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Prayagraj News: कोरोनाकाल में नौकरी जाने के बाद आखिर कैसे साधु बना युवक, पढ़ें पूरी खबर

देश दुनिया में तकरीबन 2 साल से चले आ रहे कोरोनावायरस महामारी ने पूरी दुनिया के लोगों के साथ-साथ भारत में भी कई लोगों को...

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Deepak Raj
Published on: 2 Sep 2021 10:00 AM GMT
Ashutosh Maharaj
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आशुतोष महाराज

Prayagraj News: देश दुनिया में तकरीबन 2 साल से चले आ रहे कोरोनावायरस महामारी ने पूरी दुनिया के लोगों के साथ-साथ भारत में भी कई लोगों को प्रभावित किया है। कोरोना काल मे हुए लॉक डाउन की वजह से कई लोगों की नौकरी चली गई तो कई लोग ही कारोबार पर भी इसका बड़ा असर पड़ा है। इसी कड़ी में प्रयागराज के रहने वाले आशुतोष श्रीवास्तव इस तरह प्रभावित हुए कि वह अब साधु बन गए हैं। लॉक डाउन की वजह से उनकी नौकरी और ट्रैवल एजेंसी का काम बंद हो गया और वह परिवार के गृहस्थ जीवन से अलग हो गए। हालांकि आशुतोष अपने परिवार और संपत्ति से संपन्न थे लेकिन खुद्दारी और अपने सम्मान के लिए वह किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना चाहते थे।


आशुतोष श्रीवास्तव- कोरोना से पहले की तस्वीर

नौकरी नहीं मिलने के कारण बना साधु

उन्होंने कई जगह नौकरी की तलाश की लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो वह अब साधु संत बन बैठे हैं। आशुतोष महाराज इसके लिए देश की सरकारों को जिम्मेदार बताया। आशुतोष महाराज का कहना है कि कोरोना काल में जब हर शख्स परेशान था तब दोनों सरकारें देश में अपनी राजनीति चमकाने का काम कर रही थी। आम जनता बदहाल थी तब सरकार ऑक्सीजन का बंदोबस्त ना करके राम जन्मभूमि अयोध्या में राममंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही थी। उस दौरान अस्पतालों में मरीज़ों की भरमार थी जबकि गरीबों का ख्याल ना रख कर के देश मे केवल भड़काऊ भाषण की राजनीति चल रही थी।

आशुतोष महाराज ने बताया कि कोविड काल से पहले वह पूर्व विधायक सईद अहमद की गाड़ी के ड्राइवर की नौकरी करते थे। जबकि लोन पर ली गई दो गाड़ियों को ट्रेवल्स में लगाकर के काम भी करते थे। लेकिन लॉक डाउन की वजह से नौकरी चली गई और गाड़ी का लोन भी नहीं पूरा हो पाया, जिसके चलते हैं वह बड़ी परेशानी से घिरते गए। एक बच्ची के पिता आशुतोष श्रीवास्तव महाराज ने अपनी पत्नी से आर्थिक तंगी के बारे में बात की और साधु बनने का फैसला किया पत्नी को मायके भेजने के बाद वह परिवार से अलग हो गए और अब संगम के किनारे एक पेड़ के नीचे रहने लगे।


कोरोना से पहले गाड़ी चलाने का काम करते थें आशुतोष


आशुतोष महाराज बेहद संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं महाराज बताते हैं कि उनके पिता बीते कई वर्षों से यूपी के पूर्व मंत्री राजा भैया के मुंशी के पद पर काम करते हैं जबकि इनकी माता सरकारी टीचर रह चुकी हैं। खुद कुछ करने की चाहत के चलते उन्होंने अपने परिवार के सामने हाथ नहीं फैलाया जिसके चलते हैं इन्होंने साधु बनने का फैसला किया। आशुतोष महाराज ग्रेजुएट हैं और फर्राटे से इंग्लिश भी बोलते हैं डेढ़ सालों में आशुतोष महाराज ने धर्म के बारे में जानकारी इकट्ठा करके मंत्रों का उच्चारण भी तेजी से करते हैं। उन्होंने बताया कि जब भी कोई विदेशी या दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं के पास वो भिक्षा लेने जाते हैं तो उनसे वो अंग्रेजी में बात करते हैं।


कोरोना में नौकरी जाने के बाद साधु बने आशुतोष श्रीवास्तव


हालांकि परिवार के लोग उनके इस कदम से काफी नाराज हैं और उनसे दूरी बना लिए हैं और वह भी उनसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते हैं। आशुतोष महाराज का कहना है कि साधु संत बनने के बाद अब वह पूरी तरह परिवारिक जीवन को त्याग दिए हैं और आगे की जिंदगी मां गंगा के चरणो में ही बिताना चाहते हैं। आशुतोष महाराज का कहना है कि वह किसी अखाड़े के साथ जुड़ना नहीं चाहते क्योंकि अखाड़ों में भी बड़ी राजनीति होती है वह अलग रह करके साधु की जिंदगी बिताना चाहते हैं।

Deepak Raj

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