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Prayagraj News: संगम पर मुंडन और सरकार का पिंडदान पर अड़े प्रतियोगी छात्र को पुलिस ने लिया हिरासत में
संगम पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मुंडन कराने और सरकार का पिंडदान करने पहुंचे एक दर्जन प्रतियागियों को पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया है।
Prayagraj News: प्रयागराज में लगे माघ मेले (Magh Mela 2022 Prayagraj) में प्रतियोगी छात्रों ने सरकार के खिलाफ आज प्रदर्शन किया। लोक सेवा आयोग की भर्तियों में हुई धांधली, और सीबीआई जांच का नतीजा न आने से नाराज़ है प्रतियोगी छात्र, सर मुंडवाकर किया विरोध, पुलिस और छात्रों के बीच हुई नोकझोक, कई प्रतियोगी छात्रो को पुलिस ने हिरासत में लिया।
संगम पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मुंडन कराने और सरकार का पिंडदान करने पहुंचे एक दर्जन प्रतियागियों को पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया है। प्रतियोगियों ने जैसे ही संगम किनारे मुंडन शुरू किया। पुलिस को इस बात की भनक लग गई और बलपूर्वक मुंडन रोक दिया।
प्रतियोगियों ने इसे सरकार का दमनकारी रवैया करार दिया है तो पुलिस प्रशासन का कहना है कि प्रतियोगी बिना किसी अनुमति के माघ मेला क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे थे। उधर हिरासत में लिया गया प्रतियोगी छात्रो का कहना है कि वो सभी शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस प्रशासन ज़बरदस्ती उनको हिरासत में लिए है।
सरकार की संवेदनहीनता और लोक सेवा आयोग की CBI जांच में सरकार के असहयोग से क्षुब्ध प्रतियोगी आज यानी 20 जनवरी को खुद का मुंडकर कराकर सत्ता का पिंडदान करने की घोषणा की थी। यही नहीं सरकार से प्रतियोगियों ने इच्छामृत्यु की भी मांग की थी। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि सरकार की संवेदनहीनता के कारण प्रतियोगीयो को ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। सरकार सहानुभूतिपूर्वक प्रातियोगीयो की मांगों पर विचार करने की बजाय उनका दमन करने पर उतारू है।
पुलिस प्रतियोगियों को शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध-प्रदर्शन नहीं करने दे रही है। आज प्रतियोगी जब विरोध-प्रदर्शन के लिए मुंडन शुरू कराए तो पुलिस ने दमनात्मक रवैया अपनाते हुए सभी को गिरफ्तार कर लिया। योगी सरकार में क्या मानसिक अवसाद से गुजर रहे प्रतियोगी क्या अपनी मांगों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन भी नहीं कर सकते। सरकार का ये तानाशाही रवैया नहीं चलेगा।
उधर, पुलिस इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार दुबे का कहना है कि प्रतियोगियों ने बिना किसी अनुमति के संगम क्षेत्र में मुंडन कराना शुरू किया था। यह नियम विरुद्ध है। लिहाजा प्रतियोगियों को प्रदर्शन से रोका गया है और उन्हें हिरासत में लिया गया है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रदर्शनकारी छात्रो ने बताया कि सरकार ने सीबीआई जांच में सहयोग नहीं किया। आयोग के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। उल्टे जिस एपीएस भर्ती की सीबीआई जांच कर रही है उन चयनितों का प्रमोशन हो रहा है।
हमारी मांग है कि लोकसेवा आयोग की CBI जांच के लिए SIT का गठन किया जाए और लंबित जांच तेज की जाए। पिछले पांच सालों में CBI जांच के नाम पर छात्रों को गुमराह किया गया। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई और न तो आयोग के भ्रष्टाचार में शामिल कर्मियों के विरुद्ध नामजद अभियोग पंजीकृत करने की अनुमति दी गई।
अतः प्रतियोगियों की मांग है CBI जांच को तेजी से पूरा करने के लिए SIT का गठन किया जाए। जिनके विरुद्ध CBI नामजद अभियोग पंजीकृत करने की अनुमति मांग रही है उन्हें तत्काल अनुमति प्रदान किया जाए । इसके अलावा लगभग 600 भर्ती परीक्षाओं की 40000 पदों की जांच के दोषियों को जेल भेजा जाए।