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Prayagraj News: विश्व प्रसिद्ध इलाहाबादी अमरूद इस बार सर्दियों में लोगों को नहीं कर पा रहा आकर्षित, जानें वजह
Prayagraj News: इस बार कड़कड़ाती ठंड पड़ने के बावजूद इलाहाबादी अमरूद की सर्दी की फसल बेहद कम हुई है।
Prayagraj News: विश्व भर में प्रसिद्ध इलाहाबादी अमरूद (allahabadi amrood) सदियों से लोगों की पहली पसंद बना हुआ है, लेकिन इस बार सर्दियों में बिकने वाले इलाहाबादी अमरूदों को नज़र लग गई है। इस बार बारिश (rain) अधिक हो जाने से सर्दी (winter) का असर इसकी खेती ( Guava Farming) पर काफी देखा जा रहा। हर साल 15 दिसंबर के बाद प्रयागराज के इलाहाबादी अमरूदों की मंडियों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती थी। लेकिन इस बार कड़कड़ाती ठंड पड़ने के बावजूद इलाहाबादी अमरूद की सर्दी की फसल बेहद कम हुई है। जिससे अमरूद महंगे बिक रहे हैं और आम लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं।
सितंबर-अक्टूबर के महीनों में लगातार हुई बारिश इसकी बड़ी वजह बताये जा रहे। बारिश के समय अधिक फल लगने और बढ़ने के कारण सर्दियों के मौसम में इलाहाबादी अमरूद की पैदावार काफी कम देखी गई और फल में कीड़े भी लग जा रहे हैं। मिठास के मामले में भी देखा गया की पहले की अपेक्षा इसकी मिठास में भी काफी कमी है। सर्दियों के मौसम में इलाहाबादी अमरूद की डिमांड बढ़ जाती है। इलाहाबाद का सफेदा अमरूद, लाल गूदे वाला चित्तीदार अमरूद, करेला, बेदाना, सोबिया अमरुद, सुरखा, श्वेता, पंत प्रभात, एल 39, संगम व ललित इसकी प्रमुख प्रजातियां हैं। लेकिन इस बार इन सभी की पैदावार और इनके स्वाद में काफी अंतर देखा गया। लोगों का कहना है हर बार हम लोग 7 से 8 किलो अमरूद सर्दियों में ले जाते थे लेकिन इस बार चार पांच किलो ही ले रहे हैं। इसका एक कारण इसकी मिठास में फीकापन और पहले की अपेक्षा महंगाई भी है।
इसके चलते इलाहाबादी अमरूदों में आई मिठास की कमी
वहीं दुकानदार नितिन सोनकर का भी यही कहना है अधिक बारिश होने के चलते बारिश में पेड़ों पर अधिक फल लगे और अब सर्दियों में कम फल आ रहे हैं और इसी वजह से इनमें मिठास में भी कमी है और अधिक बारिश का ही कारण है कि अमरूद की इस बार की फसल में कीड़े लगने के कारण खराब हो जा रहे । जब फसल कम होगी तो दुकानदारों को भी महंगा मिलेगा। इसीलिए पिछले बार की अपेक्षा इस बार अमरूद दोगुना महंगा बिक भी रहा है।
इलाहाबादी अमरूदों की पहचान पूरे विश्व में
बता दें इलाहाबादी अमरूदों की पहचान प्रदेश के साथ-साथ देश में है और पूरे विश्व में है। इलाहाबादी अमरूद का निर्यात खाड़ी देशों के साथ साथ अमेरिका ,ऑस्ट्रेलिया, यूरोप तक किया जाता है ।लेकिन मौसम की मार के चलते इस बार इलाहाबादी अमरूदो के प्रेमियों को निराशा देखने को मिल रही है।अगर अधिकारियों की बात माने तो उनका कहना है कि अगले साल बारिश की फसल अधिक ना हो इसके लिए विशेष ट्रेनिंग देकर किसानों को नई जानकारी दी जाएगी ताकि सर्दियों के अमरूदों में वो मिठास बनी रहे और अपने खोते हुए अस्तित्व को बचाया जा सके।
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