Prayagraj News: देवी की मूर्ति पर कोरोना का ग्रहण, बिक्री में 80 फीसदी की कमी, मूर्तिकार परेशान

Prayagraj News: कल से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है लेकिन हर साल बिकने वाली देवी मां की मूर्तियों की रौनक बाजारों में नहीं दिखाई दे रही है।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Shraddha
Published on: 6 Oct 2021 6:55 AM GMT
प्रयागराज के मूर्तिकार मूर्ति की बिक्री की कमी से हैं परेशान
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प्रयागराज के मूर्तिकार मूर्ति की बिक्री की कमी से हैं परेशान

Prayagraj News : देश में भले कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ गई हो, लोगों के चेहरे से मास्क धीरे धीरे उतर रहा हो। सामान्य जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हो। लेकिन अभी भी कुछ वर्ग ऐसे भी हैं जो कोरोना के कहर से परेशान हैं। आज भी कोरोना ने उनकी रोजी रोटी पर ग्रहण लगाए हुए है।

प्रयागराज के मूर्तिकार काफी परेशान हैं, कल से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, लेकिन हर साल बिकने वाली मूर्तियां, देवी मां की मूर्तियों की रौनक बाजारों में नहीं दिखाई दे रही है। मूर्तिकारों का कहना है कि पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना वायरस महामारी और बढ़ती महंगाई के चलते मूर्ति की डिमांड ना के बराबर हैं।

कोरोना काल के पहले तकरीबन 300 मूर्तियों का आर्डर मिल जाता था, लेकिन इस बार 50 मूर्तियों का भी आर्डर नहीं मिल पाया है। आपको बता दें प्रयागराज के भरद्वाज आश्रम के बगल कालीबाड़ी गली में दशकों से देवी की मूर्ति बनाने का काम चला आ रहा है, लेकिन इस कोविड काल में मूर्ति बना रहे कारीगर खासा परेशान हैं, कारीगरों का कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही थम गई हो, लेकिन उनके पास आर्डर न के बराबर हैं। इसके अलावा लोग व्यक्तिगत स्तर पर भी मूर्ति खरीदने में दिलचस्पी कम दिखा रहे हैं।

देवी की मूर्ति पर कोरोना का ग्रहण

मूर्तियों के ऑर्डर मिले कम

प्रयागराज की इसी जगह से अन्य जिलों में भी मूर्तियां भेजी जाती थीं लेकिन इस बार भी अन्य जिलों से बेहद कम आर्डर आए हैं। मूर्तिकार या कारीगर दूसरा कारण महंगाई और कोरोना काल में आई बेरोजगारी को बता रहे हैं क्योंकि जिस तरीके से पिछले दो साल से महंगाई बढ़ रही है, उसके चलते मूर्ति के दाम भी पिछले साल के मुताबिक थोड़े बढे हुए हैं।

कोलकाता से आए मूर्तिकार का कहना है कि दुर्गा पूजा की तैयारी को लेकर उन्होंने चार महीने पहले से देवी की मूर्तियां बनाने का काम शुरू कर दिया था, लेकिन इस बार मूर्ति ना बिकने की वजह से वह काफी परेशान हैं, उनका यह भी कहना है कि कोरोनावायरस ने धीरे धीरे त्योहारों का अस्तित्व भी खतरे में डाल दिया है।

बिक्री में 80 फीसदी की कमी

शहर के सबसे पुराने मूर्ति बनाने वाली जगह के कारीगर अब सरकार से गुहार लगा रहे हैं। कारीगर यह भी कह रहे हैं कि सरकार ने अभी तक कोई भी गाइडलाइंस जारी नही की हैं । हालांकि इस बार भी सरकार की पिछले साल जारी हुई गाइडलाइन के चलते ही मूर्ति का निर्माण किया गया है। अधिकतर मूर्तियां तीन से चार फिट तक की ही बनाई गई है। लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से इस बार कारीगरों को और भी दिक्कतें हो रही हैं क्योंकि मूर्ति में इस्तेमाल होने वाले हर सामान महंगे हो गए हैं, जिसके चलते जो भी ग्राहक मूर्ति लेने आ रहे हैं वह पुराने ही दामों पर मूर्ति खरीदना चाह रहे हैं। कोलकाता से आए कारीगर अब यह भी कह रहे हैं कि कोरोना काल अगर जल्द खत्म नहीं हुआ तो उनको वापस कोलकाता लौटना पड़ेगा।

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