कल्याण निधि के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाया जाएगा। अब जब यूपी विधानसभा के 2022 चुनाव में कुछ समय का वक्त रह गया हो, ऐसे समय में सरकार ने अधिवक्ताओं से किए गए अपने एक बड़े वादे को पूरा कर दिया है। यूपी सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर के हजारों अधिवक्ताओं को जहां आर्थिक तौर मजबूती मिलेंगी तो वहीं इसे चुनाव से ठीक पहले एक बड़ी सौगात के रूप में भी देखा जा रहा है।

Divyanshu Rao

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