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Prayagraj News: रक्षाबंधन में रिश्तों का अनोखा संगम

रक्षाबंधन के पर्व पर एक बार फिर प्रेम, सौहार्द और धर्म से परे रिश्ते के मायने को नया सन्देश दिया गया।

Syed Raza
Published on: 22 Aug 2021 4:10 PM IST
Rakshabandhan
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हिंदू बहन से राखी बंधवाने पहुंचे मुस्लिम भाई

Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में रक्षाबंधन के पर्व पर एक बार फिर प्रेम, सौहार्द और धर्म से परे रिश्ते के मायने को नया सन्देश दिया गया। दुनिया भर में नदियों के संगम के लिए जाना जाने वाला शहर ने आज गंगा-जमनी तहजीब और आपसी भाई चारे प्रेम का सन्देश दिया। जब धर्म के नाम पर लोगों को बांटने को लेकर बहस हो रही हो, ऐसे समय में शहर के नैनी क्षेत्र में रहने वाले एक मुस्लिम और हिन्दू परिवार ने सब के लिए एक मिसाल पेश की। इसमें मुस्लिम समुदाय के दो पीढ़ियों के लोग हिंदू समुदाय की लड़कियों से राखी बंधवाते हैं। तकरीबन 35 सालों पहले से इस रिश्ते की शुरुआत हुई थी। ख़ास ये भी है कि मुस्लिम परिवार सैय्यद घराने से तार्रुफ़ रखता है जो मुस्लिम में सर्वश्रेठ होते है और हिन्दू परिवार ब्राह्मण है।

शहर के यमुनापार इलाके में यह मुस्लिम परिवार ईद की तरह रक्षाबंधन को भी अपने घर में धूम धाम से मनाता है। आज के दिन पूरा परिवार एक जुट होता है। पूरे घर के लोग पूरी रस्म और परंपरा के साथ रक्षा बंधन मनाते हैं। बता दें कि पिछले 35 सालों से इन दोनों परिवारों में कभी भी कोई बदलाव नहीं आया और पैतीस सालों से हिन्दू बहनों से यह मुस्लिम परिवार राखी बंधवाता आ रहा है। नैनी में रहने वाले रसिक विहारी दुबे के परिवार से पिछले 35 सालों से उन्हीं के पड़ोस में रहने वाले सैय्यद अज़ीज़ आलम का परिवार राखी बंधवाते हैं।

पैतीस साल पहले रहने आए मुस्लिम परिवार जो उनके पड़ोसी बने और तब से अब तक हर साल इस परिवार से राखी बंधवाते आ रहे हैं। आलम साहब के दो बेटे हैं और दोनों इनके परिवार से हर साल राखी पर आते हैं। जिनके बड़े बेटे का भी बेटा हुआ तो वह भी पिछले 8 सालों से इन्हीं के परिवार की बेटियों से राखी बंधवाता है। इस मुस्लिम परिवार की दो पीढ़ी इस रिश्ते को कायम रखी हुई हैं। ईद की तरह घर के बच्चे रक्षा बंधन पर भी नए कपड़े के साथ तैयार होते है। समाज ही नहीं देश भर में के मिशाल है कुर्ता, पैजामा, सर पर टोपी, माथे पर तिलक और हाथों में बंधी राखी। इस राखी से सिर्फ अलग अलग सम्प्रदाय से जुड़े दो परिवार का ही रिश्ता नहीं, बल्कि दुनिया को एक सूत में पिरोने की कोशिश भी है।

संगम नगरी से उन लोगों के लिए भी सन्देश है जो रिश्तों को धर्म-जाती से जोड़ते हैं। दोनों परिवार गंगा जमनी तहजीब की मिसाल है। इस बार सैय्यद परिवार ने मीडिया के माध्यम से सभी को अमन और भाई चारे के साथ रहने की नसीहत भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम हाइलाइट नहीं होना चाहते।



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Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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