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Prayagraj News: यात्रा पर जाने से पहले जान लें रेलवे का नया प्लान, हो जाएं सेफ जर्नी को तैयार
Prayagraj News: उत्तर भारत में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है ऐसे में उत्तर भारत में रेल की रफ्तार पर ब्रेक लगना शुरू हो गया है।
Prayagraj News: कोहरे के दौरान सिग्नल विजिबिलिटी, एनसीआर रेलवे का नया मास्टर प्लान (new master plan) । रेलवे विभाग ट्रैन पायलट को दे रहा है विशेष किट (special kit) । किट में विशेष फोग सेफ डिवाइस (Special Fog Safe Device) , वॉकी टॉकी (Walkie Talkie) , खास तरीके के फोन। सिग्नल डिटेक्टिंग पुस्तिका। फोग सेफ डिवाइस सिग्नल खंबे के 500 मीटर पहले से ही देने लगेगा सूचना।
उत्तर भारत में गुलाबी ठंड ( gulabi thand) ने दस्तक दे दी है। ऐसे में उत्तर भारत में रेल (indian railways) की रफ्तार पर ब्रेक लगना शुरू हो गया है। जानकारों की बात मानें तो उनका कहना है कि इस बार ठंड अधिक दिनों तक रहेगी साथ ही साथ कोहरे के दिनों में भी इजाफा देखने को मिलेगा। ऐसे में ट्रेनों की रफ्तार में कमी न आये इसके लिए एनसीआर रेलवे ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। ठंड के दिनों में सबसे ज्यादा समस्या ट्रेन के पायलट को सिग्नल विजिबिलिटी की होती है, क्योंकि दिसंबर और जनवरी के महीने में इतना अधिक कोहरा होता है जिससे बहुत मुश्किल से सिग्नल दिख पाता है।
कई बार देखा गया है कि सिग्नल ना दिख पाने की वजह से यह जानकारी ना होने की वजह से रेल दुर्घटनाओं में भी इजाफा देखने को मिलता है। इन्ही सब समस्याओं को देखते हुए एनसीआर रेलवे अबकी बार रेलवे पायलट को नई किट दे रहा है। इस किट में फोग सेफ डिवाइस ,वॉकी टॉकी, खास तरीके के फोन और सिग्नल डिटेक्टिंग पुस्तिका शामिल है।
खास तरीके का यंत्र
फोग सेफ डिवाइस खास तरीके का यंत्र है जिसका इस्तेमाल उस समय होगा जब कोहरे की चादर से पूरा क्षेत्र प्रभावित होगा। उस समय यह यंत्र सिग्नल की सूचना देगा। सिग्नल खंबे से 500 मीटर पहले ही इस यंत्र से आवाज आएगी जिससे ड्राइवर को यह पता चल जाएगा कि सिग्नल आने वाला है और उसको ट्रेन की रफ्तार को धीमे करना है। इसके साथ ही पायलट को वॉकी टॉकी के माध्यम से भी जानकारी मिल सकेगी।
खास तरीके के फोन भी पायलट को दिए जा रहे हैं जिससे सफर में आने वाले हर स्टेशन के मास्टर से बात हो सकेगी। इसके साथ ही साथ ट्रैन पायलट को एक पुस्तिका भी दी जा रही है जिसमें हर सिग्नल के बारे में जानकारी दी गई है।
सकारात्मक नतीजे मिले
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ डॉक्टर शिवम शर्मा के अनुसार 20 दिन पहले से ही ड्राइवर को यह किट प्रोवाइड की जा रही है और अभी तक इसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं। अबकी ठंड में कहीं पर भी रेल दुर्घटना ना हो इसके लिए रेलवे विभाग ने यह पहल की है।
उधर ट्रेन के पायलट भी इस किट के मिलने से काफी खुश हैं और उनका कहना है कि यह सभी यंत्र ठंड और कोहरे के दौरान सुरक्षित यात्रा के लिए बेहद जरूरी है। लोको पायलट मनोज कुमार का कहना है कि अबकी बार ठंड में यह काफी कारगर साबित होगा। सभी पायलट को इसकी ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। फोग सेफ डिवाइस का पिछले साल भी इस्तेमाल हुआ था और अच्छे परिणाम आने के बाद इस साल अधिक संख्या में इस यंत्र को बनाया गया है।
गौरतलब है कि रेल दुर्घटनाओं में कमी आए इसके लिए रेलवे विभाग ने इस बार खास तैयारी की है। अब देखना होगा आने वाले ठंड और कोहरे के दिनों में उनके द्वारा किया जा रहा है यह प्रयास कितना सफल साबित होता है।